World Parkinsons Day : शरीर में दिखे ये लक्षण तो सकते हैं पर्किंसन के शिकार, जानें बचाव और खानपान

शरीर में दिखे ये लक्षण तो सकते हैं पर्किंसन के शिकार, जानें बचाव और खानपान
UPT | एलएलआरएम मेरठ में विश्व पार्किंसंन दिवस के मौके पर जागरूकता कार्यक्रम

Apr 19, 2024 16:39

इस बीमारी में दिमाग़ की प्रमुख कोशिकाएं प्रभावित होती हैं। जिसमें हाथ और पैरों में कंपन होता है। इसके अलावा शरीर की अन्य मांसपेशियां सख़्त...

Apr 19, 2024 16:39

Short Highlights
  • लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज मेरठ में विश्व पार्किंसंन दिवस मनाया
  • प्राचार्य मेडिकल कॉलेज मेरठ डॉ. आरसी गुप्ता ने बताए बीमारी के लक्षण  
  • विश्व पार्किंसंन दिवस 'इंटीग्रेटेड हेल्थ केयर' थीम के तहत मनाया गया
Meerut News : मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज में विश्व पर्किंसन दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने विश्व पर्किंसन दिवस के इतिहास के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 1817 में न्यूरोडिजेनरेटिव विकार का पहले मामले की खोज डॉ. जेम्स पर्किंसन ने की थी।

पर्किंसन एक ब्रेन डिसऑर्डर  
पर्किंसन एक ब्रेन डिसऑर्डर है और ज़्यादातर यह बुजुर्ग अवस्था में होती है। आज भी इस गंभीर बीमारी के प्रति लोगों में जानकारी का आभाव है। जागरूकता को बढ़ाने के लिए हर साल कई कार्यक्रम, कैम्प आयोजित किए जाते हैं। इस साल विश्व पर्किंसन दिवस 'इंटीग्रेटेड हेल्थ केयर' थीम के तहत मनाया जा रहा है। इस बीमारी में दिमाग़ की प्रमुख कोशिकाएं प्रभावित होती हैं। जिसमें हाथ और पैरों में कंपन होता है। इसके अलावा शरीर की अन्य मॉशपेशिया सख़्त हो जाती हैं। खुद का शारीरिक संतुलन नहीं बन पाता है। 

डोपमिन उत्पादक न्यूरॉन्स को प्रभावित करता है
मेडिकल कॉलेज मेरठ के न्यूरोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.दीपिका सागर ने पर्किंसन रोग के लक्षण के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने बताया कि पर्किंसन रोग एक न्यूरोडिजेनरेटिव विकार है। जो मुख्य रूप से दिमाग़ के एक विशिष्ट क्षेत्र में डोपमिन उत्पादक न्यूरॉन्स को प्रभावित करता है, जिसे सब्स्टेंशिया निग्रा कहते हैं। इस बीमारी के लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होते हैं। अलग-अलग मरीज़ों में लक्षणों का नज़र आना भिन्न-भिन्न होता है। 

किस तरह कंट्रोल करें
मेडिकल कॉलेज मेरठ के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अंकित कुमार गुप्ता ने पर्किंसन रोग को खानपान के द्वारा किस तरह कंट्रोल किया जा सकता है। इस संबंध में उन्होंने आम लोगों को बताया कि अपने प्रतिदिन की डाइट में कुछ बदलाव लाने से इस बीमारी को कंट्रोल कर सकते हैं। इसके लिए एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे फिश आयल, विटामिन बी-वन, विटामिन सी, विटामिन डी से भरपूर चीज़ इस बीमारी से ग्रस्त मरीज़ों को देनी चाहिए। इसके अलावा ओमेगा-3 फैटी एसिड तंत्रिका सूजन को कम करने, न्यूरोट्रांसमिशन बढ़ाने, न्यूरोडीजनरेशन रोकने में मदद करता है। इसी के साथ लोगों को अधिक चीनी, नमक, हाई कोलेस्ट्रॉल आदि का खाद्य पदार्थ मरीज़ों को नहीं देने चाहिए। 

कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
कार्यक्रम के दौरान सरदार वल्लभ भाई पटेल चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक डॉ. धीरज राज, पीएमएमएसवाई ब्लॉक के प्रमुख अधीक्षक एवं न्यूरोसर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अखिल प्रकाश, न्यूरोसर्जन डॉ. देवेंद्र अहलावत, डॉ. अरविंद कुमार, डॉ. राहुल सिंह, न्यूरोलॉजी विभाग के  रेजीडेंट डॉक्टर आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने न्यूरोलॉजी विभाग को बधाई दी।
 

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