डॉ. आरसी त्यागी ने संगीत के हर सुर की विशिष्ट फ्रीक्वेंसी निकालकर उन्हें गणित के आधार पर सिद्ध किया था। मानक फ्रीक्वेंसी के लिए उन्होंने स्वर मंडल की रचना की।
Meerut News : नासा के पूर्व वैज्ञानिक के परिजनों ने सीसीएसयू विवि को दान किया पैतृक मकान
Nov 15, 2024 09:39
Nov 15, 2024 09:39
- सीसीएसयू वीसी प्रो. संगीता शुक्ला को सौंपे मकान के कागजात
- पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर लौटे थे स्वदेश
- अपना पैतृक आवास सीसीएसयू को दान करने की जताई थी इच्छा
पुस्तकालय अथवा अध्ययन केंद्र बनाने के लिए दान कर दिया
चौधरी चरण सिंह विवि की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला से मुलाकात करके पैतृक आवास को विश्वविद्यालय का पुस्तकालय अथवा अध्ययन केंद्र बनाने के लिए दान कर दिया गया। नासा के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. आरसी त्यागी का बुढ़ाना गेट स्थित मकान लगभग 400 वर्ग गज क्षेत्रफल में बना हुआ है। करोड़ों रुपये की कीमत के मकान की कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद बेटे राजेश त्यागी और भतीजी शिखा त्यागी ने कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला को कागजात सौंप दिए।
नासा के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. आरसी त्यागी का 2020 में निधन
मेरठ बुढ़ाना गेट निवासी नासा के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. आरसी त्यागी का 2020 में निधन हो गया था। बेटे डॉ. दिनेश त्यागी और डॉ. राजेश त्यागी भी अमेरिका में वैज्ञानिक हैं। डॉ. आरसी त्यागी की भतीजी शिखा त्यागी ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला से मुलाकात करके उनके पैतृक आवास को विश्वविद्यालय का पुस्तकालय अथवा अध्ययन केंद्र बनाने के लिए देने की इच्छा जताई थी। विश्वविद्यालय ने इस मामले में कानूनी राय ली और मकान को लेने की मंजूरी दे दी। मकान देने की कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद डॉ. आरसी त्यागी के बेटे डॉ. राजेश त्यागी और भतीजी शिखा त्यागी ने कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला को मकान के कागजात सौंप दिए।
प्रधानमंत्री के कहने पर नासा छोड़कर लौटे थे भारत
डॉ. आरसी त्यागी के परिवार के करीबी रहे अतुल त्यागी ने बतायया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर डॉ. आरसी त्यागी और नासा में कार्यरत दूसरे भारतीय वैज्ञानिक डॉ. पीएल जैन भारत लौट आए थे। इसके बाद उन्होंने डीआरडीओ में वरिष्ठ रक्षा वैज्ञानिक के तौर पर काम शुरू कर दिया। एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल के डिटेक्टर को बनाने में सफलता मिलने पर उनके प्रोजेक्ट को रोक दिया गया। इसके बाद वे डीआरडीओ से बाहर आ गए और इसके खिलाफ लंबे समय तक कानूनी लड़ाई लड़ते रहे। वर्ष 2020 में 85 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। उनकी गिनती देश के वरिष्ठ फिजिक्स वैज्ञानिकों में होती थी।
डॉ. आरसी त्यागी ने निकाली संगीत के सुरों की विशिष्ट फ्रीक्वेंसी
उन्होंने बताया कि डॉ. आरसी त्यागी ने संगीत के हर सुर की विशिष्ट फ्रीक्वेंसी निकालकर उन्हें गणित के आधार पर सिद्ध किया था। मानक फ्रीक्वेंसी के लिए उन्होंने स्वर मंडल की रचना की। प्रो. आरसी त्यागी की इस खोज की बहुत प्रशंसा की थी। इसके बाद डॉ. आरसी त्यागी चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के फिजिक्स विभाग से भी जुड़े रहे।
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