महिला दिवस विशेष : पढ़ाई-लिखाई की शौकीन, जमीन से जुड़ाव... पोस्टमैन की बेटी बनी यूपी की कद्दावर नेता!

पढ़ाई-लिखाई की शौकीन, जमीन से जुड़ाव... पोस्टमैन की बेटी बनी यूपी की कद्दावर नेता!
UPT | पोस्टमैन की बेटी बनी यूपी की कद्दावर नेता!

Mar 08, 2024 05:00

गाजीपुर में जन्मी संगीता बलवंत की पहचान उत्तर प्रदेश के बेहद कद्दावर नेता के तौर पर होती है। उनके पिता पोस्टमैन थे। संगीता बलवंत ने राजनीति की शुरुआत छात्रसंघ चुनाव से की थी।

Mar 08, 2024 05:00

Short Highlights
  • राज्यसभा सदस्य हैं संगीता बलवंत
  • ओबीसी समाज में संगीता की अच्छी पकड़
  • महिलाओं की शिक्षा को लेकर सजग
New Delhi : 1 अक्टूबर, 1978... गाजीपुर में एक साधारण से पोस्टमैन रामसूरत के घर एक लड़की का जन्म होता है। घर वाले प्यार से नाम रखते हैं संगीता। संगीता भले ही ऐसे परिवार में जन्मी, जिसका दूर-दूर तक राजनीति से कोई रिश्ता-नाता नहीं, लेकिन उन्हें राजनीति अपनी तरफ खींचती जरूर थी। संगीता ने गाजीपुर के पीजी कॉलेज से छात्रसंघ का चुनाव लड़ा और रिकॉर्ड मतों से जीतीं। आज अपने इसी कौशल के दम पर वह भाजपा की तरफ से राज्यसभा की सदस्य हैं।

सहकारी बैंकों को संकट से उबारा
संगीता बलवंत ने 2017 का विधानसभा चुनाव गाजीपुर सदर सीट से लड़ा और जीतकर विधानसभा पहुंची थीं। उन्हें योगी सरकार के पहले कार्यकाल में कैबिनेट विस्तार के बाद सहकारिता राज्य मंत्री बनाया गया। कहा जाता है कि राज्यमंत्री बनने के बाद संगीता बलवंत ने सहकारी क्षेत्र के बैंकों को उबारने का काम किया था। वह उत्तर प्रदेश महिला बाल विकास समिति की सभापति भी रह चुकी हैं। उनके राज्यमंत्री बनने के बाद से ही उम्मीद जताई जा रही थी कि बंद पड़े सहकारी कोल्ड स्टोरेज, समितियों व संघों का संचालन सही तरीके से होगा।

ओबीसी समाज में संगीता बलवंत की अच्छी पकड़
डॉ. संगीता बलवंत बिंद समाज से आती हैं। राज्यसभा की सदस्य बनने से पहले वह विधायक और जिला पंचायत सदस्य जैसे पद भी संभाल चुकी हैं। संगीता बलवंत को मनोज सिन्हा का बेहद करीबी बताया जाता है। कहते हैं कि वह सिन्हा से ही प्रभावित होकर ही भाजपा से जुड़ी थीं। संगीता बलवंत अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं।

क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं संगीता बलवंत
डॉ. संगीता बलवंत अपने क्षेत्र में बेहद सक्रिय हैं। वह महिलाओं, किसानों की आवाज हर मौके पर उठाती रहती हैं। संगीता बलवंत भाजपा के सभी अभियान में हिस्सा लेती हैं। हाल ही में उन्होने अपने क्षेत्र की महिलाओं को नारी शक्ति वंदन अभियान के तहत सम्मानित किया था। संगीता की पहचान जमीन से जुड़े नेताओं के तौर पर होती है।

काम में लापरवाही पर बेहद सख्त
साल 2017 की बात है। संगीता बलवंत उस समय सदर सीट से विधायक थीं। तब योगी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को समय से ऑफिस पहुंचने का आदेश दिया था। सरकार की तरफ से सख्त हिदायत थी कि इसमें तनिक भी लापरवाही न की जाए। इसी बात की जांच के लिए संगीता बलवंत एक दिन विकास भवन पहुंच गई। वहां उन्हें आधा दर्जन अधिकारी और कर्मचारी नदारद दिखे। इस पर संगीता बलवंत ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गैरहाजिर मिले अधिकारियों-कर्मचारियों की सैलरी काटने का आदेश दे दिया था।

महिलाओं की शिक्षा को लेकर सजग
संगीता बलवंत की गिनती उत्तर प्रदेश के बेहद पढ़े-लिखे नेताओं में होती है। उन्होंने गाजीपुर पीजी कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद यूपी कॉलेज से एलएलबी किया और फिर पीएचडी की भी डिग्री भी हासिल की। संगीता बलवंत महिलाओं की शिक्षा को लेकर भी बेहद सजग हैं। उन्हें 2020 में आदर्श युवा विधायक सम्मान से सम्मानित किया गया था। ये सम्मान पाने वाली वह प्रदेश की इकलौती विधायक थीं।  उन्हें पढ़ाई के अलावा कविताएं और किताबें लिखने का भी बेहद शौक है। उन्होंने कई किताबें लिखी हैं, जिसके लिए उन्हें सम्मान भी मिला है।

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