वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा : लहलहा रही तिल की फसल, मिलीभगत से जंगल में हो रही खेती

लहलहा रही तिल की फसल, मिलीभगत से जंगल में हो रही खेती
UPT | वन विभाग की जमीन पर लहलहा रही फसल

Sep 14, 2024 19:03

हर साल सरकार लाखों रुपए वृक्षारोपण के लिए खर्च करती है, लेकिन इसके बावजूद वन विभाग की ज़मीन पर किसान खेती कर रहे हैं। इन गांवों में वन विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं...

Sep 14, 2024 19:03

Short Highlights
  • मिर्जापुर में वन विभाग की जमीन पर हो रही अवैध खेती
  • विभाग के अधिकारी खेती के लाभ का हिस्सा लेते हैं
  • पटेहरा और सिरसी में अवैध कब्जे की समस्याएं बढ़ रहीं
Mirzapur News : मिर्जापुर जिले में वन विभाग की सैकड़ों बीघे ज़मीन पर ग्रामीणों द्वारा अवैध कब्जा कर खेती की जा रही है। इन क्षेत्रों में मौसमी फसल लहलहा रही है, जो कि वन विभाग की जमीन पर उगाई जा रही है। हर साल सरकार लाखों रुपए वृक्षारोपण के लिए खर्च करती है, लेकिन इसके बावजूद वन विभाग की ज़मीन पर किसान खेती कर रहे हैं। इन गांवों में वन विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं, जो ग्रामीणों से मिलकर विभाग की ज़मीन पर खेती करने की व्यवस्था करते हैं और इसके लाभ का हिस्सा विभाग को पहुंचाते हैं।

मिलीभगत से हो रही अवैध खेती
पटेहरा रेंज और सिरसी में दर्जनों गांवों में अवैध कब्जे की समस्याएं बढ़ रही हैं। विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से ग्रामीण बेखौफ होकर जंगल की बेशकीमती लकड़ी काटकर खेती कर रहे हैं। इन गांवों में तिल्ली की फसल उगाई जा रही है और वन विभाग इस अवैध गतिविधि को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। स्थानीय जंगलों की सुरक्षा के लिए वन विभाग के गार्ड और वाचर नियुक्त किए गए हैं, लेकिन इनकी उपस्थिति के बावजूद अवैध गतिविधियां जारी हैं।



पौधे उखाड़ कर की जाती है खेती
सरकार हर साल जंगलों में वृक्षारोपण के लिए बड़े पैमाने पर खर्च करती है, लेकिन इन प्रयासों को अधिकतर नकारात्मक परिणाम मिलते हैं। लगाए गए पौधे जल्दी ही उखाड़ दिए जाते हैं और जंगल में छोटी-छोटी झाड़ियों को ट्रैक्टर से जोतकर खेती की जाती है। सिरसी, लेडुकी, गजरहा, राहकला और अन्य जंगलों में ट्रैक्टरों की भारी संख्या में पहुंचने से वन विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठते हैं।

स्थानीय ग्रामीणों ने दी जानकारी
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग के वाचर, जो खुद भी गांव के ही हैं, ट्रैक्टर संचालकों से वसूली करते हैं और फसल के लाभ का हिस्सा भी लेते हैं। यही कारण है कि ट्रैक्टर संचालक बिना किसी डर के जंगल की ज़मीन को काटकर खेती कर रहे हैं। पिछले एक सप्ताह से, 8 से 10 ट्रैक्टर सुबह-सुबह जंगल में पहुंचते हैं और खेती का काम करते हैं।

इसलिए बढ़ रही समस्या
सिरसी रेंज के गार्ड ने बताया कि विभाग और ग्रामीणों की ज़मीन का मिलाजुला नंबर होने के कारण अवैध कब्जे की समस्या बढ़ रही है। जब विभाग मौके पर पहुंचता है तो ग्रामीण पैमाइश की आवश्यकता का हवाला देकर विवाद को टालते हैं। इससे संबंधित अधिकारियों ने यह मान लिया है कि जंगल काटकर खेती करना एक गंभीर अपराध है और मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

खानापूर्ति के लिए की जाती है कार्रवाई
जानकारी के अनुसार, वन विभाग खानापूर्ति के लिए समय-समय पर ट्रैक्टरों पर कार्रवाई करता है। पिछले साल, जंगल में खेती को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद हुआ था, जिसके कारण रेंजर ने खानापूर्ति के तहत सात ट्रैक्टरों में से दो को जब्त किया। हालांकि, दो दिन बाद बिना किसी उचित कार्रवाई के इन ट्रैक्टरों को छोड़ दिया गया।

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