सुंदर पिचाई ने हाल ही में खुलासा किया कि अब Google के नए कोड का 25% से अधिक हिस्सा AI द्वारा तैयार किया जा रहा है। NVIDIA के CEO ने कहा था कि इससे नौकरियां नहीं जाएंगी बल्कि काम करने का तरीका बदलेगा।
Google CEO का बड़ा बयान : कहा- AI के बढ़ते प्रभाव से बदल रहा है कोडिंग का क्षेत्र
Nov 03, 2024 16:05
Nov 03, 2024 16:05
कोडिंग में बढ़ती AI की भुमिका
सुंदर पिचाई ने हाल ही में खुलासा किया कि अब Google के नए कोड का 25% से अधिक हिस्सा AI द्वारा तैयार किया जा रहा है। इसका मतलब यह है कि कोडिंग के इस हिस्से को सॉफ्टवेयर इंजीनियर नहीं बल्कि AI जनरेट कर रहा है और इंजीनियर इसे अंतिम समीक्षा के लिए देखते हैं। पिचाई का यह बयान सॉफ्टवेयर विकास के क्षेत्र में AI की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है और संकेत देता है कि भविष्य में यह क्षेत्र कैसे बदल सकता है।
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AI का बढ़ता योगदान
Google के CEO सुंदर पिचाई ने कंपनी की Q3 2024 मीटिंग में इस बात का खुलासा किया कि Google के नए कोड का एक चौथाई हिस्सा AI द्वारा लिखा जा रहा है। यह तकनीकी दुनिया में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन की ओर संकेत है। AI न केवल कोडिंग प्रक्रियाओं को तेज कर रहा है, बल्कि इससे Google के विकास के तरीके भी बदल रहे हैं। AI द्वारा कोड तैयार करने से न केवल काम में तेजी आई है, बल्कि इसके जरिये समय और संसाधनों का भी बचाव हुआ है। इस पहल से यह स्पष्ट हो रहा है कि Google AI को अपनी कार्यप्रणालियों में पूरी तरह से समाहित करने का इच्छुक है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियरों पर AI के प्रभाव
AI द्वारा कोड तैयार किए जाने का सबसे बड़ा असर सॉफ्टवेयर इंजीनियरों पर पड़ा है। इंजीनियर अब AI द्वारा तैयार कोड की समीक्षा, उसे परिष्कृत करने और आवश्यकतानुसार सुधारने पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। इस बदलाव से उन्हें सामान्य कोडिंग कार्यों से अधिक उन्नत कार्यों और जटिल समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिल रहा है। इससे सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को AI से प्रतिस्पर्धा करने की बजाय इसके साथ सहयोग करने का मौका मिलता है। AI के इस सहयोग से इंजीनियर ज्यादा रणनीतिक और रचनात्मक समस्याओं के समाधान में संलग्न हो सकते हैं। इससे AI उन्हें कोडिंग प्रक्रिया में मदद करने वाला एक सहयोगी साबित हो सकता है, जो उन्हें कोडिंग की बुनियादी प्रक्रियाओं से मुक्त कर उच्च स्तरीय कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम बनाता है।
Google एक नई दिशा की ओर
Google ने अपने AI उपयोग को अपने व्यापक उद्देश्यों का हिस्सा बनाया है। कंपनी ने अपने अनुसंधान, मशीन लर्निंग और सुरक्षा टीमों को प्लेटफॉर्म और डिवाइसेज डिवीजनों के साथ मिलाकर पुनर्गठन किया है। इस पुनर्गठन का मुख्य उद्देश्य AI मॉडल, जैसे कि Google Gemini, को और अधिक सरलता से लागू करना है। इन टीमों के एकीकृत होने से Google को AI-आधारित समाधानों को अधिक तेजी से विकसित और प्रस्तुत करने में आसानी होगी। यह संरचनात्मक परिवर्तन Google को तकनीकी प्रगति का तेजी से जवाब देने में सहायक बना रहा है, जिससे AI को कोडिंग सहित अन्य संचालन प्रक्रियाओं में प्रभावी ढंग से समाहित किया जा सकेगा।
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AI से जुड़े अवसर और चुनौतियां
सुंदर पिचाई का यह बयान कोडिंग के क्षेत्र में एक नए युग का संकेत देता है, जहां AI को मानव इंजीनियरों का प्रतिस्पर्धी नहीं, बल्कि सहयोगी माना जा रहा है। AI कोडिंग के शुरुआती स्तर के कार्यों को संभाल सकता है, जिससे इंजीनियर उन कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, जो अधिक रचनात्मकता और जटिलता की मांग करते हैं। AI कोडिंग करियर का अंत नहीं बल्कि इसमें एक नया मोड़ ला रहा है। इस सहयोगी भूमिका में AI मानव इंजीनियरों के लिए एक सहयोगी के रूप में कार्य करता है और इंजीनियरिंग को उच्च-स्तरीय समस्याओं के समाधान के लिए प्रेरित करता है। इसके अलावा AI तकनीक के साथ मानव निगरानी गुणवत्ता और नैतिकता के मानकों को बनाए रखने में सहायक है।
तकनीकी क्षेत्र में AI का भविष्य
AI के कोडिंग क्षेत्र में बढ़ते प्रभाव से यह स्पष्ट है कि भविष्य में तकनीकी कार्यप्रणाली में AI का अधिक महत्वपूर्ण स्थान होगा। AI न केवल कोडिंग प्रक्रिया को तेज बना रहा है बल्कि इसके जरिये नवाचार को भी प्रोत्साहन मिल रहा है। इसके साथ ही AI के बढ़ते हस्तक्षेप से इस बात पर भी ध्यान देना आवश्यक है कि मानव नियंत्रण में ही इसकी गतिविधियां हों ताकि नैतिकता और गुणवत्ता के मानकों का सही तरीके से पालन किया जा सके। सुंदर पिचाई का यह बयान दर्शाता है कि Google, और संभवतः अन्य तकनीकी कंपनियां, AI को कोडिंग सहित अन्य प्रक्रियाओं में एक पूरक सहयोगी के रूप में देख रही हैं। AI की यह प्रगति न केवल इंजीनियरों को उन्नत कार्यों में संलग्न कर सकती है, बल्कि तकनीकी विकास की गति को भी तेज कर सकती है।
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