समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा में अपनी बेबाक टिप्पणियों से सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने संभल की घटना को भारतीय समाज के भाईचारे...
संसद में गूंजा संभल मामला : लोकसभा में अखिलेश और गिरिराज सिंह में तीखी बहस, सपा प्रमुख ने कहा- भाईचारे को गोली मारी
Dec 03, 2024 15:31
Dec 03, 2024 15:31
भाईचारे को पहुंचाई गई चोट : अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा, "संभल में भाईचारे को गोली मारी गई है। यह घटना सिर्फ एक सामान्य घटना नहीं है, बल्कि हमारे देश के गंगा-जमुनी तहजीब पर हमला है।" उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार समाज को बांटने की राजनीति कर रही है और इससे देश के मूलभूत भाईचारे को खतरा उत्पन्न हो गया है।
उपचुनाव की तारीख बदले जाने पर उठाए सवाल
सपा अध्यक्ष ने उपचुनाव की तारीख में बदलाव पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, "जब सरकार को लगता है कि चुनावी नतीजे उनके पक्ष में नहीं होंगे तो वे चुनाव की तारीखें बदलने में भी संकोच नहीं करते। यह लोकतंत्र के लिए घातक है।"
नमाज पढ़ने से रोका जाना दुर्भाग्यपूर्ण
अखिलेश ने पुलिस प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, "लोगों को नमाज पढ़ने से रोका गया। यह संवैधानिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है। क्या यह देश संविधान से नहीं चलेगा?" उन्होंने इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया और कहा कि सरकार अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान करने में विफल हो रही है।
न्यायिक प्रक्रिया पर उठे सवाल
उन्होंने अदालत के एक फैसले पर भी सवाल उठाए। जिसमें बिना दूसरे पक्ष को सुने आदेश जारी किया गया था। अखिलेश ने कहा, "न्याय का बुनियादी सिद्धांत है कि दोनों पक्षों को सुना जाए। लेकिन यहां संविधान और न्यायपालिका का दुरुपयोग हो रहा है।"
"यह सरकार संविधान नहीं मानती"
अखिलेश यादव ने सीधे तौर पर सरकार पर हमला करते हुए कहा, "यह सरकार संविधान नहीं मानती। जिस संविधान ने हमें अधिकार दिए हैं। उसी का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है।" उन्होंने संसद में सरकार से जवाब मांगते हुए कहा कि अगर संविधान का पालन नहीं किया गया तो लोकतंत्र कमजोर हो जाएगा।
BJP पर साजिश का आरोप
अखिलेश यादव ने संभल की घटना को BJP की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा, "यह घटना एक सोची-समझी साजिश है। बीजेपी समाज में डर और नफरत का माहौल पैदा करना चाहती है।" उन्होंने सरकार से जवाबदेही की मांग करते हुए कहा कि यह घटना दर्शाती है कि सत्ता में बैठे लोग देश के सौहार्द को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।
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