केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वीआईपी सुरक्षा व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव करते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत नौ प्रमुख नेताओं की सुरक्षा से...
CM योगी की सुरक्षा में बड़ा बदलाव : हटाए जाएंगे NSG के ब्लैक कैट कमांडो, राजनाथ समेत इन VIP पर भी लागू होगा नियम
Oct 17, 2024 15:20
Oct 17, 2024 15:20
नई सुरक्षा व्यवस्था में क्या बदलाव होंगे?
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, एनएसजी कमांडो जो अब तक नौ वीआईपी की सुरक्षा में तैनात थे, उनकी जगह अब CRPF के जवान इस जिम्मेदारी को निभाएंगे। इन वीआईपी में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती और अन्य वरिष्ठ नेता जैसे भाजपा के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद और फारुक अब्दुल्ला और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू शामिल हैं।
CRPF के जवान संभालेंगे ASL प्रोटोकॉल
विशेष सुरक्षा के रूप में राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ को एडवांस सिक्योरिटी लाइन (ASL) प्रोटोकॉल भी उपलब्ध कराया गया है। ASL प्रोटोकॉल एक विस्तृत सुरक्षा उपाय है। जिसके तहत वीआईपी के आगमन से पहले उनकी यात्रा स्थल की सुरक्षा जांच की जाती है और वहां पर सुरक्षा इंतजाम किए जाते हैं। यह कार्य पहले एनएसजी कमांडो द्वारा किया जाता था लेकिन अब यह जिम्मेदारी भी CRPF के जवान निभाएंगे। वर्तमान में सीआरपीएफ द्वारा यह प्रोटोकॉल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और गांधी परिवार के लिए भी संभाला जा रहा है।
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संसद सुरक्षा के लिए नई बटालियन की तैयारी
इसके अलावा गृह मंत्रालय ने संसद सुरक्षा की जिम्मेदारी से हटाए गए कर्मियों की एक नई बटालियन को मंजूरी दी है। इस बटालियन को जल्द ही CRPF में शामिल किया जाएगा। यह कदम संसद भवन की सुरक्षा में अन्य बलों को और अधिक सक्रियता से जोड़े जाने की नीति का हिस्सा है। जिससे संसद भवन और अन्य संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा और भी मजबूत की जा सके।
NSG कमांडो का ध्यान अब आतंकवाद विरोधी मिशनों पर
एनएसजी को वीआईपी सुरक्षा से मुक्त करके अब उन्हें पूरी तरह आतंकवाद विरोधी कार्यों पर केंद्रित किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव विशेष रूप से भारत में उभरती आतंकवादी चुनौतियों को देखते हुए किया गया है। एनएसजी को अब विशेष प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि वे आतंकवादी हमलों के खिलाफ और भी प्रभावी ढंग से निपट सकें।
सुरक्षा बदलाव के पीछे का कारण
गृह मंत्रालय का मानना है कि सीआरपीएफ जवानों के पास वीआईपी सुरक्षा में लंबा अनुभव है और उनकी तैनाती से वीआईपी सुरक्षा के मानकों में कोई कमी नहीं आएगी। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य एनएसजी कमांडो को उनके मूल कार्य यानी आतंकवाद विरोधी अभियानों पर केंद्रित करना है, ताकि उनकी उच्चतम क्षमता का उपयोग देश की सुरक्षा में किया जा सके।
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