संभल बवाल पर बोलीं कंगना रनौत : बंटेंगे तो कटेंगे का महत्व दिख रहा, ऐसे इलाकों में शरिया कानून लागू करने की कोशिश...

बंटेंगे तो कटेंगे का महत्व दिख रहा, ऐसे इलाकों में शरिया कानून लागू करने की कोशिश...
UPT | कंगना रनौत

Nov 24, 2024 15:07

संभल जिले में स्थित शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर चल रहे विवाद पर सांसद कंगना रनौत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सिर्फ संभल ही नहीं बल्कि हमारे देश में बहुत सी ऐसी जगहें हैं...

Nov 24, 2024 15:07

Sambhal News : संभल जिले में स्थित शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर चल रहे विवाद पर सांसद कंगना रनौत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सिर्फ संभल ही नहीं बल्कि हमारे देश में बहुत सी ऐसी जगहें हैं जहां हिंदू प्रवेश नहीं कर सकते। ऐसे इलाकों में लोग शरिया कानून लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। कंगना ने कहा कि हमें अपने देश में एकजुट रहना होगा।

सिर्फ संभल ही नहीं...
दरअसल, शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर चल रहे विवाद पर राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का सिलसिला जारी है। अब तक कई नेताओं ने इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। अभिनेत्री और सांसद कंगना रनौत ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बात किसी से छिपी नहीं है कि सिर्फ संभल ही नहीं बल्कि हमारे देश में बहुत सी ऐसी जगहें हैं जहां हिंदू प्रवेश नहीं कर सकते। ऐसे इलाकों में लोग शरिया कानून लागू करने की कोशिश कर रहे हैं और शरणार्थियों को फर्जी पहचान पत्र दिए जा रहे हैं...हमारा जो 'एक हैं तो सेफ हैं' और 'बटेंगे तो कटेंगे' का मंत्र हैं उसका महत्व हमें साफ-साफ दिखता है। हमें अपने देश में एकजुट रहना होगा।
सर्वे के दौरान हुआ विवाद
गौरतलब है कि रविवार को संभल स्थित शाही मस्जिद के सर्वे का कार्य शुरू हुआ। इस दौरान मस्जिद के आसपास के क्षेत्र में कुछ लोग विरोध प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने पथराव करना शुरू कर दिया। जिससे स्थिति बेकाबू हो गई। हिंसा में शामिल कुछ लोगों ने आसपास की दुकानों और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। इस बवाल में अब तक दो लोगों की मौत हो गई है।जानकारी के अनुसार एक गली में से भीड़ ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग कर दी। जवाब में पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने और लाठीचार्ज करना पड़ा। घटना में बीस से अधिक पुलिस कर्मी, एसडीएम और दो दर्जन लोग चोटिल हो गए।



कैसे शुरू हुआ विवाद
गौरतलब है कि इस मामले की शुरुआत हिंदू पक्ष द्वारा सिविल कोर्ट में दायर एक याचिका से हुई, जिसमें यह दावा किया गया कि शाही जामा मस्जिद पहले श्री हरिहर मंदिर था। इस याचिका में बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की 150 साल पुरानी एक रिपोर्ट को आधार बनाया गया है। हिंदू पक्ष का आरोप है कि 1529 में बाबर ने इस मंदिर को तुड़वाकर मस्जिद बनवाई और मस्जिद के अंदर शिवलिंग होने का दावा भी किया गया है। इसके बाद, 19 नवंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन चंदौसी की अदालत ने सर्वे का आदेश दिया। आदेश के अनुसार, एडवोकेट कमिश्नर और प्रशासनिक टीम ने उसी दिन शाम को मस्जिद में दो घंटे तक सर्वे किया।

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क्या है पूरा मामला?
संभल की शाही जामा मस्जिद में हाल ही में एक कोर्ट आदेश के बाद रात के समय सर्वे कराया गया। जिसके बाद यह मामला राष्ट्रीय चर्चा में आ गया। यह घटनाक्रम खासतौर पर जुमे की नमाज से पहले सामने आया जब इस मस्जिद के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। पीएसी और पुलिस की तैनाती से यह साफ था कि प्रशासन इस संवेदनशील मसले पर कोई जोखिम नहीं लेना चाहता था।

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