नवनिर्वाचित सांसद कंवर सिंह तंवर दिल्ली के एक प्रतिष्ठित परिवार से आते हैं। वह दिल्ली के छतरपुर क्षेत्र के फतेहपुर गांव के मूल निवासी हैं। उन्होंने 1973 में गवर्नमेंट बॉयज स्कूल, फतेहपुर, नई दिल्ली से 8वीं कक्षा तक पढ़ाई की है।
अमरोहा लोकसभा क्षेत्र : भाजपा उम्मीदवार कंवर सिंह तंवर ने व्यवसायी से सांसद बनने का सफर ऐसे किया पूरा
Jun 04, 2024 21:19
Jun 04, 2024 21:19
कंवर सिंह तंवर का राजनीतिक इतिहास
नवनिर्वाचित सांसद कंवर सिंह तंवर दिल्ली के एक प्रतिष्ठित परिवार से आते हैं। वह दिल्ली के छतरपुर क्षेत्र के फतेहपुर गांव के मूल निवासी हैं। उन्होंने 1973 में गवर्नमेंट बॉयज स्कूल, फतेहपुर, नई दिल्ली से 8वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। राजनीति में आने से पहले वह एक सफल व्यवसायी थे। कंवर सिंह तंवर ने 2014 में बीजेपी से चुनाव लड़ते हुए अपने प्रतिद्वंद्वी दानिश अली को हराया था। बता दें कि पिछले अनुभव से सबक लेते हुए 2019 में सपा-बसपा ने हाथ मिलाया था। अमरोहा सीट बसपा के खाते में गई और जनता ने फिर चेहरा बदलकर बसपा से दानिश अली को अपना सांसद चुन लिया था। दानिश अली यहां से सांसद हैं लेकिन अभी कुछ महीने पहले ही मायावती ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस-सपा समर्थित इंडिया गठबंधन से चुनाव लड़ा। लेकिन बीजेपी के कंवर सिंह तंवर ने उन्हें हराकर मात दे दी।
बहुजन के किले में बीजेपी का कमल
अमरोहा लोकसभा क्षेत्र को बसपा का गढ़ माना जाता है, क्योंकि यहां मुस्लिम और दलित मतदाता बड़ी संख्या में हैं। लेकिन इस बार बीजेपी ने बसपा के गढ़ में भी सेंध लगा दी। विश्लेषकों का मानना है कि मुसलमानों में भी वोट बंटे, जिससे बसपा प्रत्याशी को नुकसान हुआ। जबकि बहुमत हिंदू मतदाताओं ने तंवर को वोट दिया। चुनाव प्रचार के दौरान तंवर ने स्वास्थ्य सेवाओं और ग्रामीण विकास के मुद्दों पर ज्यादा जोर दिया था। उन्होंने अपने संबोधनों में कहा था कि पिछली सरकारों ने इन मुद्दों को नजरअंदाज किया है। इसलिए वह चुनाव जीतने पर इन मुद्दों पर विशेष ध्यान देंगे।
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