National Epilepsy Day : कही-सुनी बातें छोड़कर...मिरगी को समझें

कही-सुनी बातें छोड़कर...मिरगी को समझें
UPT | राष्ट्रीय मिरगी दिवस पर लोगों को मिरगी बीमारी के बारे में जागरूक करते वरिष्ठ न्यूरो चिकित्सक डॉक्टर विनोद अरोडा।

Nov 17, 2024 10:34

मिरगी के दौरों को रोकने के लिए या व्यक्ति को फिर से शांत करने के लिए लोगों को अजीबों गरीब चीजें करते हुए जरूर देखा होगा। जिनमें से अधिकतर केवल अफवाह होते

Nov 17, 2024 10:34

Short Highlights
  • देश में करीब 12 मिलियन लोग मिरगी से त्रस्त
  • 15 लाख महिलाएं मिरगी रोग से पीड़ित
  • सही दवा और उपचार से 70 प्रतिशत लोग रोगमुक्त
National Epilepsy Day :  मिरगी सबसे आम विकारों में से एक है। यह मस्तिष्क की बीमारी है। ऐसा कहना है मेरठ के प्रसिद्ध न्यूरो चिकित्सक डॉक्टर विनोद अरोडा का। आज ​राष्ट्रीय मिरगी दिवस है। डॉक्टर विनोद अरोडा का कहना है कि भारत में करीब 12 मिलियन लोग मिरगी से पीड़ित हैं। उन्होंने बताया कि मिरगी की बीमारी जागरूकता में कमी के कारण ठीक नहीं होती है।

ग्रामीण इलाकों और अब शहरी क्षेत्रों में भी मिरगी को भूत प्रेत
उन्होंने बताया ग्रामीण इलाकों और अब शहरी क्षेत्रों में भी मिरगी को भूत प्रेत और अन्य अंधविश्वासों से जोड़कर देखा जाता है। जिसके चलते​ मिरगी से संबंधित बीमार व्यक्ति को समय से उपचार नहीं मिल पाता है। जिसके कारण बीमारी पुरानी होती जाती है। उन्होंने बताया कि मिरगी की बीमारी जितना पुरानी होगी उसको ठीक होने में उतना ही समय लगेगा। 

नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती
डॉक्टर विनोद अरोडा कहते हैं कि मिरगी एक ऐसी बीमारी है जो नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। इसके कारण व्यक्ति को दौरा पड़ता हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक पूरे विश्व में 20 करोड़ से भी अधिक लोग इस स्थिति से जूझ रहे हैं।

लोगों को जागरूक करने के लिए मिरगी दिवस 
डॉक्टर विनोद अरोडा कहते हैं ​कि मिरगी के दौरों को रोकने के लिए या व्यक्ति को फिर से शांत करने के लिए लोगों को अजीबों गरीब चीजें करते हुए जरूर देखा होगा। जिनमें से अधिकतर केवल अफवाह होते हैं। इन्हीं अफवाहों को हटाने के लिए और लोगों तक सही जानकारी पहुंचाने के लिए ही हर साल 17 नवंबर को नेशनल एपिलेप्सी अवेयरनेस डे मनाया जाता है।
डॉक्टर विनोद अरोडा के मुताबिक, मिरगी के मरीजों को डॉक्टरों के सही इलाज की और पारिवारिक सहारे की जरूरत होती है। जिससे कि वह मानसिक रूप से कमजोर न पड़ सकें लेकिन ऐसे लोगों से लोग दूरी बनाना शुरू कर देते हैं। मरीज को भूत प्रेतों का मामला बताकर कई बार गुमराह भी किया जाता है। लेकिन आपको इन ढकोसलों में पड़ने की बजाए मरीज को डॉक्टर तक लेकर जाना चाहिए। 

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