दिल्ली और आसपास के एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण के कारण सुप्रीम कोर्ट में आज एक महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। इस दौरान एक याचिकाकर्ता ने दिल्ली सरकार के फैसले पर सवाल उठाया...
सुप्रीम कोर्ट में गूंजा बड़ा सवाल : जज साहब! 10वीं-12वीं के बच्चों के फेफड़े अलग हैं क्या?
Nov 18, 2024 19:33
Nov 18, 2024 19:33
दिल्ली और एनसीआर के राज्यों को आदेश
सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन ने इस सवाल को उठाते हुए कहा कि 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए शारीरिक कक्षाएं क्यों नहीं रोकी जा सकतीं, जब बाकी छात्रों के लिए यह निर्णय लिया गया है। शंकरनारायणन की दलील पर सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने तत्काल निर्णय लेते हुए दिल्ली और एनसीआर के राज्यों को आदेश दिया कि वे बिगड़ती वायु गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए 12वीं कक्षा तक की शारीरिक कक्षाएं बंद करने का निर्णय लें।
जीआरएपी के चौथे चरण के तहत आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही यह भी कहा कि जीआरएपी (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के चौथे चरण के तहत लगाए गए प्रतिबंधों की शिकायत के लिए एक तंत्र स्थापित किया जाए। कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए एनसीआर के राज्यों को तुरंत टीमें गठित करने का निर्देश दिया और कहा कि जीआरएपी के चौथे चरण के तहत लागू प्रतिबंधों को जारी रखा जाए, चाहे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का स्तर 450 से नीचे क्यों न चला जाए।
हरियाणा और उत्तर प्रदेश की स्थिति
दिल्ली में वायु गुणवत्ता में लगातार हो रही गिरावट को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने सोमवार से 10वीं और 12वीं को छोड़कर अन्य सभी कक्षाओं के लिए शारीरिक कक्षाएं बंद करने का निर्णय लिया था। इसके अलावा, हरियाणा सरकार ने सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा 5 तक के छात्रों के लिए छुट्टियां घोषित कर दी हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश और पंजाब सरकारों ने अभी तक स्कूलों को बंद करने का कोई निर्णय नहीं लिया है।
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