IPC की जगह लेगा अब BNS : गैंगरेप के मामलों में फांसी, जानिए नए क्रिमिनल लॉ में अपराध की धारा और सजा के साथ  महिलाओं के लिए क्या बदला ?

गैंगरेप के मामलों में फांसी, जानिए नए क्रिमिनल लॉ में अपराध की धारा और सजा के साथ  महिलाओं के लिए क्या बदला ?
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Jun 28, 2024 14:16

भारतीय न्याय संहिता में धारा 63 में रेप की परिभाषा दी गई है और 64 से 70 में सजा का प्रावधान किया गया है। जबकि,  आईपीसी में धारा 375 में रेप को परिभाषित किया गया है, जबकि 376 में इसके लिए सजा का प्रावधान है। आईपीसी की धारा 376 के तहत रेप का दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है...

Jun 28, 2024 14:16

UPT News Desk : 1 जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून लागू होने जा रहे हैं। नए कानून लागू होने के बाद से 1860 में बनी आईपीसी को भारतीय न्याय संहिता, 1898 में बनी सीआरपीसी को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और 1872 के इंडियन एविडेंस एक्ट को भारतीय साक्ष्य संहिता के नाम से जाना जाएगा। इन तीनों के नाम के साथ ही काफी कुछ बदल जाएगा। अपराध की सजा क्या होगी, कितना जुर्माना होगा, अब तक यह आईपीसी से तय होता आ रहा है, अब इसे भारतीय न्याय संहिता कहा जाएगा। बता दें आईपीसी में 511 धाराएं थी, भारतीय न्याय संहिता में 356 होंगी। इन नए कानूनों में महिलाओं से जुड़े अपराधों में भी सख्त सजा का प्रावधान किया गया है।

महिलाओं के लिए क्या कुछ बदल जाएगा?
भारतीय न्याय संहिता में धारा 63 में रेप की परिभाषा दी गई है और 64 से 70 में सजा का प्रावधान किया गया है। जबकि आईपीसी में धारा 375 में रेप को परिभाषित किया गया है, जबकि 376 में इसके लिए सजा का प्रावधान है। आईपीसी की धारा 376 के तहत रेप का दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है। यही सजा बीएनएस की धारा 64 में भी रखी गई है। बीएनएस में नाबालिगों से दुष्कर्म में सख्त सजा कर दी गई है। 16 साल से कम उम्र की लड़की के साथ दुष्कर्म का दोषी पाए जाने पर कम से कम 20 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। इस सजा को आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है।

आजीवन कारावास की सजा होने पर दोषी की सारी जिंदगी जेल में ही गुजरेगी। बीएनएस की धारा 65 में ही प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति 12 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ दुष्कर्म का दोषी पाया जाता है तो उसे 20 साल की जेल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। इसमें भी उम्रकैद की सजा तब तक रहेगी, जब तक दोषी जिंदा रहेगा। ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने पर मौत की सजा का प्रावधान भी है। इसके अलावा जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।

झांसा देने पर भी भुगतनी पड़ेगी सजा
भारतीय न्याय संहिता में कई धाराएं जोड़ी गई है। जिसमें, धारा 69 शामिल है। इसमें शादी, रोजगार या प्रमोशन का झूठा वादा कर महिला के साथ यौन संबंध बनाता है, तो उसे अपराध माना जाएगा और 10 साल तक की सजा हो सकती है। साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा।

इसमें पहचान छिपाकर शादी करने पर भी 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। दहेज हत्या को लेकर भी सजा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आईपीसी में धारा 304 (B) और बीएनएस में धारा 80 में दहेज हत्या की परिभाषा और उसकी सजा का प्रावधान है। इसके मुताबिक, अगर शादी के सात साल के भीतर किसी महिला की जलने, चोट लगने या संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो जाती है और पता चलता है कि मौत से पहले पति या उसके रिश्तेदारों ने महिला को प्रताड़ित किया था तो इसे दहेज हत्या माना जाता है। दहेज हत्या में दोषी पाए जाने पर कम से कम 7 साल की सजा का प्रावधान है, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है।

गैंगरेप के मामलों के लेकर सरकार सख्त
गैंगरेप के मामलों को लेकर सरकार काफी सख्त नजर आ रही है। इस अपराध में सजा को और सख्त किया गया है। आईपीसी की धारा 376 (D) में गैंगरेप के लिए सजा का प्रावधान किया गया है। आईपीसी में गैंगरेप के मामलों में दोषी पाए जाने पर 20 साल से लेकर उम्रकैद और जुर्माने की सजा का प्रावधान है। बीएनएस में भी गैंगरेप के मामले में यही सजा रखी गई है। हालांकि, बीएनएस की धारा 70(2) के तहत, नाबालिग के साथ गैंगरेप का दोषी पाए जाने पर कम से कम उम्रकैद की सजा तो होगी ही, साथ ही मौत की सजा भी सकती है। ऐसे मामलों में जुर्माने का भी प्रावधान है।

बीएनएस की धारा 65 में ही प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति 12 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ दुष्कर्म का दोषी पाया जाता है तो उसे 20 साल की जेल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। इसमें भी उम्रकैद की सजा तब तक रहेगी, जब तक दोषी जिंदा रहेगा। ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने पर मौत की सजा का प्रावधान भी है। इसके अलावा जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।

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