एक बदमाश ने पोलियो ड्रॉप्स पिलाने के बहाने एक घर में घुसने की कोशिश की, लेकिन मकान मालिक की सतर्कता के कारण उसे वहां से लौटना पड़ा...
मुशताक खान के किडनैपिंग की डरावनी कहानी : बदमाशों के चंगुल से भागकर पहुंचे मस्जिद, बुजुर्ग के सामने रो-रो कर मांगी मदद
Dec 12, 2024 13:16
Dec 12, 2024 13:16
बदमाशों के चंगुल से भागकर पहुंचे मस्जिद
दरअसल, बिजनौर के कोतवाली नगर में दर्ज एफआईआर के अनुसार, मुश्ताक खान 21 नवंबर की तड़के किसी तरह बदमाशों से भागकर मोहल्ला चाहशीरी स्थित नूरूल हुदा मस्जिद में पहुंचे। वहां, एक बुजुर्ग निवासी ने उन्हें पहचान लिया और मुश्ताक से मिलते ही वह फफक-फफक कर रो पड़े। बुजुर्ग ने मुश्ताक को दिलासा दिया और उनकी सुरक्षा के लिए नमाज के बाद उन्हें अपने घर ले गए। सुरक्षा के मद्देनज़र, बुजुर्ग ने मुश्ताक का चेहरा रूमाल से ढक लिया और उन्हें घर में करीब सात घंटे तक शरण दी।
बुजुर्ग ने की मदद
बुजुर्ग ने बताया कि सुबह का समय था और सर्दी भी बहुत थी, जबकि मुश्ताक खान कम कपड़े पहने हुए थे। वह एक कोने में बैठे हुए थे। जब बुजुर्ग ने उन्हें देखा, तो मुश्ताक उनकी ओर दौड़े और कहा कि उनकी जान को खतरा है। इस दौरान मस्जिद में सिर्फ मुश्ताक और बुजुर्ग मौजूद थे। बुजुर्ग ने तुरंत अपने बेटे को साथ लिया और मुश्ताक का चेहरा ढकते हुए उन्हें अपने घर ले गए। बुजुर्ग ने यह भी बताया कि उन्होंने महसूस किया कि कुछ संदिग्ध युवक उनके घर के आसपास लगातार घूम रहे थे। ये युवक पोलियो ड्रॉप्स के बहाने कुछ घरों में घुसने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन मकान मालिक की सतर्कता के कारण उन्हें लौटना पड़ा। मुश्ताक करीब सात घंटे तक बुजुर्ग के घर में सुरक्षित रहे।
बुजुर्ग व्यक्ति ने बेटे से कराई बात
इस दौरान, जब बुजुर्ग ने मुश्ताक की वीडियो कॉल उनके बेटे मोहसिन से कराई तो वो भावुक हो गए और अपने बेटे से कहा कि वह जल्द से जल्द उन्हें वहां से निकाल ले। मोहसिन ने उन्हें दिलासा दिया और मदद भेजने की बात कही। मुश्ताक के परिवार ने बुजुर्ग को कुछ खर्चा देने का प्रस्ताव भी किया, लेकिन बुजुर्ग ने इसे सख्ती से नकार दिया। वहीं बुजुर्ग ने बताया कि जब मुश्ताक से उनके परिवार की बात हुई, तो उनकी घबराहट कुछ कम हुई और उन्होंने कुछ समय बाद बिरयानी खाई और कॉफी पी। इस दौरान मुश्ताक थोड़ा आराम महसूस करने लगे और उनकी चिंता में कमी आई।
गाजियाबाद के लिए रवाना हुई टीम
यह सब फिल्मी अंदाज में हुआ, क्योंकि मुश्ताक के परिजनों ने एक टीम भेजी थी, जो उन्हें सुरक्षित रूप से वापस ले जाने के लिए नगर पालिका चौराहे पर पहुंची। नगर पालिका चौराहे पर जब मुश्ताक पहुंचे, तो देखा कि उनके पास करीब 100 लोग पहुंच गए थे। ये लोग उनकी सुरक्षा के लिए पहुंचे थे। मुश्ताक ने अपनी टीम को बताया कि उनकी जान बचाने में बुजुर्ग का बहुत बड़ा हाथ था। इसके बाद, मुश्ताक को अपनी टीम के साथ गाजियाबाद के लिए रवाना कर दिया गया।
गैंग में कुल नौ लोग शामिल
पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की और बिजनौर कोतवाली नगर तथा एसओजी टीम ने कई स्थानों पर दबिश दी। पुलिस की जांच में यह सामने आया कि इस मामले में एक गैंग शामिल था, जिसमें कुल नौ लोग शामिल थे। इनमें से कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि मुख्य आरोपी हिमांशू चौधरी और अर्जुन कर्णवाल अभी भी फरार हैं। पुलिस इनकी गिरफ्तारी के बाद मामले का खुलासा करने का दावा कर रही है।
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