बिजनौर में नवरात्रि के पहले और दूसरे दिन कुट्टू के आटे से बने पकवान खाने से फूड प्वाइजनिंग के शिकार हुए लोगों की संख्या बढ़कर करीब 350 तक पहुंच गई है। फूड प्वाइजनिंग के शिकार लोगों में महिलाएं और बच्चे भी...
Bijnor News : कुट्टू के आटे से बने पकवान खाने से 350 बीमार, ताबड़तोड़ छापेमारी, जानें पूरा मामला...
Oct 05, 2024 10:49
Oct 05, 2024 10:49
क्या है पूरा मामला
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि चांदपुर की शिव ट्रेडिंग कंपनी ने मुकेश जिंदल के जरिए 2 कुंतल 50 किलो कुट्टू के बीज गाजियाबाद से एक ब्रोकर से खरीदा था। इसके बाद चांदपुर में चक्की पर पीसकर किराना की दुकानों पर बेचा गया। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने चांदपुर पहुंचकर जांच की। रात से सुबह तक पीड़ितों से जानकारी लेकर संबंधित दुकानों के कुट्टू के आटे के सात नमूने लेकर सीज करने की कार्रवाई की गई। चांदपुर में धर्मपाल किराना स्टोर, किशनलाल भाटिया और अरोड़ा किराना स्टोर से नमूने लिए गए। दो अन्य दुकानें बंद मिलीं। टीम ने कुट्टे के आटे के साथ साथ घी, सरसों के तेल के नमूने भी लिए। सीएफआई संजीव सिंह के अनुसार संभवत: कुट्टू को संरक्षित रखने के लिए पेस्टीसाइड का इस्तेमाल स्रोत के स्तर पर किया गया जो पिसने के दौरान आटे में मिल गया हो सकता है। नमूने की जांच रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हो पाएगी।
बीमारों के बेहतर इलाज का इंतजाम
उपजिलाधिकारी चांदपुर विजय शंकर के अनुसार, सीएचसी स्याऊ सहित अनेक अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचे मरीजों की संख्या 350 के पार हो गई है। एसडीएम ने बताया कि टीमों का गठन कर संबंधित जगहों पर छापेमारी कर कुट्टू के आटे का नमूने लिए गए हैं। जांच कराई जा रह है कि उसमें क्या गड़बड़ी थी। जो लोग बीमार पड़े हैं, उनके बेहतर इलाज की व्यवस्था कराई गई है।
तीन माह तक ठीक रहता है आटा
खाद्य विषेशज्ञों के अनुसार, कुट्टू का दाना केवल छह महीने तक ही सही रहता है। इसके बाद खराब होने लगता है। ऐसे में आशंका है कि कुट्टू का दाना सुरक्षित रखने के लिए किसी पेस्टीसाइड का इस्तेमाल किया गया होगा। अब हो सकता है कि बिना धुलाई किए ही उसे पीस दिया गया हो। उधर, कुट्टू का आटा केवल तीन महीने तक ही खाने योग्य रहता है। इसके बाद फंगस लग जाती है, तो बेकार हो जाता है।
ये है असली की पहचान
बाजार में मिलने वाले कुट्टू का आटा बासी है या ताजा है, इसकी पहचान उसके रंग से की जाती है। ताजा कुट्टू के आटे का रंग गहरा भूरा होता है। अगर कुट्टू के आटे में किसी तरह की मिलावट की गई या वह खराब हो जाता है तो उसका रंग बदल जाता है। मिलावट या खराब कुट्टू के आटे का रंग ग्रे या हल्का हरा नजर आने लगता है। साथ ही बासी कुट्टू का आटा गूंथने पर बिखरने भी लगता है।
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