खादर का यह इलाका 11 महीने तक सुनसान रहता है। लेकिन कार्तिक पूर्णिमा से पहले इस इलाके को रंग-बिरंगे तंबुओं से सजा दिया जाता है। रात में बल्बों की रंग-बिरंगी रोशनी श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर देती है।
कार्तिक पूर्णिमा मेला : गंगा किनारे हवन में आहुति देकर किया जाएगा शुभारंभ, मुख्य स्नान 15 नवंबर को
Nov 12, 2024 09:58
Nov 12, 2024 09:58
- गढ़मुक्तेश्वर की रेतीली जमीन को रंग-बिरंगे टेंटों से सजाया गया है।
- रात में बल्बों की रंग-बिरंगी रोशनी श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर देती है।
- 14 नवंबर को यहां दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए दीपदान किया जाएगा।
बसी तंबुओं की नगरी
खादर का यह इलाका 11 महीने तक सुनसान रहता है। लेकिन कार्तिक पूर्णिमा से पहले इस इलाके को रंग-बिरंगे तंबुओं से सजा दिया जाता है। रात में बल्बों की रंग-बिरंगी रोशनी श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर देती है। गंगा किनारे बसे तंबुओं के शहर में आज मंगलवार को शाम पांच बजे कार्तिक पूर्णिमा मेले का विधिवत उद्घाटन होगा। बता दें कि 14 नवंबर को यहां दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए दीपदान किया जाएगा, जबकि मुख्य स्नान 15 नवंबर को होगा। जिसके लिए जिला प्रशासन श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाएं कर रहा है।
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लाखों श्रद्धालुओं ने डाला डेरा
मेला प्रभारी ने बताया कि पूजन के लिए मेरठ कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे, सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष, सभी विधायकों व जनप्रतिनिधियों को निमंत्रण भेजा गया है। मेले में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली समेत कई प्रदेशों के कई जिलों से लाखों श्रद्धालुओं ने डेरा डाल रखा है। कार्तिक पूर्णिमा मेला स्थल पर मुख्य स्नान घाट के पास आरती स्थल के लिए मंच तैयार किया गया है। यहां प्रतिदिन शाम को पंडित विनोद शास्त्री व गोविंद शास्त्री द्वारा मनमोहक गंगा आरती की जा रही है।
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