MOTHERS DAY : एक अमीन तो दूसरा बेटा है सरकारी अध्यापक, फिर क्यों वृद्धाश्रम जाने को मजबूर हुई बुजुर्ग मां

एक अमीन तो दूसरा बेटा है सरकारी अध्यापक, फिर क्यों वृद्धाश्रम जाने को मजबूर हुई बुजुर्ग मां
फ़ाइल फोटो | बृद्ध मां

May 12, 2024 20:10

रॉबर्ट्सगंज ब्लाक के तियरा से वृद्धाश्रम आयी बुजुर्ग महिला जिरवा देवी ने बताया कि हमारे दो बेटे है, एक बेटा अमीन है तो दूसरा बेटा सरकारी स्कूल में अध्यापक है। दोनों की तैनाती सोनभद्र जिले...

May 12, 2024 20:10

Sonbhadra News : एक मां और पिता अपने बच्चों के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। उन्हें सफल इंसान बनाने के हमेशा सपने भी देखते रहते हैं, इसके बदले उसे बस इतना ही चाहिए कि उसके बच्चे उसके किये गए त्याग का सम्मान करें, औऱ अपने पैरों पर खड़े होने के बाद उसका ध्यान भी रखे। सोनभद्र की रहने वाले एक मां और पिता ने भी अपने बच्चों को खूब पढ़ाया लिखाया। दोनों बेटे सफल भी हुए, लेकिन आज ये बुजुर्ग मां अपने बेटों के व्यवहार से परेशान हो गयी। इसके बाद उसे वृद्धाश्रम जाना पड़ा। ये दुखभरी कहानी उस मां की है, जिसका एक बेटा अमीन तो दूसरा बेटा है सरकारी स्कूल में अध्यापक है। इसके बावजूद मां वृद्धाश्रम में रहने के लिए मजबूर है।

सही तरीक ेस बात नहीं करते थे लोग
रॉबर्ट्सगंज ब्लाक के तियरा से वृद्धाश्रम आयी बुजुर्ग महिला जिरवा देवी ने बताया कि हमारे दो बेटे है, एक बेटा अमीन है तो दूसरा बेटा सरकारी स्कूल में अध्यापक है। दोनों की तैनाती सोनभद्र जिले में ही है। हमारे पति की मृत्यु 6 वर्ष पहले हो चुकी है। हमारे पति की मृत्यु होने के बाद हमारे साथ नौकरों जैसा व्यवहार किया जाता है। परिवार का कोई भी सदस्य उनसे सही तरीके से बात नहीं करते थे और लगातार अपमान करते थे।


बड़े उत्साह के साथ मना रहे हैं मदर्स डे
बुजुर्ग महिला का आरोप है कि वो रोज-रोज अपमान सहते हुए परेशान हो गए थे। स्थिति यहां तक हो गई कि उनके बेटे और बहू रोटी देना भी बंद कर दिया। हालात ये हो गए कि पड़ोसियों को दया आई तो वे मुझे वृद्धाश्रम में छोड़ गए। वही जिरवा देवी का कहना है कि जिस मां ने अपने आंचल में पाला और बड़ा किया, उसी बेटे ने यहां लाकर छोड़ दिया है। यह किसी भी मां ने नहीं सोचा होगा। आज मदर्स डे है. लोग बड़े उत्साह के साथ मना रहे हैं। लेकिन रॉबर्ट्सगंज लोढ़ी के इन वृद्धाश्रम की तस्वीरें मदर्स-डे पर उन बेटों के मुंह पर तमाचा है। जिस जननी ने उन्हें जन्म दिया है उसी की लाठी नहीं बन पाए।

 एक-दूसरे का दुख-दर्द मिलकर बांटते हैं बुजुर्ग
रॉबर्ट्सगंज ब्लॉक के लोढ़ी में स्थित वृद्धाश्रम के मैनेजर राम प्रसाद ने बताया कि यहां पर 33 से अधिक बुजुर्ग महिलाएं रहती है। बुजुर्ग महिलाएं  यहां पर काफी खुश रहते हैं। उन्हें यहां पर अपने हम उम्र मिल जाते हैं। वृद्धाश्रम में रह रहे इन सभी बुजुर्गों को भरपूर पौष्टिक आहार दिया जाता है। सभी बुजुर्गों को पहनने के लिए साफ-सुथरे कपड़े और बिस्तर दिए जाते हैं। इनके अलावा कमरे में पंखे और कूलर लगाए गए हैं. साथ ही मनोरंजन के लिए टीवी भी। यहां सभी बुजुर्ग आपस में मिलकर एक-दूसरे का दुख-दर्द मिलकर बांटते हैं। अब इस वृद्धाश्रम से कोई भी बुजुर्ग अपने घर लौटना नहीं चाहता है।

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