गोंडा के करनैलगंज के रहने वाले अबरार (60) की सोमवार सुबह सांस फूल रही थी। परिजन उन्हें लेकर केजीएमयू के हृदय रोग विभाग (लारी कार्डियोलॉजी) पहुंचे थे। डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती किया और ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा। परिजनों का आरोप है कि गंभीर हालत होने के बावजूद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट नहीं दिया गया।
इंसानियत हुई शर्मसार : इलाज के लिए हाथ जोड़ता रहा बुजुर्ग मरीज, फिर भी नहीं मिला वेंटिलेटर, तड़पते-तड़पते तोड़ दिया दम
Nov 26, 2024 01:12
Nov 26, 2024 01:12
लखनऊ में केजीएमयू के हृदय रोग विभाग (लारी कार्डियोलॉजी) में गोंडा के करनैलगंज के रहने वाले अबरार अहमद (60 वर्ष) को वेंटिलेटर नहीं मिल पाया। अबरार हाथ जोड़कर वेंटिलेटर के लिए मिन्नतें करते रहे। डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ सामने खड़े रहे। लेकिन किसी ने एक ना सुनी। pic.twitter.com/UCf9Q6ucpB
— Uttar Pradesh Times (@UPTimesLive) November 25, 2024
इसके बाद गुस्साए परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों ने केजीएमयू प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। घटना से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें मरीज कभी तड़पता हुआ अपना पेट सहलाता है तो कभी डॉक्टर के हाथ जोड़ता है। एक युवक कहता है कि मरीज के नाक-मुंह से खून बह रहा है, कोई देखने वाला नहीं है। तभी वार्ड में मौजूद एक महिला कर्मचारी युवक पर चिल्लाने लगती है। उसे वार्ड से बाहर निकाल देती है।
क्या है पूरा मामला
गोंडा के करनैलगंज के रहने वाले अबरार (60) की सोमवार सुबह सांस फूल रही थी। परिजन उन्हें लेकर केजीएमयू के हृदय रोग विभाग (लारी कार्डियोलॉजी) पहुंचे थे। डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती किया और ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा। परिजनों का आरोप है कि गंभीर हालत होने के बावजूद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट नहीं दिया गया। अगर डॉक्टर इलाज शुरू कर देते तो मरीज की जान बच जाती। अबरार के बेटे सैफ के मुताबिक पिता भी हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन डॉक्टर नहीं पसीजे। मायूस होकर हम पिता को लेकर लोहिया संस्थान गए। रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
इस मामले में केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि 60 साल के बुजुर्ग मरीज को हार्ट की गंभीर बीमारी थी। साल 2018 में कोरोनरी आर्टरी डिसीज की पुष्टि हुई थी। उसके बाद मरीज की एंजियोप्लास्टी कराई गई। एंजियोप्लास्टी के बाद डॉक्टर ने समय-समय पर जांच के लिए बुलाया था। लेकिन मरीज उसके बाद OPD में फॉलोअप के लिए नहीं आए।
केजीएमयू प्रशासन ने दी सफाई
केजीएमयू के प्रवक्ता प्रो. सुधीर सिंह के मुताबिक अबरार अहमद को दिल की गंभीर बीमारी थी। वर्ष 2018 में कोरोनरी आर्टरी डिजीज की पुष्टि होने के बाद उनकी एंजियोप्लास्टी की गई थी। एंजियोप्लास्टी के बाद डॉक्टर ने समय-समय पर उन्हें जांच के लिए बुलाया था, लेकिन वे फॉलोअप के लिए ओपीडी में नहीं आए। रविवार देर रात तबीयत बिगड़ने पर मरीज को हार्ट फेल्योर की गंभीर अवस्था में इमरजेंसी में लाया गया। जहां डॉक्टरों ने तुरंत भर्ती कर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा। जरूरी जांचें कराई गईं। हालत गंभीर होने की वजह से डॉक्टरों ने वेंटिलेटर की जरूरत बताई। लारी कार्डियोलॉजी के सभी आईसीयू-वेंटिलेटर बेड फुल थे। इसलिए उन्हें पीजीआई और लोहिया संस्थान के लिए रेफर किया गया। मरीज को ले जाने के लिए संस्थान ने एंबुलेंस भी उपलब्ध कराई, लेकिन दुर्भाग्य से उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
लखनऊ के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट और सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.राजेश श्रीवास्तव कहते हैं कि कार्डियो का मरीज अगर गंभीर है तो उसे तत्काल इलाज की जरूरत होती है। लेकिन ऐसे मरीजों में खून की उल्टी होने की संभावना बेहद कम होती है। अब इस मामले में क्या हुआ है, इस बारे में अभी कुछ कह पाना संभव नहीं।
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