लोकसभा चुनाव 2024 : जनता के बीच भावुकता का तड़का लगा रहे नेता, पीएम से लेकर प्रियंका तक दे चुकी हैं भावुक भाषण

जनता के बीच भावुकता का तड़का लगा रहे नेता, पीएम से लेकर प्रियंका तक दे चुकी हैं भावुक भाषण
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May 16, 2024 21:31

लोकसभा चुनाव 2024 में हार-जीत राजनीतिक पार्टियों के लिए नाक की बात बन गई है। जहां राजनेता जनता को साधने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। मेनिफेस्टो जारी कर उनमें जनता को लुभाने की कोशिश की गई है। वहीं जनता को साधने के लिए नेता भावुकता का तड़का भी लगा रहे हैं। जिसको देखो वो भाषण देते हुए...

May 16, 2024 21:31

New Delhi : लोकसभा चुनाव 2024 में हार-जीत राजनीतिक पार्टियों के लिए नाक की बात बन गई है। जहां राजनेता जनता को साधने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। मेनिफेस्टो जारी कर उनमें जनता को लुभाने की कोशिश की गई है। वहीं जनता को साधने के लिए नेता भावुकता का तड़का भी लगा रहे हैं। जिसको देखो वो भाषण देते हुए भावुक हो जा रहा है और जनता से वोट मांगता है। पीएम मोदी हो या फिर कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी सभी ने अपने भाषण के दौरान भावुक होकर जनता को साधने की पूरी कोशिश की है। अब देखना है कि क्या नेताओं के यह भावुक भाषण जनता को अपनी ओर कितना खींच पाते हैं। जानिए किसने, कब और कहां दिए भावुक भाषण।

तमिलनाडु में भावुक हुए थे पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी 19 मार्च को तमिलनाडु के सेलम में अपने संबोधन के दौरान तब भावुक हो गए, जब उन्होंने इसी जिले में 10 साल पहले मारे गए बीजेपी के पदाधिकारी ऑडिटर वी रमेश को याद किया। बता दें कि वी रमेश की 2013 में हत्या कर दी गई थी। पीएम मोदी इस बीच कुछ समय के लिए अपना भाषण रोक दिया था। बीजेपी की ओर से आयोजित रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने दिवंगत बीजेपी नेता केएन लक्ष्मण सहित जिले से जुड़ी कई हस्तियों को याद किया था। उन्होंने कहा था कि मैं ऑडिटर रमेश को नहीं भूल सकता। दुर्भाग्य से आज रमेश हमारेबीच नहीं हैं। रमेश ने पार्टी के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत की और वह एक अच्छे वक्ता थे। लेकिन उनकी हत्या कर दी गई। आज मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

वाराणसी में चुनावी दौरे पर भी हुए थे भावुक
दो दिन पहले वाराणसी में चुनावी दौरे पर पहुंचे पीएम मां गंगा का नाम लेकर भावुक हो गए थे। उन्होंने भावुक होकर कहा था कि मेरा रोम-रोम काशी के कण-कण का अभिनंदन कर रहा है। रोड शो में आप सबसे जो अपनत्व और आशीर्वाद मिला है, वो अकल्पनीय और अतुलनीय है। मैं अभिभूत और भावविभोर हूं। आपके स्नेह की छांव में 10 वर्ष कैसे बीत गए, पता ही नहीं चला। तब मैंने कहा था कि मां गंगा ने मुझे बुलाया है। आज मां गंगा ने मुझे गोद ले लिया है। मुझे जब-जब काशी आने का सौभाग्य मिला, हर बार आपने पलक-पांवड़े बिछाए हैं। इस बार यहां के बच्चों से बुजुर्गों तक और नारी शक्ति से मेरे युवा साथियों तक सभी ने बढ़-चढ़कर जो भागीदारी की है, वह सदा के लिए मेरे हृदय-पटल पर अंकित रहेगी। 

प्रियंका गांधी ने भी दिया था भावुक भाषण
अमेठी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 9 मई को अपने पिता राजीव गांधी को याद करके भावुक हो गईं थीं। उन्होंने एक कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अपने पिता और दादी इंदिरा गांधी से जुड़े किस्से साझा किए थे। प्रियंका गांधी ने कहा था कि अमेठी मेरा परिवार है, जिसके साथ मेरा भावात्मक रिश्ता है। यह रिश्ता कभी नहीं टूटेगा। मध्यप्रदेश के मुरैना में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी चुनावी सभा को संबोधित करते हुए भावुक हो गईं थीं। जहां उन्होंने कहा था कि मैं जब 19 साल थी, तब अपने पिता के टुकड़ों को घर लाई थी। मोदी जी कहते हैं, कि मेरे पिता ने उनकी मां से विरासत लेने के लिए कोई कानून बदल दिया था। मोदी जी इस बात को समझ नहीं पाएंगे कि मेरे पिता को विरासत में धन दौलत नहीं मिली। मेरे पिता को विरासत में शहादत मिली।

बृजभूषण ने भी भावुक भाषण देकर साधा निशाना
कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान बुधवार को जनसभा संबोधित करते हुए बृजभूषण शरण सिंह भावुक हो गए थे, उन्होंने इस दौरान कहा था कि ‘मैं चुप नहीं रह सकता, इसीलिए हमारे साथ षड़यंत्र होता रहता है। 1996 में षड़यंत्र हुआ था जब मेरी पत्नी सांसद बनी थी और 2024 में षड़यंत्र हुआ तो मेरा बेटा सांसद बनने जा रहा है। भावुक होते हुए बीजेपी सांसद ने मंच से कहा कि डेढ़ साल से मेरा शरीर पत्थर हो चुका है। इस शरीर के ऊपर इतने वार हुए हैं।’ बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह अपने बेटे करण भूषण के चुनावी प्रचार के दौरान भावुक हुए थे। जो अपने बेटे को जिताने की अपील कर रहे थे।

अरविंद केजरीवाल भी हुए थे भावुक
दिल्ली में 11 मई को चुनावी रैली के दौरान उन्होंने भावुक तरीके से आम लोगों के बीच जाकर अपना भाषण दिया था। भावुक होते हुए कहा था कि जब उन्होंने मुझे गिरफ्तार किया, तो मैं सोच रहा था कि मेरा कसूर क्या है ? मेरी तो छोटी सी पार्टी है, मेरी गलती यह है न कि मैंने दिल्ली के लोगों के लिए अच्छे स्कूल और अस्पताल बनाकर दिए" उन्होंने कहा था कि मेरी बुजुर्ग माता बहनोंऔर हजारों-करोड़ों लोगों के आशीर्वाद के कारण ही आज मैं उनके बीच हूं और पार्टी का प्रचार कर रहा हूं। भावुक होकर जनता से वोट करने की अपील की थी। 
 

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