Lucknow News : पीएम स्वनिधि योजना में पात्रों को दिया जाए कर्ज 

पीएम स्वनिधि योजना में पात्रों को दिया जाए कर्ज 
UPT | लखनऊ।

Jul 03, 2024 00:55

राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) मुख्यालय में मंगलवार को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत ऋण वितरण और लाभार्थियों के सामने आने वाली समस्याओं व स्वयं सहायता समूहों के लिए बैंक लिंकेज आदि मुद्दों पर चर्चा हुई।

Jul 03, 2024 00:55

Lucknow News : राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) मुख्यालय में मंगलवार को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत ऋण वितरण और लाभार्थियों के सामने आने वाली समस्याओं व स्वयं सहायता समूहों के लिए बैंक लिंकेज आदि मुद्दों पर चर्चा हुई।

निदेशक सूडा डॉ. अनिल कुमार ने सभी बैंकों के प्रतिनिधियों बैंक ऑफ बड़ौदा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बड़ौदा यूपी बैंक, आर्यवर्त बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, प्रथमा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, इंडियन बैंक, यूको बैंक व केनरा बैंक के प्रतिनिधि शामिल हुए। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत स्ट्रीट वेंडर्स को पहला कर्ज 10000 रुपये, दूसरा 20000 और तृतीय लोन के रूप में 50000 रुपये का कर्ज बैंकों की तरफ से दिया जाता है।

बैठक में प्रदेश के सभी 75 जिलों से परियोजना अधिकारियों व शहर मिशन प्रबंधक ने भी वर्चुअल कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया। इस दौरान बैंकर्स को समस्याओं से अवगत कराया गया। जिसे समस्त बैंक प्रतिनिधियों ने बेहद गंभीरतापूर्वक सुना व जल्द ही प्रभावी निस्तारण का आश्वासन भी दिया।

अवैध दो शॉपिंग कॉम्पलेक्स व दो मैरिज हॉल सील
लखनऊ विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन जोन-5 की टीम ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की। जानकीपुरम में अवैध रूप से निर्मित किये जा रहे दो शॉपिंग कॉम्पलेक्स को सील किया। वहीं, इंदिरा नगर में दो अवैध मैरिज हॉल पर सीलिंग की कार्रवाई की गयी। 

प्रवर्तन जोन-5 के जोनल अधिकारी राजकुमार ने बताया कि पवन आनंद व अन्य की ओर से जानकीपुरम के सेक्टर-एच में भूखण्ड संख्या-4/760 पर लगभग 200 वर्गमीटर क्षेत्रफल में भूतल व प्रथम तल पर अवैध रूप से दुकानों, हॉल व कार्यालय के लिए चैम्बर आदि का निर्माण कराया गया था। इसके अलावा संजय मिश्रा व अन्य की ओर से जानकीपुरम में साठ फिटा रोड पर भारत पेट्रोलियम के बगल में लगभग 6000 वर्गफिट क्षेत्रफल के भूखण्ड पर लोअर ग्राउंड फ्लोर, अपर ग्राउंड फ्लोर, प्रथम तल व द्वितीय तल पर दुकानों, हॉल व ममटी आदि का निर्माण करवाया जा रहा था। प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराये बिना अवैध रूप से किये जा रहे इन दोनों व्यावसायिक निमार्णों के विरूद्ध विहित न्यायालय द्वारा वाद योजित करते हुए सीलिंग के आदेश पारित किए गए थे।

इसके अलावा कुसुम सिंह व अन्य की ओर से इंदिरा नगर में जरहरा रोड पर लगभग 8000 वर्गफिट क्षेत्रफल के भूखंड पर मैरिज हॉल का निर्माण करवाया जा रहा था। वहीं, विनोद कुमार त्रिपाठी व अन्य की ओर से इंदिरा नगर के तकरोही में पेट्रोल पम्प के पास लगभग 4000 वर्गफिट भूखंड क्षेत्रफल में चार मंजिला मैरिज हॉल का निर्माण करवाया जा रहा था। प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराये बिना अवैध रूप से किये जा रहे इन दोनों निमार्णों को प्रवर्तन टीम द्वारा पूर्व में सील किया गया था। वर्तमान में स्थल पर निर्माण कार्य प्रचलित मिलने पर पुन: कार्रवाई के आदेश दिये गये थे। इसके अनुपालन में मंगलवार को सहायक अभियंता प्रवीण कुमार के नेतृत्व में अवर अभियंता सुरेन्द्र द्विवेदी, सरोज कुमार व शिव कुंवर द्वारा प्राधिकरण पुलिस व स्थानीय थाने के पुलिस बल के सहयोग से उक्त चारों अवैध निर्माणों को सील कर दिया गया।

ऑडिट आपत्ति न होने से नगर निगम के 4500 कर्मचारियों का वेतन रूका
नगर निगम में कार्यरत करीब 4500 कर्मचारियों का जुलाई माह का वेतन रोक दिया गया है। इससे कर्मचारियों में आक्रोश है। कर्मचारी संगठनों ने प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। चतुर्थ श्रेणी व अल्प वेतन भेगी कर्मचारियों के साथ ही सफाई कर्मियों का वेतन रोक दिया गया है।

नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आनंद वर्मा ने कहा कि मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का वेतन रोके जाने का आदेश नगर आयुक्त की ओर से नहीं दिया गया है। लेकिन आडिट आपत्तियों का निराकरण भी कराया जाना नितांत आवश्यक है। तत्काल आडिट आपत्तियों का निराकरण कराया जाना चाहिए जिससे नगर निगम की कार्य शैली पर विपरीत प्रभाव न पड़े। करें कोई भरे कोई की कहावत निंदनीय है। बिना आदेश के अल्प वेतन भोगी कर्मचारियों का वेतन मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी की ओर से रोके जाने पर संघ ने घोर निंदा की है। तत्काल अल्प वेतन भोगी कर्मचारियों का वेतन निर्गत न  करने की दशा में संघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा।

नगर निगम एवं जल कल कर्मचारी संघ, लखनऊ के अध्यक्ष शशि कुमार मिश्र ने कहा संगठन आडिट आपत्तियों को लेकर आम कर्मचारियों जिनका आडिट आदि मैटर से कोई लेना देना नहीं आदि लेखा विभाग सहित अन्य कर्मचारियों का वेतन रोके जाने की घोर निन्दा करता है। यह स्थिति कैसे उत्पन्न हुई। उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गयी। प्रशासन पर लगातार एकतरफा फैसले लेने का आरोप लगाया। कर्मचारी समाज की समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है। संगठन ने मांग की है कि इस प्रकार की तुगलकी फरमान से कर्मचारी समाज परेशान हो रहा है। 

नालों पर काबिज अतिक्रमण हटाए जाएंगे
मानसून की बरसात के बाद भी शहर में जलभराव की शिकायत आ रही है। वहीं नगर निगम पर नालों की सफाई न कराने का आरोप लग रहा है। जबकि अभी मानूसन के तीन महीने बचे हैं। ऐसे में नगर निगम नाली और नाले की दोबारा सफाई करायेगा। इसके साथ ही बड़े नालों पर अवैध कब्जा कर स्थायी व अस्थायी अतिक्रमण हटेंगे। सभी को एक सप्ताह में खुद से अतिक्रमण हटाने का समय दिया गया है। इसके बाद नगर निगम कार्रवाई करेगा।

नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने इस सम्बंध में अभियंताओं को निर्देश दिए हैं। नगर आयुक्त का कहना है कि बड़े नालों पर कई जगह अतिक्रमण है। अतिक्रमण हटाने की कवायद मौलवीगंज वार्ड से शुरू किया गया है। यहां कई जगह अस्थायी निर्माण कुछ लोग ने खुद तोड़कर हटा लिया है। बचे हुए लोगों को नगर निगम का इंजिनियरिंग विभाग ने नोटिस देकर खाली करने को कहा है। यह कार्रवाई हैदर कैनाल, सरकटा नाला और किला मोहम्मदी पर चलाया जाएगा। नगर आयुक्त का कहना है कि, मशकगंज में तो कई जगह नाले के ऊपर भवनों का कुछ हिस्सा तक बनाकर खड़ा कर दिया है। कई जगह नाले के ऊपर बालकनी से लेकर रैंप बना दिया है। इन सभी को तोड़ने की कवायद की जाएगी। इसके लिए पुलिस फोर्स की भी नगर निगम को जरूरत पड़ेगी।

पुलिस फोर्स के लिए नगर आयुक्त ने पुलिस कमिश्नर को पत्र भी लिख दिया है। नगर आयुक्त ने बताया कि इस्लामिया कॉलेज से लेकर नूर मंजिल तक बड़े नाले के ऊपर कई व्यापारिक प्रतिष्ठान बन गए हैं। नाले के ऊपर रैंप बनने से उसकी सफाई नहीं हो पा रही है। इसके लिए लालबाग के उस इलाके के व्यापारियों के साथ बैठक कर बीच का रास्ता निकालेंगे। व्यापारियों से अपील की जाएगी कि वह नाले के ऊपर बने रैंप को खुद तोड़कर हटा लें। ऐसा न करने पर नगर निगम को अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि बरसात में मकानों के रैंप को तोड़ने से अव्यवस्था फैल जाएगी। रैंप तोड़ने से कई जगह कालोनियों की नाली भी क्षतिग्रस्त होगी। इसलिए दिसंबर से वार्डवार अतिक्रमण के खिलाफ नोटिस देकर कार्रवाई होगी।

नगर स्वास्थ्य अधिकारी से छिना चार्ज
नगर निगम में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विजय कुमार को सोमवार देर शाम कार्य में लापरवाही बरतने पर कार्यमुक्त कर दिया गया है। उन पर आरोप है कि बरसात से पहले नाली के सफाई के कार्य को गंभीरता से नहीं लिया। साथ ही वार्ड में निरीक्षण के बजाए वह अपने ऑफिस में बैठे रहते थे। जबकि 30 जून को डॉ. विजय कुमार अपने मूल कैडर से रिटायर हो चुके थे। इसके बाद भी इन्हें एनएसए के तौर पर तैनाती रखी थी। लेकिन पार्षदों ने नगर आयुक्त से एनएसए के फील्ड मे न जाने और जनसुनवाई न करने की शिकायत की थी।

इसके बाद उन्हें कार्यमुक्त कर एनएसए का चार्ज अपर नगर आयुक्त ललित कुमार को सौंपा है। 31 अगस्त 2023 को तत्कालीन एनएसए डॉ सुनील कुमार रावत के रिटायर होने के बाद अब तक दो डॉक्टर इस पद पर कार्यरत हो चुके हैं। लेकिन 10 महीने के भीतर दोनों एनएसए को काम में दिलचस्पी न दिखाने पर हटाया गया है। इससे पहले 31 मार्च तत्कालीन एनएसन डॉ. योगेश कुमार को हटाकर डॉ. विजय कुमार की तैनाती हुई थी। लेकिन दोनों पर काम में लापरवाही बरतने का आरोप है। बता दें, नगर निगम में एनएसए का पद स्वास्थ्य विभाग के किसी सीनियर डॉक्टर को दिया जाता है। इनकी तैनाती प्रतिनियुक्ति पर नगर निगम में होती है। अब स्वास्थ्य विभाग से नए एनएसए के लिए पत्र लिखा जाएगा।

नगर निगम में पहुंची पुलिस, जीआईएस कंपनी के खिलाफ दर्ज मुकदमे की छानबीन की
लखनऊ नगर निगम में भवनों का सर्वे करने वाली कंपनी जियोइन्फोसिस टेक्नॉलाजीस के खिलाफ दर्ज एफआईआर की पुलिस छानबीन करने नगर निगम लालबाग मुख्यालय पहुंची। यहां मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अम्बी बिष्ट से मुलाकत विवेचना अधिकारी ने कंपनी के सम्बंध में जानकारी मांगी। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने विवेचना अधिकारी को बताया कि कंपनी को जब काम दिया गया था तब वह यहां तैनात नहीं थीं। उन्होंने जीआईएस से जुडेÞ दस्तावेज को देने के लिए सप्ताहभर का समय दिया है।

बता दें कि जियोइन्फोसिस टेक्नॉलाजीस वर्तमान में नियोजियो इन्फो टेक्नलिजीस प्राइवेट लिमिटेड को नगर निगम में भवनों का गृहकर बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है। कंपनी ने जीआईएस सर्वे के लिए क्विक रिसर्च एवं सेल्स प्रोमोशन को काम सौंप दिया। क्विक रिसर्च एवं सेल्स प्रोमोशन के प्रोपराईटर कैलाश कुमार दीक्षित की ओर से बीते दिनों कंपनी के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर लिखाई गई थी। इसमें आरोप लगाए गए कि संपत्तियों के सर्वे के लिए जीआईएस बेस्ड प्रपर्टी सर्वे वर्ष 2019 में नगर निगम लखनऊ, गाजियाबाद एवं इलाहाबाद हेतु मेसर्स जियोइन्फोसिस टेक्नलिजीस को काम दिया गया था। इसके बाद लखनऊ में भवनों के सर्वे के लिए फर्म को अधिकृत करते हुए एक लाख संपत्तियों के सर्व के लिए प्रति सर्वे 32 रुपये की धनराशि तय की गई थी।

इसके बाद कुल 4.95 लाख संपत्तियों का सर्वे कराया, जनपद गाजियाबाद की 44.275 संपत्तियों का सर्वे कराया गया एवं जनपद प्रयागराज में लगभग 12 हजार संपत्तियों का सर्वे कराया गया। समय पर काम पूरा कराने के लिए अपने परिजनों, मित्रों एवं बाजार से ऋण ले लिया। मगर कंपनी की ओर से सिर्फ 89 लाख रु का भुगतान किया गया। बाकी धनराशि हड़प ली गई। कंपनी के क्षेत्रीय कार्यालय में संपर्क करने के बाद भी निराशा हाथ लगी। आरोप है कि निदेशक श्रीरमन के संपर्क शासन प्रशासन में बैठे हुए उच्चाधिकारियों से हैं और प्रायों की हत्या करवा देंगे। कंपनी की ओर से एक करोड़ चौबीस लाख तेरह हजार तीन सौ चौरानवे देय है। कंपनी के कर्मचारियों नीरज सिंह राणा, गौरव सखूजा, विनोद शर्मा, विकास सूर्यन एवं श्रीरमन के विरुद्ध अमानत में खयानत कपट एवं जालसाजी करते हुए स्वयं अवैध रूप से अवैध आर्थिक लाभ अर्जित किये जाने को लेकर मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।

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