संभल जा रहे सांसद चंद्रशेखर को रोका : छिजारसी टोल प्लाजा पर पुलिस से बहस, हिंसा पीड़ितों से मिलने पर अड़े

छिजारसी टोल प्लाजा पर पुलिस से बहस, हिंसा पीड़ितों से मिलने पर अड़े
UPT | सांसद चंद्रशेखर आजाद

Nov 25, 2024 15:20

संभल हिंसा का जयाजा लेने जा रहे नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद को हापुड़ में पिलखुवा के छिजारसी टोल प्लाजा पर रोक लिया गया। जहां उनकी पुलिस से बहस चल रही है। उन्हें हापुड़ पुलिस ने एक कॉलेज में रोका है।

Nov 25, 2024 15:20

Sambhal News : संभल में हाल ही में हुई हिंसा के बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। हिंसा के दौरान कई पुलिसकर्मी और नागरिक घायल हुए हैं। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। पूरे इलाके में भारतीय दंड संहिता की धारा 163 लागू है। इस घटना के बाद बाहरी लोगों और नेताओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। प्रतिबंध के बावजूद नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने वहां जाने का फैसला किया। आज जब नगीना के सांसद संभल जाने के निकले तो उन्हें हापुड़ में रोक दिया गया है।

हापुड़ में रुके नगीना सांसद चन्द्रशेखर आजाद
संभल हिंसा का जायजा लेने जा रहे नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद को हापुड़ के पिलखुवा में छिजारसी टोल प्लाजा पर रोक लिया गया। जहां उनकी पुलिस से नोकझोंक हो रही है। अधिकारी चंद्रशेखर आजाद से बातचीत कर रहे हैं लेकिन वह संभल जाने पर अड़े हुए हैं। उनके साथ उनके कार्यकर्ता भी मौजूद हैं।
देर रात पोस्ट कर दी थी संभल जाने की जानकारी
नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने संभल हिंसा के बाद अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि संभल में हुई हिंसा में तीन मुसलमानों की जान गई है और कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। मैं जल्द ही घायल पुलिसकर्मियों से मिलकर इस हिंसा की सच्चाई देश के सामने लाने का प्रयास करूंगा। पुलिसकर्मियों को याद दिलाना चाहूंगा कि उनकी वर्दी संविधान ने दी है और उन्हें संविधान का ही पालन करना चाहिए, न कि किसी 'ऊपरी आदेश' का। कल (सोमवार) मैं संभल जाऊंगा और इस हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात करूंगा। हम अपने पीड़ित परिवारों को अकेला नहीं छोड़ेंगे। आगामी संसद सत्र में मैं सरकार की आंखों में आंख डालकर कहूंगा कि हमारे लोगों की जान इतनी सस्ती नहीं है।
सरकार पर साधा निशाना
चंद्रशेखर आजाद ने लिखा कि सरकार की गोलीबारी का निशाना अक्सर बहुजन समाज के लोग बनते हैं। यह कोई कल्पना नहीं, बल्कि एक सच्चाई है जिसे बहुजन समाज भली-भांति समझता है। चाहे वह एससी/एसटी आंदोलन हो, किसान संघर्ष हो या सीएए विरोधी प्रदर्शन, हर बार पुलिस ने सरकार के आदेश पर निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाकर उनकी जान ली है।



चंद्रशेखर आजाद- संभल हिंसा में प्रशासनिक लापरवाही 
संभल जिले में चल रहे सर्वे के दौरान हुए पथराव और पुलिस फायरिंग में तीन लोगों की मृत्यु और अन्य के गंभीर रूप से घायल होने की घटना अत्यंत दुखद, निंदनीय और अस्वीकार्य है। यह घटना प्रशासनिक लापरवाही और स्थानीय खुफिया इकाई की विफलता को उजागर करती है, साथ ही मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं की घोर उपेक्षा का प्रतीक है।
शोकाकुल परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। इस दुखद घड़ी में हम सब उनके साथ खड़े हैं। पुलिस द्वारा इस घटना को "हल्का बल प्रयोग" कहना न केवल असंवेदनशीलता है, बल्कि पीड़ित परिवारों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा है। मौजूदा सरकार के रुख को देखते हुए इस घटनाक्रम में नफरती तत्वों की साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता। इसलिए इस घटना की न्यायिक जांच कराकर ऐसी परिस्थितियां पैदा करने वाले वास्तविक आरोपियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करना अनिवार्य है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

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