कार्तिक मास की आंवला नवमी पर महिलाओं ने पारंपरिक आस्था के साथ आंवला वृक्ष की पूजा और परिक्रमा की। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आंवला वृक्ष में भगवान श्रीविष्णु, श्रीकृष्ण और राधा का वास होता है, इसलिए कार्तिक महीने में विशेष रूप से इस वृक्ष की पूजा की जाती है।
कार्तिक मास की आंवला नवमी : महिलाओं ने वृक्ष की परिक्रमा कर की पूजा, घर में सुख-समृद्धि व आरोग्य की कामना की
Nov 10, 2024 23:42
Nov 10, 2024 23:42
सकारात्मक ऊर्जा का होता है प्रवाह
कार्तिक माह को अत्यधिक शुभ माना गया है और इस महीने आंवला को 'अमृत फल' की संज्ञा दी गई है। आंवला नवमी पर वृक्ष की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और आरोग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस पावन अवसर पर श्रद्धालु सुबह जल्दी उठकर आंवले के पेड़ पर गंगाजल अर्पित करते हैं और चंदन, अक्षत, रोली, कुमकुम, हल्दी, और फूल से पूजा करते हैं। इसके बाद पेड़ के निकट दीपक जलाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
कार्तिक माह में आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करना भी विशेष फलदायक माना जाता है
परंपरा के अनुसार, कार्तिक माह में आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करना और आंवले का सेवन करना भी विशेष फलदायक माना जाता है। इससे न केवल स्वास्थ्य लाभ मिलता है बल्कि सफ़ेद बालों की समस्या में भी राहत मिलती है। इस पूजा का महत्व संतान की दीर्घायु, परिवार की समृद्धि और सुख-शांति के लिए माना गया है। आंवला नवमी पर आंवला वृक्ष की पूजा करके श्रद्धालु अक्षय पुण्य प्राप्त करते हैं और जीवन में सुख, शांति, व आशीर्वाद का संचार होता है।
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