यूपी की बड़ी खबर : प्रदेशभर में बिजली चोरों के खिलाफ मार्च से अभियान, कनेक्शनों की एमआरआई होगी

प्रदेशभर में बिजली चोरों के खिलाफ मार्च से अभियान, कनेक्शनों की एमआरआई होगी
UPT | बिजली कनेक्शनों की एमआरआई जांच

Feb 29, 2024 11:27

मीटर में इंस्ट्रूमेंट को लगाकर ये पता लगाया जाता है कि जहां कनेक्शन लगा है। वहां बिजली की खपत कितनी है और बिजली कितनी खर्च हो रही है। अगर बिजली डिमांड से अधिक खर्च हो रही है तो इसका पता तुरंत चल जाएगा।

Feb 29, 2024 11:27

Short Highlights
  • यूपीपीसीएल एमडी ने दिए सभी डिस्काम को निर्देश 
  • मीटर शंट करके बिजली चोरी करने वालों की आएगी शामत
  • मार्च माह से शुरू होगी मीटरों की एमआरआई जांच 
Meerut News : मेरठ में अब बिजली चोरी करने वालों की खैर नहीं। मेरठ में कम किलोवाट के बिजली मीटर पर अधिक लोड चलाने और मीटर शंट करके बिजली चोरों के खिलाफ अब बिजली विभाग अगले महीने मार्च से बड़ा अभियान छेड़ने जा रहा है। इसके तहत बिजली कनेक्शनों की एमआरआई जांच होगी। मेरठ पीवीएनएल की ओर से अब तीन और चार किलोवाट के बिजली कनेक्शनों की एमआरआई यानी मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट कराई जाएगी। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन चेयरमैन डा. आशीष गोयल की तरफ से इस बारे में आदेश जारी किए हैं।

बिजली चोरी और सटीक बिजली खपत का चल सकेगा पता  
मीटरों की एमआरआई जांच से सटीक बिजली चोरी और बिजली खपत का पता चल सकेगा। पावर कारपोरेशन की तरफ से पहले 5 से 9 किलोवाट के विद्युत कनेक्शन की एमआरआई कराई जाती थी। इसके उत्साहजनक परिणाम आने के बाद अब विभाग ने तीन और चार किलोवाट के कनेक्शन की एमआरआई कराने का फैसला किया है। मार्च माह से ऐसे विद्युत कनेक्शनों की एमआरआई शुरू हो जाएगी। विद्युत विभाग के कर्मचारी घर-घर जाकर उपभोक्ताओं के मीटर की जांच करेंगे।

शहर में 60 हजार से अधिक हैं तीन और चार केवी के कनेक्शन
मेरठ में तीन और चार केवी के कनेक्शनों की संख्या 60 हजार से ज्यादा है। इन सभी विद्युत उपभोक्ताओं के यहां एमआरआई करने वाली कंपनी के अधिकारी उनके घर जाएंगे। जो विद्युत उपभोक्ता के मीटर की जांच करेंगे और उसकी वास्तविक खपत और मांग के बारे पता लगाएंगे।

जाने क्या है एमआरआई जांच 
एमआरआई का मतलब मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट है। इस उपकरण के इस्तेमाल से मीटरों की जांच होती है। मीटर में इंस्ट्रूमेंट को लगाकर ये पता लगाया जाता है कि जहां कनेक्शन लगा है। वहां बिजली की खपत कितनी है और बिजली कितनी खर्च हो रही है। अगर बिजली डिमांड से अधिक खर्च हो रही है तो इसका पता तुरंत चल जाएगा। मीटर पर अगर अधिक लोड है तो वह इस जांच में सामने आ जाएगा। इससे लोड के आधार पर मीटर की क्षमता को बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा मीटर को टैंपर करके बिजली चोरी होने का पता भी इसी जांच से चल जाएगा। 

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