अब प्रॉपर्टी बेचने पर चुकाना होगा भारी टैक्स : जानिए क्या है इंडेक्सेशन बेनेफिट, जिसे खत्म कर सरकार ने तोड़ दी मिडिल क्लास की कमर

जानिए क्या है इंडेक्सेशन बेनेफिट, जिसे खत्म कर सरकार ने तोड़ दी मिडिल क्लास की कमर
UPT | अब प्रॉपर्टी बेचने पर चुकाना होगा भारी टैक्स

Jul 24, 2024 23:10

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2024 में प्रॉपर्टी पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में इंडेक्सेशन का लाभ समाप्त करने की घोषणा की है। इस नए नियम के तहत, जब कोई व्यक्ति अपना घर बेचेगा, तो वह कैपिटल गेंस की गणना के लिए इंडेक्सेशन का उपयोग नहीं कर पाएगा।

Jul 24, 2024 23:10

Short Highlights
  • प्रॉपर्टी बेचने पर चुकाना होगा भारी टैक्स
  • इंडेक्सेशन का नहीं मिलेगा लाभ
  • रियल एस्टेट सेक्टर होगा प्रभावित
New Delhi : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2024 में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है जो भारत के मध्यम वर्ग को प्रभावित करेगी। उन्होंने प्रॉपर्टी पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में इंडेक्सेशन का लाभ समाप्त करने की घोषणा की है। यह निर्णय विशेष रूप से मध्यम वर्ग के लिए महत्वपूर्ण है, जो अक्सर अपने जीवन में एक बार घर खरीदता है और बाद में उसे बेचकर लाभ कमाता है।

इंडेक्सेशन का नहीं मिलेगा लाभ
इस नए नियम के तहत, जब कोई व्यक्ति अपना घर बेचेगा, तो वह कैपिटल गेंस की गणना के लिए इंडेक्सेशन का उपयोग नहीं कर पाएगा। इसका मतलब है कि अब घर बेचने पर पहले की तुलना में अधिक कर देना पड़ेगा। पहले, जब इंडेक्सेशन का लाभ उपलब्ध था, तो प्रॉपर्टी बेचने पर होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर 20% कर लगता था। अब, नई कर व्यवस्था में, प्रॉपर्टी बेचने पर होने वाले लाभ पर 12.5% कर लगेगा, लेकिन इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलेगा। इस परिवर्तन के प्रभाव को एक उदाहरण से समझा जा सकता है। मान लीजिए कि किसी ने वित्तीय वर्ष 1991-92 में 20 लाख रुपये में एक प्रॉपर्टी खरीदी और उसे 2009-10 में 80 लाख रुपये में बेच दिया। पुरानी व्यवस्था में, इंडेक्सेशन लाभ के कारण, प्रॉपर्टी की खरीद मूल्य को मुद्रास्फीति के साथ समायोजित करके 63.51 लाख रुपये माना जाता। इस प्रकार, कैपिटल गेंस 16.49 लाख रुपये होता, जिस पर 20% कर लगाने पर कुल कर 3.29 लाख रुपये आता।

स्टॉक मार्केट पर भी देखा गया असर
नई व्यवस्था में, इंडेक्सेशन लाभ के बिना, कैपिटल गेंस की गणना सीधे बिक्री मूल्य (80 लाख रुपये) और खरीद मूल्य (20 लाख रुपये) के अंतर से की जाएगी। इस प्रकार, कैपिटल गेंस 60 लाख रुपये होगा। इस पर 12.5% कर लगाने से कुल कर 7.5 लाख रुपये आएगा, जो पुरानी व्यवस्था की तुलना में काफी अधिक है। इस घोषणा का प्रभाव तुरंत स्टॉक मार्केट पर भी देखा गया। बजट के बाद रियल एस्टेट कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई। निफ्टी रियल्टी इंडेक्स 2.29% गिर गया, जबकि DLF का शेयर 6% तक गिर गया। ओबेरॉय रियल्टी का स्टॉक भी 3.3% गिर गया। हालांकि, अगले दिन अधिकांश रियल एस्टेट कंपनियों के शेयरों में रिकवरी देखी गई।

रियल एस्टेट सेक्टर भी होगा प्रभावित
यह नया नियम मध्यम वर्ग के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, जो अक्सर अपनी जीवन भर की बचत का उपयोग घर खरीदने के लिए करता है और बाद में उसे बेचकर लाभ कमाने की उम्मीद करता है। अब, वे इस लाभ पर अधिक कर देने के लिए मजबूर होंगे। यह निर्णय रियल एस्टेट सेक्टर को भी प्रभावित कर सकता है, क्योंकि लोग अब प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने के बारे में अधिक सावधानी से सोच सकते हैं। हालांकि, सरकार का तर्क हो सकता है कि यह कदम कर संग्रह में वृद्धि करेगा और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करेगा। फिर भी, यह देखना बाकी है कि यह नीति लंबे समय में किस प्रकार प्रभाव डालेगी और क्या इसमें कोई संशोधन या छूट दी जाएगी।

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