रेलवे सुरक्षा कवच तीन स्तर पर काम करेगा। यह जीपीएस आधारित तकनीक है, जिसमें ट्रेन का इंजन, सिग्नल और ट्रैक शामिल हैं। यह कवच लोको पायलट को ट्रेन की वास्तविक स्थिति, स्टेशन की दूरी...
सर्दियों में आसान होगा रेल सफर : कोहरे में गाड़ियों की रफ्तार कम नहीं होगी, भारतीय रेलवे ला रहा है नई सुरक्षा तकनीक
Dec 18, 2024 10:52
Dec 18, 2024 10:52
कैसे काम करेगा सुरक्षा कवच?
रेलवे का यह सुरक्षा कवच तीन स्तर पर काम करेगा। यह जीपीएस आधारित तकनीक है, जिसमें ट्रेन का इंजन, सिग्नल और ट्रैक शामिल हैं। यह कवच लोको पायलट को ट्रेन की वास्तविक स्थिति, स्टेशन की दूरी और ट्रैक पर किसी बाधा या खतरे की जानकारी समय रहते दे देगा। यह सिस्टम ट्रेन के इंजन में लगे डैशबोर्ड डिवाइस के जरिए काम करेगा, जिसमें लाल और हरे रंग के इंडिकेटर शामिल होंगे। लाल इंडिकेटर ट्रैक पर किसी बाधा या खतरे का संकेत देगा। हरा इंडिकेटर बताएगा कि ट्रैक साफ है और ट्रेन को आगे बढ़ाया जा सकता है। कोहरे के कारण स्टेशन की विजिबिलिटी कम होने पर यह डिवाइस लोको पायलट को स्टेशन की दूरी और ट्रेन रोकने की सही स्थिति बताएगी। साथ ही ट्रैक पर कोई अप्रिय घटना या साजिश घटती है तो यह सिस्टम समय रहते पायलट को अलर्ट कर देगा।
क्या हैं इसके लाभ?
- समय पर ट्रेन संचालन : कोहरे और धुंध के बावजूद ट्रेन की रफ्तार कम नहीं होगी, जिससे यात्रियों को तय समय पर उनके गंतव्य तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
- हादसों में कमी : यह प्रणाली संभावित खतरों का समय रहते पता लगाकर दुर्घटनाओं को रोकने में सहायक होगी।
- लोको पायलट का मार्गदर्शन : पायलट को स्टेशन और ट्रैक की सटीक जानकारी मिलेगी, जिससे संचालन में सुगमता आएगी।
- यात्रा का अनुभव बेहतर : यात्रियों को समय की बचत और सुरक्षित यात्रा का भरोसा मिलेगा।
रेलवे की तैयारी
रेलवे इस तकनीक को इंजन, ट्रैक और सिग्नल पर लगाने की प्रक्रिया में तेजी से जुटा है। प्रयागराज मंडल के सीपीआरओ शशिकांत ने बताया कि रेलवे अपने यात्रियों के सफर को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है। यह नई तकनीक सर्दियों में ट्रेन संचालन में क्रांति लाएगी और यात्रियों को एक नया अनुभव देगी।
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