नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की बेंगलुरु बेंच ने बायजू कंपनी के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके लिए बेंच ने BCCI की याचिका को स्वीकार कर लिया है। इस मामले की...
अर्श से फर्श पर बायजू : बीसीसीआई से विवाद के बाद अब दिवालिया की कार्रवाई, जानें पूरा मामला...
Jul 16, 2024 18:02
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पंकज श्रीवास्तव संभालेंगे कंपनी की कमान
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने मंगलवार 16 जून को बायजू की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न (Think and Learn) के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश के बाद ट्रिब्यूनल ने मौजूदा मैनेजमेंट का भंग कर अंतरिम रिज्योलूशन प्रोफेशनल पंकज श्रीवास्तव को नियुक्त कर दिया है। इसके साथ ही ट्रिब्यूनल ने कंपनी के कर्जदाताओं के लिए एक कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स का गठन करने को कहा है, जो जल्दी से जल्दी हो और उनके समर्थन में कार्रवाई की संभावनाओं को समझे। इस समय तक कंपनी की कमान पंकज श्रीवास्तव के हाथों में रहेगी।
संपत्तियों को बेचकर चुकाया जाएगा कर्जदाताओं के पैसे
NCLT ने कहा कि पंकज कमेटी बनने तक कंपनी की कमान संभालेंगे। इससे पहले ट्रिब्यूनल ने बायजू के सभी मामलों को एक साथ रखने और अतिरिक्त कर्जदाताओं की कमेटी बनाने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद कंपनी के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू हो जाएगी। अब कंपनी की संपत्तियों का मूल्य निर्धारित किया जाएगा और उन्हें बेचकर कर्जदाताओं को पैसे चुकाए जाएंगे।
एक घटना से बना करियर
केरल के एक छोटे से गांव अझिकोड में रविंद्रन और उनकी पत्नी शोभनवल्ली बच्चों को फिजिक्स और मैथ्स की पढ़ाई कराती थी। उनका एक बेटा बाजयू था। बाजयू को अपने माता-पिता से गणित और विज्ञान में गहरी रुचि हुई। उन्होंने अपनी शिक्षा में इंजीनियरिंग की दिशा चुनी और विदेश में करियर की शुरुआत की। 2003 की एक घटना ने उनके जीवन में बदलाव आ गया। बायजू ने दोस्तों को एमबीए की तैयारी कराने के लिए नौकरी से छुट्टी ली और इस दौरान उन्हें भी परीक्षा देने का विचार आया। इसके बाद मजाक मस्ती में पढ़ाई के साथ परीक्षा दी और 100 पर्सेंटाइल लेकर आए। बायजू को लगा यह इत्तेफाक हो सकता है, इसलिए दोबारा फिर कोशिश की और इस बार भी 100 पर्सेंटाइल आए। इसके बाद उन्होंने दो लोगों को पढ़ाना शुरू किया। जल्द ही यह संख्या बढ़कर 8 और फिर 16 हो गई।
2007 के बाद बदली किस्मत
2007 में बायजू ने शिक्षा के क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई। उस समय उनकी लोकप्रियता इतनी तेजी से बढ़ी कि ऑडिटोरियम में क्लासेस लेने की नौबत आ गई। उस समय ऑडिटोरियम में 1000 से अधिक छात्र उनकी शिक्षा के लिए उपस्थित होते थे। बायजू की सफलता ने धीरे-धीरे विस्तार किया और उन्होंने देशभर में अपने कोर्सेज को पहुंचाने का कार्य शुरू किया। 2009 तक उनकी पॉपुलैरिटी इतनी बढ़ गई कि उन्होंने वीडियो के माध्यम से ऑनलाइन क्लासेस की शुरुआत की। इस समय वे केवल कॉलेज स्तर के छात्रों को ही कोचिंग प्रदान करते थे, लेकिन उनके प्रवाह ने इसे और भी व्यापक बना दिया।
ऐप को लॉन्च कर पढ़ाई की आसान
BYJU's ने अपने ऐप को लॉन्च करते ही शिक्षा को एक नया आयाम दिया। इसका मुख्य उद्देश्य था पढ़ाई को सरल, सुविधाजनक और मजेदार बनाना। उन्होंने ऑनलाइन कक्षाओं के लिए विशेषज्ञ शिक्षकों की भर्तियां की। BYJU's ने ग्राफिक्स का प्रयोग करके कठिन विषयों को भी सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया। वे 5 से 20 मिनट के वीडियो बनाकर विभिन्न विषयों को छात्रों और अभिभावकों के लिए समझाने में मदद करते थे। शुरुआती दौर में BYJU's ने अपने ऐप पर वीडियोज़ फ्री में प्रदान किए, जिनसे छात्र और उनके पेरेंट्स को प्रभावित किया। इसके बाद वीडियो को सब्सक्रिप्शन बेस्ड कर दिया गया। जिससे उनकी कमाई में भी वृद्धि हुई। वर्तमान में BYJU's के पास लगभग 70 लाख सब्सक्राइबर्स हैं।
कोविड में पकड़ी रफ्तार
कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय एडयूटेक स्टार्टअप BYJU's ने अपने मुनाफे में बड़ी वृद्धि दर्ज की है। इस अवधि में ऑनलाइन शिक्षा के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है जिसके कारण उनकी व्यावसायिक गतिविधियों में वृद्धि हुई है। 2019 में BYJU's ने विज्ञापनों पर केवल 184 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जो उनकी मार्केटिंग व्यवस्था की प्रभावीता को दर्शाता है। इस समय उन्होंने शाहरुख खान को अपना ब्रैंड एंबेसडर चुना जिससे कंपनी की गति में गहराई आई। BYJU's ने अपने व्यापार के होर्डिंग को बढ़ाने के लिए पिछले वर्ष 8 अन्य स्टार्टअप का अधिग्रहण किया। इनमें ग्रेडअप, स्कॉलर, एपिक गेम्स, ग्रेट लर्निंग जैसी कंपनियां शामिल थीं, जो BYJU's के लिए महत्वपूर्ण साझेदारी बन सकती थीं और उन्हें अधिक विस्तार की संभावनाएं प्रदान कर सकती थीं।
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