गुरुग्राम की टॉकचार्ज कंपनी द्वारा 5,000 करोड़ रुपए का एक बड़ा वॉलेट घोटाला करने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह कंपनी कैशबैक के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी कर रही थी।
कैशबैक के चक्कर में लाखों गंवाए : फर्जी ऑफर चलाकर कस्टमर को रिझाया, गुरुग्राम की कंपनी ने ऐसे लूटे 5000 करोड़
Sep 11, 2024 16:03
Sep 11, 2024 16:03
- गुरुग्राम की कंपनी ने लूटे 5000 करोड़
- फर्जी ऑफर चलाकर कस्टमर जोड़े
- पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया
पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर के तौर पर शुरुआत
टॉकचार्ज की शुरुआत एक प्रीपेड पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर के रूप में हुई थी, जिसने यूजर्स को आकर्षक कैशबैक ऑफर के जरिए आकर्षित किया। उदाहरण के लिए, 4,999 रुपए की जमा राशि पर 1,666 रुपए का कैशबैक और 59,999 रुपए जमा करने पर 7,50,000 रुपए का कैशबैक का वादा किया गया। इन ऑफर्स ने कई लोगों को निवेश करने के लिए प्रेरित किया। लेकिन अब कई लोग इस ऐप पर विश्वास को अपनी सबसे बड़ी गलती मान रहे हैं, क्योंकि उनका पूरा पैसा डूब गया है।
फर्जी ऑफर चलाकर कस्टमर जोड़े
कंपनी का धोखाधड़ी का खेल 2023 से शुरू हुआ जब उसने 20 प्रतिशत सर्विस चार्ज वसूलना शुरू किया। इसके बाद, अगस्त 2023 में ‘नो फीस’ प्रोमो कोड लाकर लोगों को आकर्षित किया गया, लेकिन इसके कुछ ही समय बाद, जनवरी 2024 से धोखाधड़ी लेनदेन शुरू हो गए। ग्राहकों ने शिकायत की कि उनके पेमेंट सफल होने के बावजूद, बिलर को पैसा नहीं मिला। मार्च 2024 में कंपनी ने पूरी तरह से विड्रॉल और सर्विस बंद कर दी, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ।
कई पीड़ितों ने दर्द बयां किया
पीड़ितों की कहानियां बेहद परेशान करने वाली हैं। राजस्थान के दौसा के रामअवतार शर्मा ने बताया कि उन्होंने बैंक से कर्ज लेकर पैसा निवेश किया था और अब उनके पास अपने परिवार के लिए पैसे नहीं हैं। उनकी मेहनत की कमाई पूरी तरह से गुम हो चुकी है, और उन्होंने बैंकों से भी तगड़ी मांग शुरू हो गई है। शर्मा के परिवार में चार बच्चे, बूढ़े माता-पिता, और एक छोटा भाई है, और वह अकेले कमाने वाले हैं, जिससे स्थिति और भी कठिन हो गई है।
पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया
दिल्ली पुलिस ने टॉकचार्ज के को-फाउंडर अंकुश कटियार को गिरफ्तार कर लिया है। जांच में यह बात सामने आई है कि शुरुआत में कंपनी ने सामान्य वॉलेट ऐप की तरह काम किया, लेकिन जैसे ही डिपॉजिट पर अधिक कैशबैक देने की स्कीम शुरू की, चीजें गलत हो गईं। रिटायर IRS अधिकारी अनिल रावत ने कहा कि 5,000 रुपए की जमा राशि पर 50 प्रतिशत कैशबैक का ऑफर व्यावहारिक नहीं था, और यह पूरी स्कीम फर्जी थी। इस मामले में 800 से अधिक पीड़ितों ने शिकायत की है, जिसमें विभिन्न पेशेवर और व्यवसायिक व्यक्ति शामिल हैं।
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