हिमाचल प्रदेश कैडर की आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज को लंबी छुट्टी पर भेजे जाने का मामला अब एक बड़ा सियासी विवाद बनता हुआ नजर आ रहा है। भाजपा ने इस मुद्दे को विधानसभा...
यूपी उपचुनाव में अफरोज प्रकरण की एंट्री : आईपीएस इल्मा का मुद्दा बना सियासी हथियार, भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने
Nov 15, 2024 11:00
Nov 15, 2024 11:00
भाजपा ने कांग्रेस और सपा को घेरा
कुंदरकी से भाजपा के प्रत्याशी रामवीर सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर कांग्रेस और सपा पर निशाना साधते हुए इल्मा अफरोज को लंबी छुट्टी पर भेजे जाने को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि "हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ने कुंदरकी निवासी आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज को सत्ताधारी पार्टी के विधायक के वाहनों के चालान काटने के बाद लंबी छुट्टी पर भेजा है। यह घटना यह दर्शाती है कि कांग्रेस और सपा केवल अल्पसंख्यकों के हितैषी होने का दिखावा करते हैं, जबकि असल में ये अपनी राजनीतिक स्वार्थ पूर्ति के लिए किसी भी सच्चाई को दबाने से पीछे नहीं हटते।"
सपा के पूर्व सांसद का आरोप
इस बीच सपा के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने भी इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने एक आईपीएस अधिकारी को अपने घर वापस भेजने के लिए मजबूर किया है, केवल इसलिए कि उन्होंने सत्ता पक्ष के एक विधायक के खिलाफ सही कदम उठाया था। डॉ. हसन ने इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से हस्तक्षेप की अपील की है और कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर कार्रवाई करनी चाहिए। उनका कहना था, "अगर एक आईपीएस अधिकारी को सत्ताधारी पार्टी के दबाव में छुट्टी पर भेजा जाता है तो यह किसी भी लोकतांत्रिक सरकार के लिए शर्म की बात है।"
एआईएमआईएम ने भी सरकार की आलोचना
एआईएमआईएम के महानगर अध्यक्ष वकी रशीद ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि "हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने इल्मा अफरोज का उत्पीड़न किया है। वह एक ईमानदार और बहादुर अधिकारी हैं। जिन्होंने स्क्रैप कारोबारी के गाड़ी पर हुई फायरिंग की जांच की थी और पाया था कि कारोबारी ने खुद ही लाइसेंस प्राप्त करने के लिए फायरिंग की थी। इसके अलावा उन्होंने एक विधायक के वाहनों के चालान भी काटे थे। जो पूरी तरह से सही कार्रवाई थी। कांग्रेस सरकार यह नहीं सहन कर पाई और अब इस अधिकारी को छुट्टी पर भेज दिया है।"
सोशल मीडिया पर इल्मा अफरोज के समर्थन में लहर
इस मामले के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज के समर्थन में आवाजें उठने लगी हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर उनके समर्थक बड़ी संख्या में उनके समर्थन में पोस्ट कर रहे हैं। यूट्यूब पर भी कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। जिसमें लोगों ने इल्मा अफरोज की ईमानदारी और संघर्ष की कहानी को साझा किया है। कुछ यूट्यूबर ने हिमाचल सरकार के खिलाफ तीखी टिप्पणी की है जबकि कई ने इल्मा अफरोज को एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में पेश किया है।
कुंदरकी के लोग भी समर्थन में आए
कुंदरकी क्षेत्र के लोग भी इस मामले में खुलकर सामने आए हैं और अपने क्षेत्रीय अधिकारी के समर्थन में आवाज उठा रहे हैं। सोशल मीडिया पर कुंदरकी के लोग भी इस बात को लेकर सक्रिय हो गए हैं कि उनकी बेटी इल्मा अफरोज को केवल सत्ताधारी दल के दबाव में छुट्टी पर भेजा गया है। लोग उसे एक ईमानदार और निष्पक्ष अधिकारी मानते हैं और उनकी कार्रवाई को सही ठहराते हैं।
इल्मा अफरोज का बयान
इसी बीच आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज ने अपने समर्थकों से मुलाकात के दौरान बताया कि वह 21 नवंबर तक छुट्टी पर हैं। उन्होंने बताया कि वह अपनी मां के साथ अपने पैतृक घर कुंदरकी आईं हैं और यहां अपने रिश्तेदारों और परिचितों से मुलाकात कर रही हैं।