150 साल पुराने मकान को प्रशासन ने गिरवाया : बावड़ी पर बने घर को रात में तुड़वाया, परिवार ने ठंड में सड़क पर बिताई रात

बावड़ी पर बने घर को रात में तुड़वाया, परिवार ने ठंड में सड़क पर बिताई रात
UPT | बावड़ी पर बने घर को रात में तुड़वाया

Jan 11, 2025 12:02

150 साल पुरानी रानी सुरेंद्रबाला बावड़ी पर बने एक अवैध मकान को प्रशासन ने शुक्रवार रात को गिरा दिया। इस कार्रवाई ने एक मुस्लिम परिवार की जिंदगी में एक भयंकर मोड़ ला दिया है। परिवार के सदस्यों का...

Jan 11, 2025 12:02

Sambhal News : संभल जिले के लक्ष्मणगंज क्षेत्र स्थित 150 साल पुरानी रानी सुरेंद्रबाला बावड़ी पर बने एक अवैध मकान को प्रशासन ने शुक्रवार रात को गिरा दिया। इस कार्रवाई ने एक मुस्लिम परिवार की जिंदगी में एक भयंकर मोड़ ला दिया है। परिवार के सदस्यों का कहना है कि कड़ी सर्दी में सड़क पर बैठकर उन्हें रात बितानी पड़ी और उनकी महिलाएं एक-दूसरे से लिपटकर आंसुओं में डूब गईं। परिवार का कहना था कि "हम लोगों के साथ बहुत जुल्म हो रहा है... इतनी ठंड पड़ रही है रात में हम लोग कहां जाएंगे, हम लोग क्या करें?"

24 घंटे में मकान गिराने की कार्रवाई
गुलनाज बी पत्नी युसूफ सैफी ने 2017 में लक्ष्मणगंज स्थित रानी सुरेंद्रबाला की 150 साल पुरानी बावड़ी के पास जमीन खरीदी थी और आठ साल पहले एक मकान बनवाया था। 2017 में खरीदी गई इस भूमि पर मकान बनवाने के बाद नगर पालिका परिषद चंदौसी की ओर से 2025 में परिवार को नोटिस जारी किया गया। शाम 6 बजे नोटिस चस्पा किया गया। जिसमें परिवार को 24 घंटे के भीतर मकान खाली करने का निर्देश दिया गया था। नोटिस मिलने के एक घंटे बाद अधिकारियों की एक टीम मौके पर पहुंची और परिवार से मकान खाली करने के लिए कहा। इसके बाद प्रशासन ने रातभर मकान तोड़ने की प्रक्रिया शुरू की और अगले कुछ घंटों में मजदूरों ने मकान को गिरा दिया। इस दौरान परिवार ने अधिकारियों से मिन्नतें की लेकिन प्रशासन की कार्रवाई बिना किसी विकल्प के चलती रही।


डीएम ने कहा- "यह जल संरक्षण क्षेत्र है"
डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी और बताया कि यह स्थान जल संरक्षण के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस बावड़ी के ऊपर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है। "यह एक जलाशय है और यह जल संरक्षण स्थल होने के कारण किसी प्रकार का निर्माण यहाँ किया जाना अवैध है," डॉ. पैंसिया ने कहा। उन्होंने आगे बताया कि बावड़ी के अंदर कुछ दरारें पाई गईं थीं और वहाँ मलवा भर चुका था, जो अत्यधिक भार डाल रहा था। डीएम ने निर्देश दिए कि इस क्षेत्र में किसी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा और भविष्य में वर्षा की संभावना को देखते हुए इस पर शेड बनवाया जाएगा। इसके अलावा, इलाके को चिन्हित कर अतिक्रमण हटाने की योजना बनाई जा रही है।

परिवार का दर्दनाक पल
इस पूरे घटनाक्रम में परिवार के सदस्य गहरे मानसिक और शारीरिक तनाव में थे। कड़ाके की ठंड में परिवार के सभी सदस्य सड़कों पर बैठकर रोते रहे और महिलाएं एक-दूसरे से लिपट कर दुआएं मांगने लगीं। उन्होंने अधिकारियों से बार-बार निवेदन किया कि कम से कम कुछ समय और दिया जाए लेकिन प्रशासन ने उन्हें कोई राहत नहीं दी। डीएम ने बताया कि बावड़ी के नीचे गैस का स्तर नहीं था लेकिन जब ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ी तो पानी भरने की स्थिति उत्पन्न हुई जिससे वाष्पीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई। पॉल्यूशन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस मलवे के ऊपर अत्यधिक भार था, और इसे धीरे-धीरे हटाने की प्रक्रिया चल रही है ताकि बावड़ी को किसी प्रकार का नुकसान न हो।

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