Auto Taxi Strike : दिल्ली-NCR की सड़कों पर नहीं दिखेंगे ऑटो-टैक्सी, दो दिन की हड़ताल पर बैठें ड्राइवर

दिल्ली-NCR की सड़कों पर नहीं दिखेंगे ऑटो-टैक्सी, दो दिन की हड़ताल पर बैठें ड्राइवर
UPT | Symbolic Image

Aug 22, 2024 10:11

अगर आप एनसीआर में आज बृहस्पतिवार और कल शुक्रवार को किसी जरूरी काम है तो घर से ही पूरी तैयारी के साथ निकले। दरअसल एनसीआर के प्रमुख ऑटो और टैक्सी चालक संगठनों ने 22...

Aug 22, 2024 10:11

New Delhi News : अगर आप एनसीआर में आज बृहस्पतिवार और कल शुक्रवार को किसी जरूरी काम है तो घर से ही पूरी तैयारी के साथ निकले। दरअसल एनसीआर के प्रमुख ऑटो और टैक्सी चालक संगठनों ने 22 और 23 अगस्त को हड़ताल की घोषणा की है। इस हड़ताल के दौरान लगभग चार लाख यात्री वाहनों के सड़कों पर न उतरने की संभावना है। इसके कारण यातायात व्यवस्था पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है और आपकी यात्रा में काफी कठिनाई हो सकती है।

ऑटो और टैक्सी हड़ताल में 15 से ज्यादा यूनियन शामिल
दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में 22 और 23 अगस्त को होने वाली दो दिवसीय हड़ताल ने यातायात व्यवस्था को प्रभावित करने की संभावना को जन्म दिया है। इस हड़ताल में दिल्ली की प्रमुख ऑटो और टैक्सी यूनियनें शामिल हो गई हैं। जिनमें टैक्सी ड्राइवर सेना यूनियन, दिल्ली ऑटो तिपहिया ड्राइवर यूनियन और राजधानी टूरिस्ट ड्राइवर यूनियन जैसी प्रमुख संघटनाएं शामिल हैं। कुल मिलाकर 15 से अधिक प्रमुख यूनियनें इस हड़ताल का हिस्सा बन गई हैं।

जानिए क्यों हड़ताल पर बैठें ड्राइवर
हड़ताल के पीछे का मुख्य कारण एप आधारित कैब सेवाओं का बढ़ता प्रभाव और उसके कारण ऑटो और टैक्सी चालकों को हो रहे आर्थिक नुकसान को बताया जा रहा है। ऑल दिल्ली ऑटो-टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष किशन वर्मा ने कहा कि एप कंपनियां कैब चालकों से भारी कमीशन वसूल रही हैं और उनकी मनमानी पर कोई रोक नहीं है। वहीं ऑटो और टैक्सी चालकों को इन सेवाओं के बढ़ते दबाव के कारण आर्थिक नुकसान हो रहा है। इस हड़ताल के दौरान अनुमानित रूप से एक लाख ऑटो और चार लाख टैक्सियां, जिनमें एक लाख से अधिक कैब शामिल हैं, सड़कों पर नहीं चलेंगी। इस स्थिति का परिणाम स्वरूप दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में यातायात की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

हड़ताल के कारण प्रभावित होंगे ये क्षेत्र
हड़ताल के दौरान ऑटो और टैक्सी सेवाओं के ठप होने से नागरिकों को परिवहन के विकल्प में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। खासकर उन लोगों को अधिक परेशानी होगी जो नियमित रूप से सार्वजनिक परिवहन पर निर्भर हैं। इस प्रकार की व्यापक हड़ताल की संभावना से यातायात व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है और यह शहर के सामान्य जीवन को प्रभावित कर सकता है। इस स्थिति से निपटने के लिए संबंधित विभागों और नागरिकों को अग्रिम तैयारी और वैकल्पिक परिवहन की व्यवस्था करने की सलाह दी जाती है। हड़ताल की अवधि के दौरान अन्य परिवहन विकल्पों पर ध्यान देने और आवश्यक योजनाओं को तैयार करने से राहत मिल सकती है।

जानिए यूनियनों की मांग
यूनियनों का कहना है कि एक तरफ जहां एप आधारित कैप सेवा से ऑटो टैक्सी चालकों को नुकसान हो रहा है। वहीं, कैब चालकों का एप कंपनियां शोषण कर रही हैं उनसे मोटा कमीशन वसूल रही है। इसी तरह बाइक टैक्सी और ई रिक्शा से भी उनके रोजगार को नुकसान पहुंच रहा है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार और राज्य की सरकार इस मनमाने पर रोक नहीं लगा रही है। इसलिए चालकों के हित में उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ रहा है।

Also Read

कहा- महज आरोपी होने पर घर नहीं गिराया जा सकता, इसे बताया कानून का उल्लंघन

12 Sep 2024 09:09 PM

नेशनल बुलडोजर जस्टिस पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी : कहा- महज आरोपी होने पर घर नहीं गिराया जा सकता, इसे बताया कानून का उल्लंघन

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने अवैध विध्वंस को लेकर एक अहम टिप्पणी करते हुए स्पष्ट किया है कि किसी व्यक्ति के घर को महज इस आधार पर ध्वस्त नहीं किया जा सकता कि वह किसी आपराधिक मामले में आरोपी है। और पढ़ें