कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय द्वारा संभल जाने की घोषणा के बाद जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में सक्रियता बढ़ गई है। इस पर पुलिस प्रशासन ने सख्त कदम...
Rampur News : पुलिस ने नेताओं को संभल जाने से रोका, घरों में किया नजरबंद
Dec 02, 2024 20:09
Dec 02, 2024 20:09
Rampur News : कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय द्वारा संभल जाने की घोषणा के बाद जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में सक्रियता बढ़ गई है। इस पर पुलिस प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए कांग्रेस के जिला और शहर अध्यक्ष सहित कई नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया।
क्या है पूरा मामला
प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने संभल में पीड़ितों से मिलने और विरोध दर्ज करने की योजना बनाई थी। इस घोषणा के बाद रामपुर के कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता सक्रिय हो गए थे। पुलिस ने किसी भी संभावित प्रदर्शन या विवाद से बचने के लिए जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र देव गुप्ता और शहर अध्यक्ष नोमान खान को उनके घरों में ही नजरबंद कर दिया। सुबह से ही कांग्रेस नेताओं के घरों के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिया गया। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।
कांग्रेस नेताओं का बयान
जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र देव गुप्ता ने कहा कि पुलिस द्वारा नेताओं को नजरबंद करना सरकार की तानाशाही का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शांतिपूर्ण तरीके से संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए काम कर रही है। यह निजता और स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है। योगी और मोदी सरकार डर के कारण हमारी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।
शहर अध्यक्ष नोमान खान ने कहा कि सरकार अन्याय के खिलाफ उठ रही आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। क्या पीड़ितों से मिलना गुनाह है? सरकार यह नहीं चाहती कि हम उनकी साजिश का पर्दाफाश करें। उन्होंने सरकार पर हिंदू-मुस्लिम के बीच विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया।
संभल की घटना पर सवाल
नोमान खान ने कहा कि संभल में जो भी हुआ, वह सरकार की साजिश का हिस्सा है। सरकार लोगों को धर्म के नाम पर बांटना चाहती है। कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल पीड़ितों से मिलने और न्याय की मांग करने जा रहा था, जिसे रोकने के लिए यह कदम उठाया गया।
कांग्रेस की मांग और संदेश
कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट किया कि वे डरने वाले नहीं हैं। कहा कि हम संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखना हमारा अधिकार है, जिसे छीना नहीं जा सकता।
बैठक में ये रहे मौजूद
इस घटना के दौरान जगमोहन मोना, लल्लन खां ठेकेदार, महेंद्र यदुवंशी, नादिश खां, हसीब खां, अकरम सुल्तान, दामोदर सिंह गंगवार, सुहैल खां, ताहिर अंजुम, विक्की नफीस, आरिफ अल्वी, अनवर अली, राज कुमार, सोनू लोधी, मुजीब खां, रामगोपाल सैनी, रियाज अहमद कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
सरकार पर तानाशाही के आरोप
कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि यह कदम सरकार की तानाशाही और डर को दिखाता है। सरकार हमें रोककर लोकतंत्र को कमजोर कर रही है। हमारा संघर्ष न्याय और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए है।
जनता की प्रतिक्रिया
पुलिस की इस कार्रवाई पर जनता के बीच भी चर्चा है। कई लोग इसे अनुचित और लोकतंत्र के खिलाफ मान रहे हैं। वहीं, कुछ इसे कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम बता रहे हैं।
संवैधानिक अधिकारों का सवाल
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह कार्रवाई उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है। हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन के माध्यम से अपनी आवाज उठाना चाहते थे। सरकार का यह रवैया लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
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