संभल के खग्गू सराय स्थित ऐतिहासिक शिव मंदिर के कपाट 46 सालों बाद श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं, जिससे क्षेत्र में भक्तों में उत्साह का माहौल है...
कौन हैं डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया : संभल हिंसा के बाद लिया एक्शन, प्राचीन शिव-हनुमान मंदिर खुलवाने के बाद फिर चर्चा में आए
Dec 16, 2024 16:36
Dec 16, 2024 16:36
राजस्थान के रहने वाले हैं राजेंद्र पेंसियां
दरअसल, राजेंद्र पेंसिया वर्तमान में संभल के जिलाधिकारी हैं, जिनका जन्म 10 अगस्त 1983 को राजस्थान के श्री गंगानगर जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कॉमर्स से की और इसके बाद बीकॉम किया। 2005 में उन्होंने एक सरकारी शिक्षक के तौर पर नौकरी शुरू की, लेकिन उनके मन में हमेशा से आईएएस बनने का सपना था। शिक्षक की नौकरी के साथ-साथ उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी भी जारी रखी। उनकी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने उन्हें प्रशासनिक सेवा की ओर अग्रसर किया।
RAS परीक्षा में मिली आठवीं रैंक
राजेंद्र पेंसिया ने शुरुआत में यूपीएससी परीक्षा में असफलता का सामना किया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। इसके बाद उन्होंने राज्य प्रशासनिक सेवा (RAS) की परीक्षा दी और सफलता प्राप्त की। इस सफलता के बाद उन्हें बीडीओ की पदवी मिली। लेकिन उनका सपना आईएएस बनने का था और उन्होंने इसे हासिल करने के लिए लगातार प्रयास जारी रखा। 2011 में, राजेंद्र ने RAS परीक्षा में आठवीं रैंक हासिल की और डिप्टी कलेक्टर के रूप में नियुक्त हुए।
एसडीएम के पद पर रहते हुए की यूपीएससी की तैयारी
राजेंद्र पेंसिया ने अपनी यात्रा में कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। एसडीएम के पद पर रहते हुए भी उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी जारी रखी। चार असफल प्रयासों के बाद, उन्होंने 2015 में पांचवीं बार यूपीएससी परीक्षा दी और इस बार सफलता पाई। उन्होंने 345वीं रैंक हासिल की और आईएएस अधिकारी के तौर पर चयनित हुए। इसके बाद वह उत्तर प्रदेश के संभल जिले के जिलाधिकारी बने, जहां उन्होंने अपनी सेवाओं से लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई है।
चर्चा में संभल जिला
गौरतलब है कि वर्तमान में संभल जिला कई दंगों और हिंसाओं के कारण सुर्खियों में है। इन घटनाओं के मद्देनजर, जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने कड़े कदम उठाए हैं। उन्होंने बाहरी लोगों के जिले में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया और इंटरनेट सेवा को निलंबित कर दिया ताकि किसी भी प्रकार की अफवाहें और हिंसा न फैले। इसके साथ ही उन्होंने स्कूल और कॉलेजों को भी बंद करने का आदेश दिया, ताकि विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। राजेंद्र पेंसिया का यह कदम जिले में शांति बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।
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