गंगा-जमुनी तहजीब और साम्प्रदायिक सौहार्द का प्रतीक माने जाने वाले कंतित के उर्स मेले में दूर-दराज से जायरीन और सूफी संतों का तांता लगा रहता है।
Mirzapur News : सौहार्द का प्रतीक बना कंतित का उर्स, हिन्दू परिवार की चादरपोशी से होती है शुरुआत
Jan 07, 2025 20:11
Jan 07, 2025 20:11
हिन्दू परिवार की चादरपोशी से शुरू होता है उर्स
ख्वाजा इस्माइल चिश्ती की कंतित स्थित दरगाह पर हर साल चार दिनों तक चलने वाले इस उर्स में हजारों जायरीन पहुंचते हैं। यह दरगाह अजमेर शरीफ के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के भांजे ख्वाजा इस्माइल चिश्ती से जुड़ी हुई है, जिन्हें मानने वाले लोग यहां आकर मत्था टेकते हैं। मान्यता है कि यहां आने वाला कोई भी श्रद्धालु खाली हाथ नहीं लौटता, और हर कोई अपनी मुराद पूरी होते हुए देखता है।
चार दिनों तक चलता है कंतित का उर्स
कसरहट्टी मोहल्ले के एक हिन्दू परिवार द्वारा दरगाह पर पहली चादर चढ़ाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस चादरपोशी के साथ ही मेले का शुभारंभ होता है। यह परंपरा धार्मिक सहिष्णुता और एकता का जीवंत उदाहरण है। दरगाह के मुजावर बताते हैं कि इस उर्स में हर धर्म और समुदाय के लोग शामिल होते हैं। जो लोग अजमेर शरीफ नहीं जा पाते, वे ख्वाजा इस्माइल चिश्ती की दरगाह पर आकर अपनी इच्छाएं पूरी करने की मन्नत मांगते हैं।
Also Read
8 Jan 2025 10:19 PM
सोनभद्र के चोपन थाना क्षेत्र में एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां एक 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ डेढ़ साल तक दुष्कर्म किया गया... और पढ़ें