भारतीय जनता पार्टी के अपने दम पर बहुमत पाने के मंसूबों पर पानी फेरने का सबसे बड़ा काम उत्तर प्रदेश ने किया है। खासकर अवध से निराशा हाथ लगी है। यहां भाजपा के बड़े-बड़े नेता चुनाव में हार गए हैं। अवध में सिर्फ लखनऊ से भाजपा जीती है। यहां राजनाथ की साख बरकरार रही है।
Lok Sabha Election 2024 : अवध ने भाजपा को किया निराश, दिग्गजों को करना पड़ा हार का सामना
Jun 05, 2024 13:45
Jun 05, 2024 13:45
धार्मिक उत्साह के बावजूद जीत हासिल करने में विफल
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में नाटकीय बदलाव आया है क्योंकि हाल के चुनाव परिणामों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा ) को बड़ा झटका लगा है। जनवरी 2024 में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद बढ़े धार्मिक उत्साह के बावजूद, भाजपा जीत हासिल करने में विफल रही, जो 1993 के चुनावों में उसकी हार की याद दिलाती है। भाजपा के लिए सबसे चौंकाने वाली हार अयोध्या (फैजाबाद) की रही है जहां उसके दो बार के सांसद लल्लू सिंह को समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने हरा दिया है।
2019 में 15 सीटों पर रही भाजपा को इस बार मिली 7 सीटें
बात करें अवध क्षेत्र की तो 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 17 में से 15 सीटें मिली थीं। एक-एक सीट बसपा और कांग्रेस के पाले में गई थी। वहीं 2024 के चुनाव में भाजपा को सिर्फ 7 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा है। इसमें लखनऊ, उन्नाव, मिश्रिख, हरदोई, गोण्डा, बहराइच और कैसरगंज शामिल हैं। इंडिया गठबंधन ने भाजपा से शेष सारी सीटें छीन ली हैं। इसमें सपा को छह और कांग्रेस को चार सीटें मिली हैं।
इंडिया गठबंधन को कौन-कौन सी सीट मिली
अवध क्षेत्र में लखनऊ को छोड़कर भाजपा मोहनलालगंज, बाराबंकी, सीतापुर, लखीमपुर, सुल्तानपुर, रायबरेली, अमेठी, फैजाबाद, अंबेडकर नगर, प्रतापगढ़, कौशांबी, श्रावस्ती, संत कबीर नगर और बस्ती की लोकसभा सीटें हार गई है। इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस ने सीतापुर, रायबरेली, अमेठी तथा बाराबंकी सीटें जीती हैं वहीं सपा ने भाजपा से पांच सीटें छीन ली है।
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