इस मांग के पीछे गुर्जर समुदाय के ऐतिहासिक योगदान और वर्तमान में देश की सुरक्षा में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका का हवाला दिया है। साथ ही आजाद ने बताया कि गुर्जर समाज ने भारत की स्वतंत्रता...
सांसद चंद्रशेखर आजाद : सेना में गुर्जर रेजिमेंट की उठाई मांग, ऐतिहासिक योगदान और वर्तमान सेवाओं का दिया हवाला
Aug 10, 2024 15:58
Aug 10, 2024 15:58
- पहली बार चंद्रशेखर आजाद सांसद के रूप में सदन में पहुंचे
- चंद्रशेखर ने गुर्जर रेजिमेंट को लेकर आवाज उठाई
- अग्निवीर योजना का भी जिक्र किया
1857 की क्रांति का दिया उदाहरण
सांसद आजाद ने 1857 की क्रांति का उदाहरण देते हुए कहा कि यह विद्रोह मेरठ में कोतवाल धन सिंह गुर्जर के नेतृत्व में शुरू हुआ था। उन्होंने मुजफ्फरनगर के कालाम स्थान का भी उल्लेख किया, जहां 140 गुर्जर क्रांतिकारियों को फांसी दी गई थी। इन ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर, आजाद ने तर्क दिया कि गुर्जर समुदाय को सेना में विशेष स्थान दिया जाना चाहिए।
राष्ट्र सेवा का विशेष अवसर देने की मांग
वहीं वर्तमान समय का जिक्र करते हुए, नगीना के सांसद ने कहा कि आज भी सीमावर्ती क्षेत्रों में गुर्जर और बकरवाल समुदाय के लोग देश की सेवा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग अपने जीवन की परवाह किए बिना देश की रक्षा करते हैं। इसी कारण उन्होंने सरकार से गुर्जर रेजिमेंट बनाने और इस समुदाय को राष्ट्र सेवा का विशेष अवसर देने की मांग की है।
अग्निवीर योजना का किया जिक्र
चंद्रशेखर आजाद ने अग्निवीर योजना का भी जिक्र किया, जिसने उनके अनुसार देश के युवाओं का मनोबल गिराया है। उन्होंने सुझाव दिया कि विभिन्न जातियों को सेना में विशेष स्थान देने से युवाओं का उत्साह बढ़ेगा और वे देश की रक्षा के लिए अधिक प्रेरित होंगे। बता दें कि यह पहली बार है जब चंद्रशेखर आजाद सांसद के रूप में संसद में पहुंचे और अपने मुद्दों को मजबूती से उठाते हुए दिखाई दिए।
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