इस समय दुनिया में जनरेशन चेंज होने वाली है। हर कुछ सालों में नई पीढ़ी सामने आती है, जिसे अलग-अलग नामों से पहचाना जाता है...
2025 में आएगी नई जनरेशन : एआई और मेटावर्स के बीच लेगी जन्म, जानिए क्या है Generation Beta
Dec 30, 2024 19:28
Dec 30, 2024 19:28
क्या है जनरेशन बीटा
2025 से 2039 के बीच जन्म लेने वाले बच्चे जनरेशन बीटा का हिस्सा होंगे। आप सोच रहे होंगे कि हैं कि जब Gen Z और Gen Alpha के बारे में बात हो रही थी, तो अचानक यह बीटा पीढ़ी कहां से आई? दरअसल, यह बदलाव पीढ़ियों के नामकरण का हिस्सा है। सामाजिक शोधकर्ता मैकक्रिंडल के अनुसार, यह एक तरीका है जिससे हम देख सकते हैं कि इतिहास के एक नए चरण की शुरुआत हो रही है। पिछली पीढ़ियों के बाद अब यह नया नाम आया है, जिससे पता चलता है कि एक नया युग आ रहा है।
अल्फा के बाद बीटा की बारी
जनरेशन बीटा को लेकर यह विचार करना दिलचस्प है कि यह पीढ़ी तकनीक के क्षेत्र में पहले से कहीं ज्यादा सक्षम होगी। जैसे-जैसे समय बदलता गया, पहले जनरेशन Z और फिर अल्फा आई। ये नाम ग्रीक वर्णमाला के अनुसार दिए गए और अब जेन बीटा की बारी है। यह नामकरण केवल एक तरीका है, जिससे पीढ़ियों के बीच अंतर को समझना सरल हो जाता है। जनरेशन बीटा के आने से यह प्रतीत होता है कि आने वाले समय में दुनिया की दिशा और भी तेज़ी से बदलने वाली है।
कैसी होगी जनरेशन बीटा
जनरेशन बीटा एक ऐसी पीढ़ी होगी, जो 2025 के बाद जन्म लेगी और उनके जीवन में तकनीकी विकास का असर बहुत गहरा होगा। जेन Z और अल्फा के मुकाबले, बीटा जनरेशन को और भी नई तकनीकें उपलब्ध होंगी। यह पीढ़ी अपनी दिनचर्या में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डिजिटल कनेक्टिविटी के साथ जिंदा रहेगी। ऐसे में कहा जा सकता है कि यह पीढ़ी तुरंत एक्शन लेने और नए विचारों को अपनाने में सक्षम होगी। हालांकि, उनकी सोच और उनकी आदतें समय के साथ और भी विकसित होंगी और इसकी भविष्यवाणी करना अभी से मुश्किल है।
स्मार्टफोन और AI तकनीक के साथ होंगे बड़े
जनरेशन बीटा के बच्चों का बचपन और किशोरावस्था बहुत अलग होगी। अल्फा जनरेशन के बच्चों ने स्मार्टफोन और AI जैसी तकनीकों के साथ बड़े होते हुए देखा है, लेकिन बीटा जनरेशन के लिए ये तकनीकें सामान्य बन जाएंगी। वे ऐसी दुनिया में बड़े होंगे जहां क्वांटम कंप्यूटिंग और मेटावर्स जैसी अवधारणाएं आम होंगी। यानि, ये बच्चे उसी युग में पलेंगे, जहां तकनीक जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुकी होगी।
बीटा किड्स कहलाएगी ये जनरेशन
2025 में जन्मे बच्चे, जिन्हें "बीटा किड्स" कहा जाएगा, उस समय में रहेंगे जब तकनीकी विकास ने हर पहलू को प्रभावित किया होगा। पहले लोग किताबों में पढ़ाई करते थे, लेकिन अब स्मार्टफोन और अन्य डिजिटल उपकरणों का प्रयोग सामान्य हो चुका है। अनुमान है कि ये बच्चे एक ऐसी दुनिया में बढ़ेंगे जहां खुद चलने वाली गाड़ियां, विशेष स्वास्थ्य उपकरण और कंप्यूटर से बनी दुनिया आम हो सकती है। यह पीढ़ी पूरी तरह से डिजिटल दुनिया के साथ तालमेल बिठाएगी।
स्वास्थ्य और जीवनशैली में बदलाव
मैकक्रिंडल के अनुसार, जनरेशन बीटा के बच्चे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीनों के साथ बड़े होंगे। जैसे आज हम मोबाइल फोन के बिना नहीं रह सकते, वैसे ही भविष्य में AI और स्मार्ट मशीनों की मदद से उनकी दुनिया और भी स्मार्ट हो जाएगी। ये नई तकनीक न केवल उनकी पढ़ाई, काम और खेल को प्रभावित करेगी, बल्कि स्वास्थ्य और जीवनशैली के तरीके में भी बदलाव लाएगी।
कई चुनौतियों का करना होगा सामना
इस तकनीकी युग में जहां हर चीज एक क्लिक दूर होगी, वहीं इसके साथ ही चुनौतियां भी सामने आएंगी। जनरेशन बीटा को ऐसे समय में रहना होगा जहां धरती के तापमान में वृद्धि, बड़े शहरों का विस्तार और बढ़ती जनसंख्या जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। इन्हीं समस्याओं से निपटने के लिए उन्हें मानसिक रूप से तैयार रहना होगा। उनके पास हर तरह की तकनीकी सुविधाएं होंगी, लेकिन उन्हें इन बदलावों के साथ खुद को ढालना सीखना होगा और सामूहिक समस्याओं का समाधान खोजने की दिशा में भी आगे बढ़ना होगा। जनरेशन बीटा को न केवल अपनी सुविधा के लिए, बल्कि वैश्विक समस्याओं से निपटने के लिए भी तैयार रहना होगा। आने वाले समय में जब तकनीकी दुनिया और वास्तविक दुनिया का मेल होगा, तो बीटा जनरेशन को इसके साथ तालमेल बैठाने में बड़ी भूमिका निभानी होगी।
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