पेरिस ओलंपिक में भारत की महिला शूटर मनु भाकर ने परचम लहरा दिया है। मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल मुकाबले में कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रोशन कर दिया है। इसी के साथ मनु ओलंपिक में शूटिंग में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला शूटर बन गई हैं।
पेरिस ओलंपिक में भारत को मिला पहला पदक : मनु भाकर ने एयर पिस्टल में जीता ब्रॉन्ज मेडल, देश की पहली महिला शूटर बनीं
Jul 29, 2024 02:21
Jul 29, 2024 02:21
- पेरिस ओलंपिक में भारत को पहला पदक
- मनु भाकर ने लहरा दिया परचम
- एयर पिस्टल में जीता ब्रॉन्ज मेडल
टोक्यो ओलंपिक में खराब हो गई थी पिस्टल
2021 के टोक्यो ओलिंपिक में मनु भाकर की पिस्टल खराब हो गई थी, जिससे वह 20 मिनट तक निशाना नहीं लगा पाईं और केवल 14 शॉट्स ही ले पाईं, जिससे वह फाइनल की रेस से बाहर हो गईं। इस निराशाजनक अनुभव के बावजूद, मनु ने हार नहीं मानी और पेरिस ओलंपिक में भारत को शूटिंग में मेडल दिलाया। इस इवेंट में कोरिया की ओह ये जिन ने 243.2 पॉइंट्स के साथ गोल्ड जीतकर ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया, जबकि कोरिया की किम येजी ने 241.3 पॉइंट्स के साथ सिल्वर मेडल जीता। मनु भाकर ने भारत को 12 साल बाद शूटिंग में ओलंपिक मेडल दिलाया, जबकि भारत को इस खेल में आखिरी मेडल 2012 में मिला था। यह शूटिंग में भारत का अब तक का पांचवां मेडल है, जिसमें राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (2004) ने सिल्वर, अभिनव बिंद्रा (2008) ने गोल्ड, और विजय कुमार व गगन नारंग (2012) ने क्रमशः सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीते थे।
🇮🇳🥉 𝗕𝗥𝗢𝗡𝗭𝗘 𝗕𝗥𝗜𝗟𝗟𝗜𝗔𝗡𝗖𝗘! Manu Bhaker wins India's first medal at #Paris2024 and what a way to do so! From heartbreak at Tokyo to winning a Bronze at Paris, Manu Bhaker's redemption story has been wonderful to witness.
— India at Paris 2024 Olympics (@sportwalkmedia) July 28, 2024
🔫 A superb effort from her and here's hoping… pic.twitter.com/O7tqOuGFTa
एक दिन में जीता था दो गोल्ड
मनु भाकर मल रूप से हरियाणा के झज्जर ज़िले के गोरिया गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने साल 2018 में मेक्सिको में आयोजित इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट्स फेडरेशन (ISSF) में भारत का नाम रोशन किया। उस साल, उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल (महिला) और 10 मीटर एयर पिस्टल (मिक्स इवेंट) में दो गोल्ड मेडल जीतकर एक नया रिकॉर्ड बनाया। सिर्फ 16 साल की उम्र में एक ही दिन में दो गोल्ड मेडल जीतने वाली वह सबसे कम उम्र की महिला खिलाड़ी बनीं, जिसने उनकी प्रतिभा और क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाई।
🇮🇳🔥 𝗜𝗻𝗱𝗶𝗮'𝘀 𝗵𝗶𝘀𝘁𝗼𝗿𝗶𝗰 𝗳𝗶𝗿𝘀𝘁𝘀! A historic achievement for Manu Bhaker as she brings home India's first medal at #Paris2024.
— India at Paris 2024 Olympics (@sportwalkmedia) July 28, 2024
🧐 Here's a look at India's first medallists over the years in the Olympics.
👉 𝗙𝗼𝗹𝗹𝗼𝘄 @sportwalkmedia 𝗳𝗼𝗿 𝗲𝘅𝘁𝗲𝗻𝘀𝗶𝘃𝗲… pic.twitter.com/m0GHyPzNeb
पिता ने बेटी के लिए छोड़ दी थी नौकरी
मनु भाकर के पिता राम किशन भाकर ने एक बार बताया था कि जब मनु ने पहली बार स्कूल के एक इवेंट में हिस्सा लिया, तो उनकी निशानेबाजी की सटीकता देखकर स्कूल के टीचर भी चकित रह गए। प्रैक्टिस और ट्रेनिंग के बाद, मनु ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया। हालांकि, लाइसेंसी पिस्टल के साथ सार्वजनिक परिवहन का उपयोग और बालिग़ न होने के कारण खुद से गाड़ी चलाना संभव नहीं था। इसलिए, राम किशन ने अपनी नौकरी छोड़ दी और अपनी बेटी को साथ लेकर शूटिंग इवेंट्स में जाने लगे। उन्होंने बताया, "शूटिंग बहुत महंगा खेल है; एक पिस्टल की कीमत दो लाख रुपये होती है और अब तक हम मनु के लिए तीन पिस्टल खरीद चुके हैं। सालाना लगभग 10 लाख रुपये हम केवल मनु के खेल पर खर्च करते हैं।"
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