सीबीआई ने बैंक प्रबंधक को रिश्वत लेते पकड़ा : लोन की फाइल पास करने के लिए मांगे इतने पैसे

लोन की फाइल पास करने के लिए मांगे इतने पैसे
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Aug 09, 2024 14:26

उत्तर प्रदेश के बिजनौर से रिश्वत का मामला सामने आया है। सीबीआई की भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो टीम ने बैंक प्रबंधक और सेवानिवृत्त चपरासी को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया...

Aug 09, 2024 14:26

Bijnor News : उत्तर प्रदेश के बिजनौर से रिश्वत का मामला सामने आया है। सीबीआई की भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो टीम ने बैंक प्रबंधक और सेवानिवृत्त चपरासी को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। मामला नगीना देहात थाना क्षेत्र के गांव कोटकादर स्थित प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक शाखा का है। टीम ने 12 घंटे तक बैंक के अंदर पूछताछ की और रिकॉर्ड की जांच की। शुक्रवार सुबह चार बजे दोनों को गाजियाबाद ले जाया गया, जहां उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

मैनेजर ने मांगी रिश्वत
पीड़िता का कहना है कि मैनेजर ने छह लाख रुपये की लोन फाइल पास करने के लिए दस प्रतिशत यानी 60 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। रिश्वत न देने पर उसकी फाइल कैंसिल कर दी गई। दो महीने बाद, जब उसने फिर से फाइल बैंक में भेजी, तो भी मैनेजर ने रिश्वत के बिना फाइल पास करने से इनकार कर दिया। इसके बाद, उसने गाजियाबाद स्थित भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई।

गाजियाबाद में सीबीआई की शिकायत
जानकारी के मुताबिक थाना नगीना देहात क्षेत्र के ग्राम कोटकादार निवासी सचिन, पुत्र धर्मपाल, ने गाजियाबाद में सीबीआई की भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने ग्रामोद्योग संस्थान बिजनौर से आटा चक्की लगाने के लिए लोन की फाइल तैयार की और उसे ग्राम कोटकादर स्थित प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक में भेज दिया था।

रंगे हाथों पकड़ा चपरासी
गुरुवार को सीबीआई की भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो के निरीक्षक सुदेशपाल और उनकी टीम कोटकादर गांव पहुंची। शाम चार बजे टीम ने सचिन से पैसे लेते हुए बैंक के पूर्व चपरासी मदन को 30 हजार रुपये के साथ गिरफ्तार कर लिया। मदन को मैनेजर ने पैसे लेने के लिए भेजा था। इसके बाद, टीम ने बैंक को बंद कर दिया और मैनेजर प्रियांशु त्यागी, पूर्व चपरासी मदन, और अन्य स्टाफ से पूछताछ की। पूरी रात पूछताछ और रिकॉर्ड की जांच के बाद, शुक्रवार सुबह चार बजे दोनों को गाजियाबाद ले जाया गया, जहां उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है।

सेवानिवृत्त हो चुका था मदन
बताया जा रहा है कि सचिन से 30 हजार रुपये रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा गया हैजरपुर निवासी मदन दस साल पहले सेवानिवृत्त हो चुका था। इसके बावजूद, वह लगातार बैंक में काम करता रहा और साठगांठ वाले कामों की देखरेख करता था। दस साल से वह बैंक में रहकर दलाली का काम करता रहा था।

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