इस परियोजना में शिवालिक पहाड़ियों के बीच से गुजरने वाला 12 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड भी शामिल है, जो दून पहाड़ियों में अक्सर लगने वाले जाम से राहत दिलाएगा...
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे : शिवालिक पहाड़ियों से होकर गुजरेगा गलियारा, दिसंबर में होगा शुरू
Sep 21, 2024 16:28
Sep 21, 2024 16:28
- सहारनपुर में जल्द शुरू होगा दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे
- दिसंबर के अंत में आम वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा 42 किलोमीटर हिस्सा
- साल 2021 में शुरू हुआ निर्माण
2020 में केंद्र सरकार से मिली थी मंजूरी
इस एक्सप्रेस-वे परियोजना को केंद्र सरकार ने 2020 में मंजूरी दी थी और जनवरी 2021 से इसका निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा 13,000 करोड़ रुपये की लागत से इसे दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर से उत्तराखंड के आसारोडी तक विकसित किया जा रहा है। यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। फिलहाल यह अब यह अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है।
एशिया का सबसे लंबा वन्य जीव गलियारा
बता दें कि गणेशपुर से आसारोडी तक का 12 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड, जो कि एशिया का सबसे लंबा वन्य जीव गलियारा है, इस परियोजना का प्रमुख आकर्षण है। इसे 576 पिलरों पर बनाया गया है और इसका निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। यह रोड विशेष रूप से शिवालिक जंगल और राष्ट्रीय राजाजी पार्क में वन्य जीवों के संरक्षण के लिए तैयार किया गया है, ताकि उनके विचरण में कोई बाधा न आए।
रोड पर साउंड और लाइट बैरियर्स लगाए जाएंगे
वन्य जीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, इस रोड पर साउंड और लाइट बैरियर्स लगाए जाएंगे, जिससे उन्हें वाहनों की रोशनी और आवाज से परेशानी न हो। इस क्षेत्र में मोबाइल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए एलिवेटेड रोड के पिलरों पर टावर भी स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, देहरादून जनपद में हाथियों और अन्य वन्य जीवों के लिए अंडरपास की व्यवस्था भी की गई है, जिससे वे सुरक्षित रूप से एक तरफ से दूसरी तरफ जा सकें।
अंतिम चरण में है काम
प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रदीप गोंसाई के अनुसार, गागलहेड़ी से डॉट काली माता मंदिर तक एक्सप्रेस-वे और एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। उनका प्रयास है कि दिसंबर के अंत तक कार्य पूरा कर यातायात शुरू किया जा सके, जिससे यह परियोजना जल्द ही जनता के लिए उपलब्ध हो सके।
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