गोपाल कृष्ण गोस्वामी का पार्थिव शरीर पहुंचा वृन्दावन : गौशाला में दी गई समाधि, देश-विदेश से आए भक्तों की आंखें हुईं नम

गौशाला में दी गई समाधि, देश-विदेश से आए भक्तों की आंखें हुईं नम
UPT | गोपाल कृष्ण गोस्वामी का पार्थिव शरीर वृन्दावन लाया गया।

May 06, 2024 18:12

इस्कॉन इंडिया की गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण गोस्वामी का पार्थिव शरीर सोमवार को वृन्दावन लाया गया। इस्कॉन से जुड़े हजारों भक्त अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। गोपाल कृष्ण गोस्वामी को उनके अनुयायियों ने इस्कॉन गौशाला में समाधि दी। 

May 06, 2024 18:12

ISKCON India Chairman Gopal Krishna Goswami: इस्कॉन इंडिया की गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण गोस्वामी  का रविवार को देहरादून के  सिनर्जी अस्पताल में हृदय संबंधी बीमारी के चलते निधन हो गया था। उन्होंने सुबह नौ बजकर 20 मिनट पर अंतिम सांस ली। सोमवार को उनका पार्थिव शरीर वृन्दावन लाया गया। सोमवार को वृंदावन में अंतिम संस्कार किया गया। गोपाल कृष्ण गोस्वामी को उनके अनुयायियों ने इस्कॉन गौशाला में समाधि दी।उनके निधन की खबर से भक्तों में शोक की लहर है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू , प्रधानमंत्री मोदी, यूपी के सीएम योगी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

दिल का दौरा पड़ने से निधन हुआ
बता दें कि गोपाल कृष्ण गोस्वामी 1 मई को एक भूमि पूजन समारोह के लिए देहरादून पहुंचे थे। यहां वह अचानक उनकी तबियत बिगड़ गई थी। बताया जा रहा है कि वे फिसलकर गिर गए थे। इससे उन्हें चोट लगी थी। उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया। उनका तीन दिनों से सिनर्जी अस्पताल में इलाज चल रहा था। रविवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। उनके पार्थिव शरीर को सोमवार को वृंदावन एंबुलेंस से लाया गया है। सोमवार को अंतिम संस्कार किया गया। गोपाल कृष्ण के दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में देश और विदेशी भक्त वृंदावन पहुंचे हैं। सोमवार को उनके पार्थिव शरीर को भू समाधि दी गई। गोपाल कृष्ण गोस्वामी को उनके अनुयायियों ने इस्कॉन गौशाला में समाधि दी। 

इस्कॉन गवर्निंग बॉडी ने दी निधन की सूचना
इस्कॉन गवर्निंग बॉडी कमीशन की कार्यकारी समिति ने गोपाल कृष्ण गोस्वामी के प्रस्थान के संबंध में निम्नलिखित घोषणा जारी की है। इस्कॉन ने उनके भक्तों को सूचित करते हुए लिखा- परम पूज्य गोपाल कृष्ण गोस्वामी इस दुनिया से चले गए। "प्रिय मित्रों, शुभचिंतकों और इस्कॉन के भक्तों, कृपया हमारा विनम्र प्रणाम स्वीकार करें। श्रील प्रभुपाद की जय हो। आज सुबह, 9:20 बजे IST, प्रेमी भक्तों के बीच हरे कृष्ण महामंत्र का ईमानदारी से जाप करते हुए, परम पावन गोपाल कृष्ण गोस्वामी, परम पूज्य एसी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद के सबसे वरिष्ठ शिष्यों में से एक इस दुनिया से चले गए।
  मानवता की सेवा की :राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ट्वीट में लिखा, परम पूज्य गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। श्रीकृष्ण के प्रति अपनी महान भक्ति और इस्कॉन के माध्यम से मानवता की सेवा के साथ, उन्होंने हमें दिखाया कि भगवद गीता के पाठों को अभ्यास में कैसे लाया जाए। उनका जीवन और विरासत दुनिया भर की पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। उनके भक्तों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।
  पीएम मोदी ने ट्वीट किया
उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए, पीएम मोदी ने ट्वीट किया, "श्रील गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराजा एक प्रतिष्ठित आध्यात्मिक प्रतीक थे, भगवान श्री कृष्ण के प्रति उनकी अटूट भक्ति और इस्कॉन के माध्यम से उनकी अथक सेवा के लिए विश्व स्तर पर सम्मानित थे। उनकी शिक्षाओं में भक्ति, दया और सेवा के महत्व पर जोर दिया गया था।" उन्होंने इस्कॉन के सामुदायिक सेवा प्रयासों को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, विशेष रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य और जरूरतमंदों की सेवा जैसे क्षेत्रों में। इस दुखद घड़ी में मेरी संवेदनाएं सभी भक्तों के साथ हैं। शांति।

कौन हैं गोपाल कृष्ण गोस्वामी?
इस्कॉन इंडिया के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण गोस्वामी का जन्म 14 अगस्त 1944 को अन्नदा एकादशी के दिन दिल्ली में हुआ था। महाराज का मूल नाम गोपाल कृष्ण, श्रील प्रभुपाद ने उनकी हरिनाम दीक्षा के बाद बरकरार रखा था। उन्होंने सोर बोन विश्वविद्यालय फ्रांस और मैक्लीन विश्वविद्यालय कनाडा से अध्ययन प्राप्त किया था। उनकी भेंट 1968 में मॉन्ट्रियल के एक इस्कॉन मंदिर में इस्कॉन संस्थापाक श्रील प्रभुपाद से मुलाकात हुई थी। उन्होंने अपनी पहली सेवा के रूप में श्रील प्रभुपाद के अपार्टमेंट की सफाई की। उन्होंने श्रील प्रभुपाद को अपने आध्यात्मिक गुरु के रूप में स्वीकार कर लिया। प्रभुपाद से शिक्षा लेने के बाद दुनिया भर में सनातन धर्म और श्री कृष्ण की धर्म प्रचार प्रचार का उन्होंने बीड़ा उठाया। 1975 में श्रील प्रभुपाद ने गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज को भारत के जनरल बॉडी कमिश्नर (जीबीसी) के रूप में नियुक्त किया और उन्हें देश में पुस्तक वितरण का विस्तार करने के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाएं सौंपीं।

दुनिया भर में जीबीसी के रूप में कार्य करते रहे
1981 में गोपाल कृष्ण गोस्वामी ने संन्यास आदेश ले लिया और वह दुनिया भर में शिष्यों को स्वीकार करते हुए 'दीक्षा' गुरु बन गए। केन्या, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका के कुछ हिस्सों सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए जीबीसी के रूप में कार्य करते हैं। वह दुनिया के सबसे बड़े वैदिक साहित्य के प्रकाशक और वितरक, भक्तिवेदांत बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष भी रहे हैं।

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