समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। डूंगरपुर बस्ती से संबंधित एक मामले में कोर्ट ने आजम खान को बरी कर दिया है।
आजम खान को बड़ी राहत : डूंगरपुर बस्ती के एक केस में एमपी-एमएलए कोर्ट ने बरी किया, कुल 12 मुकदमे दर्ज
Jul 31, 2024 19:17
Jul 31, 2024 19:17
- डूंगरपुर मामले में आजम खान बरी
- रामपुर में कुल 12 मुकदमे हैं दर्ज
- अभी जेल में ही रहेंगे आजम खान
2016 का है पूरा मामला
यह मामला 2016 में सपा सरकार के दौरान हुआ था, जब आजम खान कैबिनेट मंत्री थे। रामपुर की पुलिस लाइन के पास स्थित डूंगरपुर में आसरा कॉलोनी बनाई गई थी। कॉलोनी बनने से पहले वहां कुछ लोगों के घर थे, जिन्हें अवैध घोषित करके 2016 में बुलडोजर से गिरा दिया गया था। आरोप है कि इस दौरान दारोगा ने फायरिंग की थी, मारपीट और लूटपाट भी हुई थी। 2017 में भाजपा सरकार आने के बाद 2019 में थाना गंज में मुकदमा दर्ज हुआ था। पीड़ितों ने अलग-अलग 12 मुकदमे दर्ज कराए थे। आरोप था कि यह सब तत्कालीन सपा सरकार में आजम खान के इशारे पर हुआ। घरों को गिराया गया और लूटपाट की गई। जांच के दौरान पुलिस ने आजम खान को भी आरोपी बनाया था और उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस मामले में आजम खान सहित 6 लोगों को बाइज्जत बरी कर दिया। इनमें आजम के अलावा आले हसन, बरकत अली ठेकेदार, अब्दुल्ला परवेश शम्सी, इमरान और इबराम शामिल हैं।
आगे अपील करेगा पीड़ित पक्ष
इस मामले में वादी ने आरोप लगाया था कि आरोपियों ने उसकी पत्नी के साथ छेड़छाड़ व मारपीट की और घर में रखा सारा सामान तोड़ दिया। डूंगरपुर मामले में थाना गंज में कुल 12 मुकदमे दर्ज हुए थे, जिनमें से 5 मुकदमों में पहले ही फैसला आ चुका है। इन मामलों में लूटपाट, मारपीट, तोड़फोड़ सहित कई धाराओं में केस दर्ज हुए थे। पीड़ित पक्ष की वकील सीमा राणा ने कहा कि अभी उन्हें फैसले की कॉपी नहीं मिली है। कॉपी मिलने के बाद ही पता चलेगा कि कैसे दोषमुक्त हुए हैं और उसके बाद ही वे आगे अपील करेंगे। इससे पहले 30 मई को आजम खान को डूंगरपुर प्रकरण से जुड़े एक अन्य केस में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) ने 10 साल की सजा सुनाई थी। उस सुनवाई के दौरान सपा नेता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीतापुर जेल से जुड़े रहे थे। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि यह मामला 2019 में दर्ज हुआ था, जबकि घटना 2016 की थी। वादी का आरोप था कि उनके घर में घुसकर जान से मारने की कोशिश और लूटपाट की गई, घर को जबरन खाली करवाया गया और बुलडोजर से तोड़ दिया गया।
अभी जेल में ही रहेंगे आजम खान
हालांकि, इस मामले में बरी होने के बावजूद आजम खान अभी भी जेल में ही रहेंगे, क्योंकि उनके खिलाफ अन्य मामले भी चल रहे हैं। डूंगरपुर से जुड़े कुल 12 मामलों में से 4 में आजम खान बरी हो चुके हैं, जबकि दो मामलों में उन्हें सजा हो चुकी है। यह घटना 6 दिसंबर 2016 की थी, जब सपा सरकार थी और आजम खान मंत्री थे। इसी से जुड़े एक मामले में कोर्ट ने इसी साल आजम खान को 10 साल की सजा सुनाई थी। आजम खान के खिलाफ अन्य मामले भी चल रहे हैं। पिछले साल फेक बर्थ सर्टिफिकेट केस में आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को दोषी करार देते हुए 7-7 साल की सजा सुनाई गई थी। यह केस 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से जुड़ा था, जब अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी। इस तरह, आजम खान के लिए कानूनी लड़ाई जारी है, जिसमें कुछ मामलों में उन्हें राहत मिली है तो कुछ में सजा।
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