तीनों को रात भर दर्दनाक यातनाएं दी। उसके बाद गोली मारकर मौत के घाट उतारा फिर तलवार से तीनों छात्रों की लाशों को काट डाला। इजलाल की दरिंदगी यहीं नहीं रूकी उसने तलवार से तीनों छात्रों की लाशों को काटने के बाद उनको पानी से धोया...
मेरठ गुदड़ी बाजार तिहरा हत्याकांड : शीबा सिरोही वो नाम जिसने उजाड़ दिए तीन घरों के चिराग, जानें क्या था पूरा मामला
Aug 01, 2024 21:55
Aug 01, 2024 21:55
- गुदड़ी बाजार में इजलाल ने खेला पूरी रात मौत का खेल
- शीबा सिरोही के कहने पर इजलाल ने दी थी तीनों को दर्दनाक मौत
- गुदड़ी बाजार में 23 मई की रात चला था मौत का नंगा नाच
प्रेमिका शीबा सिरोही के कहने पर बुलाया और तीनों को रात भर दर्दनाक यातनाएं दी
इजलाल ने अपने भाइयों के साथ मिलकर तीनों छात्रों को 23 मई 2008 को अपनी प्रेमिका शीबा सिरोही के कहने पर बुलाया और इसके बाद तीनों को रात भर दर्दनाक यातनाएं दी। उसके बाद गोली मारकर मौत के घाट उतारा फिर तलवार से तीनों छात्रों की लाशों को काट डाला। इजलाल की दरिंदगी यहीं नहीं रूकी उसने तलवार से तीनों छात्रों की लाशों को काटने के बाद उनको पानी से धोया और उसके बाद कार की डिग्गी में भरकर गंगनहर की पटरी के पास छोड़ आया था।
शीबा और इजलाल सहित नौ आरोपी दोषी करार
मेरठ के चर्चित गुदड़ी बाजार तिहरा हत्याकांड मामले में आज अदालत ने युवती शीबा समेत सभी आरोपियों को दोषी करार दिया है। अदालत पांच अगस्त को आरोपियों को सजा सुनाएगी। आज जब अदालत ने अपना फैसला सुनाया तो मृतक तीन छात्रों के परिजनों की आंखों में आंसू आ गए। पीड़ित परिजनों ने कहा कि उनके बेटों की आत्मा को आज सुकून मिला है। आज सभी आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया। इस दाैरान आरोपी युवती घूंघट में कोर्ट पहुंची।
दोस्ती का वास्ता देकर बुलाया और बेरहमी से मारा
इजलाल ने तीन दोस्तों को दोस्ती का वास्ता देकर बुलाया था और उसके बाद तीनों को बेरहमी से बारी-बारी से दर्दनाक माैत देकर मार दिया था। गुदड़ी बाजार ट्रिपल मर्डर केस खुलासा हुआ तो शहर में भूचाल आ गया था। मेरठ में हर तरफ आक्रोश था। पुलिस जांच में सामने आया कि हत्या की वजह शीबा सिरोही थी। जिसकी वजह से इजलाल ने तीन दोस्तों को माैत की भेंट चढ़ा दिया था। बताया जाता है कि जिस समय इजलाल तीनों दोस्तों को दर्दनाक मौत दे रहा था उस दौरान शीबा सिरोही भी वहां पर मौजूद थी।
बागपत के बालैनी गांव के जंगल में मिली थी लाशें
23 मई, 2008 को बागपत के बालैनी गांव के जंगल में नदी के किनारे एक कार में तीनों दोस्तों की लाश मिली थी। तीनों की पहचान मेरठ कॉलेज के छात्र सुनील ढाका निवासी जागृति विहार, पुनीत गिरि निवासी परीक्षितगढ़ रोड और सुधीर उज्जवल निवासी सिरसली बागपत के रूप में हुई थी। तीनों युवकों की लाश देखकर मेरठ में जनाक्रोश फैला था। मामले की गूंज दिल्ली और लखनऊ तक फैली थी। मामला दो समुदाय से जुड़ा होने पर मेरठ में माहौल तनावपूर्ण हो गया था। हत्याकांड के विरोध में शहर के बाजार बंद रहे। पुलिस ने हाजी इजलाल व उसके चारों भाइयों को जेल भेजा था।
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