सोनभद्र के घोरावल थाना क्षेत्र के तेंदुआ गांव में साढ़े दस वर्ष पहले हुई मारपीट के मामले में शनिवार को सत्र न्यायाधीश रविंद्र विक्रम सिंह की अदालत ने छह दोषियों को तीन-तीन वर्ष की कैद और प्रत्येक पर साढ़े छह हजार रुपये का अर्थदंड लगाया।
साढ़े दस वर्ष पुरानी मारपीट का मामला : छह दोषियों को तीन-तीन वर्ष की सजा, अर्थदंड भी लगाया गया
Nov 16, 2024 19:48
Nov 16, 2024 19:48
Sonbhadra News : सोनभद्र के घोरावल थाना क्षेत्र के तेंदुआ गांव में साढ़े दस वर्ष पहले हुई मारपीट के मामले में शनिवार को सत्र न्यायाधीश रविंद्र विक्रम सिंह की अदालत ने छह दोषियों को तीन-तीन वर्ष की कैद और प्रत्येक पर साढ़े छह हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। अदालत ने यह आदेश सुनाया कि यदि दोषी अर्थदंड नहीं अदा करते हैं तो उन्हें दो माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। इसके साथ ही दोषियों द्वारा जेल में बिताई गई अवधि को सजा में समाहित किया जाएगा।
यह है पूरा मामला
मामला 15 जून 2014 का है, जब तेंदुआ गांव निवासी रामजी सिंह ने घोरावल थाने में तहरीर दी थी। रामजी ने बताया कि उसके चचेरे भाई जुगत नरायन के साथ पुरानी रंजिश के चलते महेंद्र सिंह ने रास्ते में गाली-गलौच की, और जब रामजी ने इसका विरोध किया तो वीरेंद्र सिंह सहित अन्य आरोपी लाठी-डंडे से उनकी पिटाई करने लगे। रामजी ने अपने परिवार के अन्य सदस्य महिपत, विनय, नवलकिशोर, पन्नालाल, संतोष, पंचम, और राजनारायण को मदद के लिए बुलाया, लेकिन आरोपी सूरज सिंह, अंगद, सूचित और छोटे ने सभी को पीटना जारी रखा, जिससे उनके शरीर पर चोटें आईं।
छह दोषियों को तीन-तीन वर्ष की सजा
रामजी सिंह की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और विस्तृत जांच की। जांच में पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने गवाहों के बयान और साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिसके बाद अदालत ने सभी छह आरोपियों को दोषी ठहराया। न्यायालय ने जुगत नरायन, वीरेंद्र सिंह, महेंद्र प्रताप सिंह, सूचित, सूरज सिंह और छोटे को तीन-तीन वर्ष की कैद और प्रत्येक पर छह हजार रुपये का अर्थदंड लगाया।