लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम आ चुका है। लंबे इंतजार के बाद 4 जून को सभी प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला हुआ। चुनाव के बाद कुछ हारे हुए उम्मीदवार और कुछ जीत हासिल कर चुके प्रत्याशी चर्चा का विषय बने हए हैं...
2024 के चुनाव में इन युवाओं ने संभाली विरासत : पहले ही चुनाव में दर्ज की जीत, जानिए लिस्ट में किनके नाम
Jun 05, 2024 18:09
Jun 05, 2024 18:09
युवा नेताओं ने आजमाई किस्मत
उत्तर प्रदेश में इकरा हसन से लेकर पुष्पेंद्र सरोज, प्रिया सरोज, नुसरत अंसारी, आदित्य यादव तक इन युवा नेताओं ने लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई। इनमें से कुछ ऐसे उम्मीदवार हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 में पहली बार अपनी किस्मत आजमाई और जनता का विश्वास हासिल किया। इनमें कुछ ऐसे उम्मीदवार हैं जिनकी उम्र 25 साल के आसपास है। जिन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद राजनीति में दिलचस्पी दिखाई। आईये जानते हैं कि यूपी की इन लोकसभा सीट को सबसे कम उम्र का युवा सांसद मिला है।
पुष्पेंद्र सरोज
25 साल के पुष्पेंद्र सरोज चर्चाओं में बने हुए हैं। कौशांबी लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी पुष्पेंद्र सरोज ने 509787 मत हासिल किए हैं। सबसे कम उम्र के उम्मीदवार ने कौशांबी जनता का विश्वास जीत लिया। पुष्पेंद्र सरोज 25 साल की उम्र में यूपी की सियासी रणभूमि में उतरे हैं। वह पांच बार के विधायक और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री इंद्रजीत सरोज के बेटे हैं। पुष्पेंद्र सरोज का जन्म 1999 में हुआ था। पुष्पेंद्र तीन बड़ी बहनों के बाद सबसे छोटे हैं। उन्होंने देहरादून के वेल्हम बॉयज़ स्कूल में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है। अकाउंटिंग एंड मैनेजमेंट में बीएससी करने के लिए लंदन से लौटकर सीधा राजनीति में कदम रखा है। बता दें कि 1 मार्च को ही उनकी उम्र 25 साल पूरी हुई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि वह 2019 के चुनाव के दौरान अपने पिता इंद्रजीत सरोज की हार का बदला लेने के लिए चुनावी मैदान में उतरे।
इकरा हसन
इकरा हसन की बात करें तो उन्होंने कैराना लोकसभा सीट से ऐतिहासिक जीत हासिल की है। 18 साल बाद यह सीट सपा के खाते में आई है। साल 1996 में सपा के टिकट पर उनके पिता मुन्नावर हसन ने जीत हासिल की थी। इसके बाद इस सीट पर उनकी बेटी ने सपा का परचम लहराया है। इकरा ने 69 हजार 116 वोटों से यह चुनाव जीता है। इकरा हसन मात्र 27 साल की हैं जो सासंद बनने जा रही हैं। उन्होंने लंदन में यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से इंटरनेशनल लॉ एंड पालिटिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के साथ ही इकरा हसन अलग-अलग मुद्दों पर भी अपना विचार रखती रही हैं। लंदन में सीएए का विरोध-प्रदर्शन कर सुर्खियों में आई थीं। साल 2021 में वह पढ़ाई पूरी कर भारत वापस लौट आई थीं। जिसके बाद वो सामाजिक काम में सक्रिय हो गई।
प्रिया सरोज
मछलीशहर लोकसभा सीट से चुनाव जीतने वाली प्रिया सरोज 25 साल की हैं। प्रिया सरोज ने 35850 मतों से जीत हासिल कर अपने पिता की विरासत को संभाला है। प्रिया सरोज के पिता तूफानी सरोज भी तीन बार सांसद रह चुके हैं। 25 वर्षीय प्रिया, पासी समुदाय से आती हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से की है। इसके बाद नोएडा स्थित एक निजी विश्वविद्यालय से लॉ की डिग्री हासिल की। वह फिलहाल उच्चतम न्यायालय (Supreme Court ) में प्रैक्टिस भी कर रहीं हैं। वाराणसी के पिंडरा तहसील के करखियांव गांव की रहने वाली प्रिया सरोज पिछले 7 वर्षों से समाजवादी पार्टी में सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में अपनी भागीदारी निभाती रही हैं। पहली बार लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने वाली प्रिया सरोज को जनता ने सर आंखों पर बैठाया।
आदित्य यादव
शिवपाल के बेटे और सपा से उम्मीदवार आदित्य यादव ने भाजपा उम्मीदवार दुर्विजय सिंह को 35067 वोटों से हराकर जीत का परचम लहराया। 35 साल के आदित्य यादव शिवपाल यादव के बेटे हैं और साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चचेरे भाई हैं। आदित्य यादव ने पहली बार लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई और जीत हासिल की। बदायूं लोकसभा सीट पर जीतने वाले आदित्य ने अपने पिता की विरासत को संभाला है। आदित्य ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। आदित्य यादव को-ऑपरेटिव ऑर्गनाइजेशन IFFCO के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में से एक हैं। आदित्य इफको बोर्ड के सबसे युवा डायरेक्ट भी हैं। अभी तक आदित्य यादव सक्रिय राजनीति से दूर थे। हालांकि पिता शिवपाल यादव के लिए वो अक्सर चुनाव प्रचार करते दिखे हैं। समय-समय पर उन्होंने अपने पिता से राजनीति के गुण सीखे और अब जाकर एक्टिव पॉलिटिक्स में उनकी एंट्री हुई।
नुसरत अंसारी
मुख्तार अंसारी की भतीजी और अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत अंसारी पहली बार चुनावी मैदान में दिखीं। गाजीपुर लोकसभा सीट से नुसरत ने दो सेट में समाजवादी प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन किया था जबकि निर्दल प्रत्याशी के तौर पर भी दो सेट में नामांकन किया था। उनके पिता अफजाल अंसारी ने चार सेट में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किया था। लेकिन चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी के तौर पर दाखिल किए गए दोनों नामांकन खारिज कर दिए। गाजीपुर से उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा। नुसरत को इस चुनाव में 4616 वोट मिले। यहां से उनके पिता अफजाल अंसारी ने जीत हासिल की है। नुरसत 31 साल की हैं। उन्होंने पहली लोकसभा के चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई लेकिन वह हार गईं।
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