रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपना कार्यभार संभाल लिया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम एक मजबूत और 'आत्मनिर्भर' भारत विकसित करना चाहते हैं। हम रक्षा निर्माण पर आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं।
Modi Cabinet 3.0 : राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्री का कार्यभार संभाला, कहा-हमें अपनी तीनों सेनाओं पर गर्व
Jun 13, 2024 13:38
Jun 13, 2024 13:38
स्वागत के लिए मौजूद रहे शीर्ष अधिकारी
रक्षा मंत्री का कार्यभार संभालने पहुंचे राजनाथ सिंह के स्वागत के लिए बाहर तमाम कर्मचारी उनके विभाग के मौजूद रहे। रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, रक्षा सचिव गिरधर अरमाने, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी तथा रक्षा मंत्रालय के कई शीर्ष अधिकारियों ने साउथ ब्लॉक स्थित रक्षा मंत्रालय के कार्यालय पहुंचने पर राजनाथ सिंह का स्वागत किया।
लखनऊ से लगातार तीसरी बार चुने गए सांसद#WATCH दिल्ली: राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्री का कार्यभार संभाला। pic.twitter.com/nGnfa8PcXH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 13, 2024
राजनाथ सिंह लगातार दूसरी बार रक्षा मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला है। राजनाथ हाल ही में हुए आम चुनाव में लखनऊ लोकसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार चुने गए। उत्तर प्रदेश के लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह ने 1 जून 2019 को पहली बार रक्षा मंत्री का पद संभाला था।
पिछले कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए
जाहिर सी बात है कि राजनाथ सिंह को एक बार फिर से जब नई जिम्मेदारी मिली है तो फिर नए बदलाव भी संभव हैं और पेंडिंग काम भी और गति से होते नजर आएंगे। पिछले कार्यकाल में देश की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता रही थी। उन्होंने 2019 से रक्षा मंत्री के रूप में चीन के साथ सीमा पर भारत की युद्ध तत्परता को मजबूत करने के साथ-साथ देश के रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। रक्षा मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र में रणनीतिक जलमार्गों में अपने समुद्री कौशल को भी बढ़ाया। उनके नेतृत्व में, रक्षा मंत्रालय ने सीमावर्ती क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए एक आक्रामक नीति अपनाई, जिसने संवेदनशील क्षेत्रों में तेजी से सैन्य जुटाव में महत्वपूर्ण मदद की।
रक्षा मंत्री के एजेंडे में होंगे ये प्रमुख मुद्दे
इस बार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के एजेंडे में सबसे ऊपर अग्निपथ योजना, लंबित सैन्य आधुनिकीकरण, स्वदेशीकरण पर ध्यान देने के अलावा सीमाओं पर स्थिति, खासकर चीन के साथ, जहां पूर्वी लद्दाख में गतिरोध अभी भी जारी है, शामिल है। अग्निपथ योजना, जो हाल ही में संपन्न चुनावों में एक प्रमुख मुद्दा थी, को सशस्त्र बलों की परिचालन आकस्मिकताओं के साथ-साथ विभिन्न सहयोगियों और राजनीतिक दलों की चिंताओं को दूर करने के लिए बड़े बदलावों की आवश्यकता होगी।
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