कभी स्कूल प्रतियोगिता से शुरू किया था दौड़ना : अब फिर से ओलंपिक में इतिहास रचेगी यूपी की बेटी, जानिए पारुल चौधरी की कहानी

अब फिर से ओलंपिक में इतिहास रचेगी यूपी की बेटी, जानिए पारुल चौधरी की कहानी
UPT | पारुल चौधरी

Jul 25, 2024 16:06

पेरिस ओलंपिक में उत्तर प्रदेश के सात एथलीटों में शामिल पारुल चौधरी, अपने प्रदर्शन से न केवल राज्य बल्कि पूरे देश का नाम रोशन करने की उम्मीद जगा रही हैं।

Jul 25, 2024 16:06

Parul Chaudhary : उत्तर प्रदेश की पारुल चौधरी, पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रही हैं। 15 अप्रैल 1995 को मेरठ में जन्मीं पारुल, 5000 मीटर की दौड़ में भारत की टॉप एथलीट हैं। उन्होंने कई बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा है। पेरिस ओलंपिक में उत्तर प्रदेश के सात एथलीटों में शामिल पारुल चौधरी, अपने प्रदर्शन से न केवल राज्य बल्कि पूरे देश का नाम रोशन करने की उम्मीद जगा रही हैं। जानें कैसा रहा उनका अब तक का सफर।

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सीएम योगी ने बनाया DSP
बता दें कि पारुल चौधरी ने एशियाई गेम्स में 5000 मीटर की दौड़ में स्वर्ण हासिल कर इतिहास रचा और वहीं 3000 मीटर स्टीपल चेज में सिल्वर मेडल जीता था। जिसके बाद प्रदेश सरकार ने स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ी पारुल चौधरी को 4.50 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि के साथ ही पुलिस उपाधीक्षक (DSP) के पद पर नौकरी दी थी। 



संघर्षों से भरा रहा है जीवन  
पारुल चौधरी मेरठ में दौराला क्षेत्र के इकलौता गांव निवासी कृष्णपाल सिंह की बेटी है। 
उसका खेल सफर गांव में अपनी बड़ी बहन प्रीति के साथ खेलने से शुरू हुआ। पिता के प्रोत्साहन पर उन्होंने स्कूल की दौड़ प्रतियोगिता में भाग लिया, जो उनके एथलेटिक करियर का आरंभ बिंदु बना। शुरुआती दिनों में, पारुल गांव की टूटी-फूटी सड़कों पर ही अभ्यास करती थीं। बाद में, कोच गौरव त्यागी के मार्गदर्शन में उन्होंने स्टेडियम में प्रशिक्षण लेना शुरू किया। प्रतिदिन सुबह पांच बजे, वह अपने पिता के साथ मुख्य मार्ग तक पहुंचती और वहां से टेम्पो या अन्य वाहनों से स्टेडियम जाती थीं।

चारों भाई-बहनों ने किया नाम रोशन
पारुल चौधरी चार बहन-भाई है। जिसमें दो भाई तो दो बहनें हैं। बड़ा भाई राहुल दीवान टायर फैक्टरी में मैनेजर है, दूसरे नंबर की बहन प्रीति सीआईएसएफ में स्पोर्ट्स कोटे से दरोगा है। तीसरे नंबर की पारुल चौधरी हैं। जो पहले रेलवे में टीटीई थी लेकिन अब पुलिस उपाधीक्षक (DSP) के पद है। चौथे नंबर का भाई रोहित यूपी पुलिस में है। पारुल और प्रीति ने भराला गांव स्थित बीपी इंटर कॉलेज से कक्षा 10 व इंटर की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद मेरठ कॉलेज मेरठ से ग्रेजुएशन की। पटियाला पहुंचकर विवि टॉपर रही।

एशियाई गेम्स में 5000 मीटर की दौड़ से रचा इतिहास
पारुल चौधरी ने एशियाई खेल 2023 में भारत के लिए दो पदक जीतकर इतिहास रचा था। उन्होंने महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ के फाइनल में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया, जो भारत का 14वां स्वर्ण पदक था। इससे पहले, उन्होंने 3000 मीटर स्टीपलचेज में रजत पदक जीता था। 5000 मीटर की दौड़ में, पारुल ने अंतिम क्षणों में अपनी गति बढ़ाकर प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ दिया और स्वर्ण पदक अपने नाम किया। 

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पारुल चौधरी अर्जुन अवार्ड से भी हुई है सम्मानित
मेरठ की बेटी पारुल चौधरी को उनके एथलेटिक प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति खेल पुरस्कार 2023 के तहत प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में प्रदान किया गया। पुरस्कार ग्रहण करने के लिए पारुल अपने पिता कृष्णपाल सिंह के साथ समारोह में उपस्थित हुईं। यह पुरस्कार पारुल के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करने और खेल जगत में उनके योगदान को मान्यता देता है।

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