कृपालु महाराज की बेटी का हादसे में निधन : शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने व्यक्त की गहरी शोक संवेदना, शोकाकुल परिवार के प्रति सहानुभूति

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने व्यक्त की गहरी शोक संवेदना, शोकाकुल परिवार के प्रति सहानुभूति
UPT | शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

Nov 24, 2024 21:30

कृपालु महाराज की बेटी के निधन पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।

Nov 24, 2024 21:30

Prayagraj News : कृपालु महाराज की बेटी के निधन पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और शोकाकुल परिवार को इस कठिन समय में धैर्य और साहस प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। यह दुखद सूचना शंकराचार्य के मीडिया प्रभारी शैलेन्द्र योगिराज सरकार द्वारा प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से साझा की गई।

शंकराचार्य ने व्यक्त की गहरी शोक संवेदना
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अपने संवेदना संदेश में कहा कि कृपालु महाराज की बेटी का निधन न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे आध्यात्मिक समुदाय के लिए एक गहरी और अपूरणीय क्षति है। उन्होंने इसे एक ऐसे क्षण के रूप में वर्णित किया जब हम सभी को एकजुट होकर शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी सहानुभूति प्रकट करनी चाहिए।

शंकराचार्य ने की श्रद्धांजलि अर्पित
अपने संदेश में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि कृपालु महाराज की बेटी का निधन एक आध्यात्मिक धरोहर का अंत है। उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि कृपालु महाराज की बेटी ने अपने जीवन में जो भी आध्यात्मिक और सामाजिक योगदान दिए हैं, वे सदैव याद किए जाएंगे।



शोकाकुल परिवार के प्रति सहानुभूति
शंकराचार्य ने कहा कि इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़े रहना हमारा नैतिक कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि दुख के इस समय में परिवार को समर्थन और सांत्वना की आवश्यकता है। शंकराचार्य ने इस अवसर पर सभी अनुयायियों और श्रद्धालुओं से भी अपील की कि वे शोक संतप्त परिवार को अपनी संवेदनाएं व्यक्त करें और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।

मीडिया के माध्यम से शोक संदेश
यह शोक संदेश शंकराचार्य के मीडिया प्रभारी शैलेन्द्र योगिराज सरकार के माध्यम से जारी किया गया, जिसमें उन्होंने शंकराचार्य के संदेश को विस्तृत रूप से बताया। शंकराचार्य ने अंत में यह संदेश दिया कि इस कठिन समय में हम सभी को एक-दूसरे का सहारा बनना चाहिए और दिवंगत आत्मा के प्रति सम्मान और श्रद्धा व्यक्त करनी चाहिए।

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