संभल हिंसा का जयाजा लेने जा रहे नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद को हापुड़ में पिलखुवा के छिजारसी टोल प्लाजा पर रोक लिया गया। जहां उनकी पुलिस से बहस चल रही है। उन्हें हापुड़ पुलिस ने एक कॉलेज में रोका है।
संभल जा रहे सांसद चंद्रशेखर को रोका : छिजारसी टोल प्लाजा पर पुलिस से बहस, हिंसा पीड़ितों से मिलने पर अड़े
Nov 25, 2024 15:20
Nov 25, 2024 15:20
हापुड़ में रुके नगीना सांसद चन्द्रशेखर आजाद
संभल हिंसा का जायजा लेने जा रहे नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद को हापुड़ के पिलखुवा में छिजारसी टोल प्लाजा पर रोक लिया गया। जहां उनकी पुलिस से नोकझोंक हो रही है। अधिकारी चंद्रशेखर आजाद से बातचीत कर रहे हैं लेकिन वह संभल जाने पर अड़े हुए हैं। उनके साथ उनके कार्यकर्ता भी मौजूद हैं।
हापुड़ : बड़ी खबर, हापुड़ में रोके गए नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद। संभल हिंसा के बाद संभल जा रहे थे नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद। पिलखुवा के छिजारसी टोल प्लाजा पर चंद्रशेखर आजाद को रोका गया।
— Uttar Pradesh Times (@UPTimesLive) November 25, 2024
@BhimArmyChief #SambhalViolence #SambhalMosqueRow pic.twitter.com/jcAczUXC0t
देर रात पोस्ट कर दी थी संभल जाने की जानकारी
नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने संभल हिंसा के बाद अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि संभल में हुई हिंसा में तीन मुसलमानों की जान गई है और कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। मैं जल्द ही घायल पुलिसकर्मियों से मिलकर इस हिंसा की सच्चाई देश के सामने लाने का प्रयास करूंगा। पुलिसकर्मियों को याद दिलाना चाहूंगा कि उनकी वर्दी संविधान ने दी है और उन्हें संविधान का ही पालन करना चाहिए, न कि किसी 'ऊपरी आदेश' का। कल (सोमवार) मैं संभल जाऊंगा और इस हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात करूंगा। हम अपने पीड़ित परिवारों को अकेला नहीं छोड़ेंगे। आगामी संसद सत्र में मैं सरकार की आंखों में आंख डालकर कहूंगा कि हमारे लोगों की जान इतनी सस्ती नहीं है।
सरकारी गोलियाँ बहुजनों पर सीधे चलती हैं। यह कोई मिथक नहीं, बल्कि एक कटु सत्य है, जिसे हमसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता। चाहे वह एससी/एसटी आंदोलन हो, किसान आंदोलन हो या सीएए विरोधी आंदोलन—हर बार सरकार के इशारे पर पुलिस ने निहत्थे आंदोलनकारियों पर सीधी गोली चलाकर हमारे लोगों की जान ली… pic.twitter.com/qVKaRXSJjf
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) November 24, 2024
सरकार पर साधा निशाना
चंद्रशेखर आजाद ने लिखा कि सरकार की गोलीबारी का निशाना अक्सर बहुजन समाज के लोग बनते हैं। यह कोई कल्पना नहीं, बल्कि एक सच्चाई है जिसे बहुजन समाज भली-भांति समझता है। चाहे वह एससी/एसटी आंदोलन हो, किसान संघर्ष हो या सीएए विरोधी प्रदर्शन, हर बार पुलिस ने सरकार के आदेश पर निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाकर उनकी जान ली है।
चंद्रशेखर आजाद- संभल हिंसा में प्रशासनिक लापरवाही
संभल जिले में चल रहे सर्वे के दौरान हुए पथराव और पुलिस फायरिंग में तीन लोगों की मृत्यु और अन्य के गंभीर रूप से घायल होने की घटना अत्यंत दुखद, निंदनीय और अस्वीकार्य है। यह घटना प्रशासनिक लापरवाही और स्थानीय खुफिया इकाई की विफलता को उजागर करती है, साथ ही मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं की घोर उपेक्षा का प्रतीक है।
भारत में, पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के तहत, 15 अगस्त 1947 को अस्तित्व में आए किसी भी धार्मिक स्थल का स्वरूप नहीं बदला जा सकता। इसके बावजूद, उत्तर प्रदेश के जिला संभल में चल रहे सर्वे के दौरान हुए पथराव और उसके बाद पुलिस फायरिंग में तीन लोगों की मृत्यु और अन्य के…
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) November 24, 2024
शोकाकुल परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। इस दुखद घड़ी में हम सब उनके साथ खड़े हैं। पुलिस द्वारा इस घटना को "हल्का बल प्रयोग" कहना न केवल असंवेदनशीलता है, बल्कि पीड़ित परिवारों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा है। मौजूदा सरकार के रुख को देखते हुए इस घटनाक्रम में नफरती तत्वों की साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता। इसलिए इस घटना की न्यायिक जांच कराकर ऐसी परिस्थितियां पैदा करने वाले वास्तविक आरोपियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करना अनिवार्य है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।