31 साल उम्र, 700 शूटर्स का गिरोह : पंजाब, मुंबई से कनाडा तक, जेल में बंद रहकर भी कैसे पनप रहा लॉरेंस बिश्नोई का गैंग

पंजाब, मुंबई से कनाडा तक, जेल में बंद रहकर भी कैसे पनप रहा लॉरेंस बिश्नोई का गैंग
UPT | जेल में बंद रहकर भी पनप रहा लॉरेंस बिश्नोई का साम्राज्य

Oct 19, 2024 18:24

मई 2022 का वो दौर याद कीजिए, जब पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ ने घटना की जिम्मेदारी लेते हुए दावा कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने मूसेवाला की हत्या करवाई है।

Oct 19, 2024 18:24

Short Highlights
  • पुलिस में कॉन्स्टेबल थे लॉरेंस के पिता
  • महज 21 साल की उम्र में गया था जेल
  • 10 साल से जेल में बंद है लॉरेंस बिश्नोई
New Delhi : मई 2022 का वो दौर याद कीजिए, जब पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ ने घटना की जिम्मेदारी लेते हुए दावा कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने मूसेवाला की हत्या करवाई है। इसके बाद अखबार से लेकर टीवी तक केवल लॉरेंस बिश्नोई ही छाया हुआ था। कट टू अक्टूबर 2024... महाराष्ट्र के दिग्गज नेता और तीन बार के विधायक बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिम्मेदारी फिर ले लॉरेंस गैंग ने ली। लॉरेंस बिश्नोई भले ही 2014 से जेल में बंद है, लेकिन बाहर उसका पूरा साम्राज्य पनप रहा है। इस गैंग के तार केवल भारत ही नहीं, बल्कि कनाडा में भी फैले हुए हैं।

पुलिस में थे लॉरेंस के पिता
पहले लॉरेंस बिश्नोई की कुंडली जान लीजिए। पंजाब के फिरोजपुर जिले में 12 फरवरी 1993 को एक लॉरेंस का जन्म हुआ। पिता हरियाणा पुलिस में कॉन्स्टेबल थे। लेकिन उन्होंने 1997 में ही नौकरी छोड़ दी और खेती करने लगे। बारहवीं तक लॉरेंस पंजाब के ही एक छोटे से कस्बे अबोहर से पढ़ा। लेकिन 2010 में वह चंडीगढ़ आ गया और यहां के डीएवी कॉलेज में दाखिला ले लिया। धीरे-धीरे उसकी दिलचस्पी राजनीति में बढ़ने लगी और वह पंजाब यूनिवर्सिटी की कैंपस स्टूडेंट काउंसिल से जुड़ गया। उस वक्त गोल्डी बराड़ पंजाब यूनिवर्सिटी में ही पढ़ता था। ये लॉरेंस और गोल्डी की पहली मुलाकात थी।



जेल में रहकर लॉरेंस ने बढ़ाया नेटवर्क
दोनों छात्र राजनीति में शामिल हो गए। एलएलबी की पढ़ाई के दौरान ही लॉरेंस का नाम अलग-अलग आपराधिक गतिविधियों में आने लगा। धीरे-धीरे उस पर हत्या और उगाही समेत दर्जन भर मुकदमे दर्ज हो चुके थे। हालांकि चंडीगढ़ में दर्ज 7 मामलों में 4 में उसे बरी कर दिया गया। 2012 के बाद से लॉरेंस ने अपना लंबा वक्त जेल में ही बिताया। लेकिन इस दौरान उसने वो सब सीखा, जो वह जेल के बाहर रहकर नहीं कर सकता था। जेल में लॉरेंस की मुलाकात कई कुख्यात गैंगस्टरों से हुई और उन्हीं के साथ मिलकर उसने बाहर अपना नेटवर्क बढ़ाना शुरू किया। लॉरेंस ने हथियारों के डीलर और लोकल अपराधियों से जान-पहचान बनानी शुरू की। उसका नाम शराब और ड्रग की तस्करी में भी जुड़ा।

तिहाड़ जेल में किया गया शिफ्ट
2013 में लॉरेंस ने एक छात्र नेता की गोली मारकर हत्या कर दी। लुधियाना निकाय चुनाव के एक उम्मीदवार की हत्या में भी उसका नाम आया। 2014 में राजस्थान पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई को गिरफ्तार कर लिया। उसे भरतपुर जेल में रखा गया। जेल में लॉरेंस की मुलाकात गैंगस्टर ने नेता बने जसविंदर सिंह रॉकी से हुई। दोनों ने दोस्ती हो गई। लेकिन एक दूसरे गैंगस्टर जयपाल भुल्लर ने रॉकी की 2016 में हत्या करवा दी। इसके बाद लॉरेंस ने बदला लेने के लिए भुल्लर को ही मरवा दिया। कहते हैं कि लॉरेंस भरतपुर जेल में रहते हुए भी वहां के स्टाफ की मदद से अपना सिंडिकेट चलाता था। 2021 में लॉरेंस पर मकोका लगा दिया गया और उसे भरतपुर से दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया।

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सिद्धू मूसेवाला की हत्या में नाम
लॉरेंस इसके बाद से अपराध की दुनिया का उभरता सितारा बन चुका था। उसके नाम पर क्या दिल्ली और क्या पंजाब, हर जगह फिरौती मांगी जाने लगी। लेकिन नेशनल मीडिया में लॉरेंस को जगह तब मिली, जब उसने पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या करवा दी। लॉरेंस का साथी गोल्डी बराड़ कनाडा में रहता है और उसने वहीं से हत्या की जिम्मेदारी भी ली। अखबार की सुर्खियों और टीवी की हेडलाइन में सिर्फ लॉरेंस ही लॉरेंस घूम रहा था। उसके हौसले इतने बुलंद हो चुके थे कि उसने नवंबर 2023 में पंजाबी सिंगर गिप्पी ग्रेवाल के घर पर फायरिंग करवा दी। कहा गया कि गिप्पी ग्रेवाल के सलमान खान से अच्छे रिश्ते हैं, इसलिए गोली चलवाई गई है। लॉरेंस की गैंग ने जयपुर में करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की भी गोली मारकर हत्या कर दी थी।

क्या है काला हिरण शिकार केस?
कहानी 1998 से शुरू होती है। तब जोधपुर में सलमान खान की 'फिल्म हम साथ साथ हैं' की शूटिंग हो रही थी। आरोप है कि सलमान ने 27-28 सितंबर की रात अपने साथियों के साथ यहां काले हिरण का शिकार किया। आरोप इसलिए क्योंकि केस अभी चल रहा है। बताते हैं कि आधी रात को गोली चलने की आवाज सुनकर गांव के लोग जाग गए। उन्होंने एक जिप्सी में सवार होकर कुछ नौजवानों को भागते देखा। एक चश्मदीद ने बताया कि इनमें से एक सलमान खान थे। सलमान पर 4 अलग-अलग केस दर्ज किए गए। लेकिन अदालत में सुनवाई के दौरान चश्मदीद अपने बयान से पलट गया। उसने बाकायदा एक मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाकर कोर्ट में दिया कि उसे कुछ याद नहीं रहता। 4 में से 3 केस में तो सलमान बरी हो गए, लेकिन चौथे यानी काला हिरण शिकार केस में उन्हें जोधपुर हाईकोर्ट में 5 साल की सजा सुनाई। लेकिन इसके दो दिन बाद ही उन्हें जमानत मिल गई।

लॉरेंस और सलमान की दुश्मनी
एक बात गौर करने वाली है कि जब काला हिरण का शिकार हुआ था, तब लॉरेंस महज 5 साल का रहा होगा। लेकिन इसी शिकार को लेकर उसने सलमान खान को अपना दुश्मन बना लिया है। दरअसल लॉरेंस जिस बिश्नोई समाज से आता है, वहां काले हिरण को पूज्य माना जाता है। यही वजह है कि लॉरेंस गैंग ने सलमान को चेतावनी दी है कि या तो वह माफी मांग लें या अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें। उसकी गैंग ने कई बार सलमान खान को धमकी भी दी है। कुछ दिनों पहले सलमान के घर पर फायरिंग भी हुई थी। मुंबई में बाबा सिद्दीकी की हत्या भी लॉरेंस ने ही करवाई। तर्क दिया गया कि सलमान और सिद्दीकी अच्छे दोस्त थे। इस मामले में भी कुछ लोगों की गिरफ्तारी हुई है।

कनाडा में भी हत्या का आरोप
लॉरेंस बिश्नोई पर केवल भारत ही नहीं, बल्कि कनाडा में भी हत्याएं करवाने का आरोप है। सितंबर 2021 में कनाडा में खालिस्तानी आतंकी सुखदूल सिंह सुक्खा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सुक्खा का नाम भारत की मोस्ट वांटे़ड लिस्ट में था। इस हत्या की जिम्मेदारी भी लॉरेंस गैंग ने ही ली। खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भी लॉरेंस गैंग पर लग रहा है। कनाडा ने इस हत्या को लेकर भारत के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दी है। लॉरेंस का कहना है कि वह राष्ट्रवादी है और पाकिस्तान और खालिस्तानियों से नफरत करता है। कनाडा में हुई हत्याओं का एक आधार ये भी है। लेकिन इसके चलते भारत और कनाडा के संबंध इतने बिगड़ चुके हैं कि दोनों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को देश छोड़कर जाने के लिए कह दिया है।

जेल से कैसे बना इतना बड़ा गिरोह?
जरा सोचकर देखिए, एक शख्स पिछले 10 साल से जेल में बंद है। जेल में आने के बाद ही उसने अपना नेटवर्क बढ़ाना शुरू किया था और इन पिछले 10 सालों में उसने 700 शूटर्स का गिरोहा खड़ा कर लिया है। ये शूटर्स भारत के साथ-साथ दूसरे देशों में भी वारदात को अंजाम दे रहे हैं। जब लॉरेंस को जेल भेजा गया था, तब वह महज 21 साल का था। आज 31 साल में उसने अंतर्राष्ट्रीय गैंगस्टर का तमगा हासिल कर लिया है वह जेल में रहकर फोन से अपने गुर्गों से बात भी करता है और वीडियो कॉल पर न्यूज चैनलों को इंटरव्यू भी देता है। जानकार कहते हैं कि लॉरेंस अंडरवर्ल़्ड डॉन बनने की राह पर है। वह दाऊद की तरह बड़े अपराध करके अपना खौफ पैदा करना चाहता है। उसका साथ कनाडा में बैठा उसका दोस्त गोल्डी बराड़ देता है। क्योंकि जरायम की दुनिया में अब लॉरेंस के अलावा कोई दूसरा बड़ा नाम दिखता नहीं है।

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