पौराणिक महत्व के अक्षयवट को श्रद्धालुओं के लिए समर्पित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को प्रयागराज में भव्य अक्षयवट कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। करीब 18 करोड़ रुपये की लागत...
प्रयागराज का अक्षयवट कॉरिडोर : 18 करोड़ की लागत से हो रहा तैयार, पीएम मोदी 13 दिसंबर को करेंगे उद्घाटन
Dec 03, 2024 14:05
Dec 03, 2024 14:05
18 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहा है कॉरिडोर
अक्षयवट कॉरिडोर का निर्माण 2023 में शुरू हुआ था और यह लगभग 10 एकड़ क्षेत्र में फैला है। संगम तट पर स्थित यह कॉरिडोर श्रद्धालुओं के आकर्षण का नया केंद्र होगा। इसके निर्माण में राजस्थान के ढोलपुर से खास लाल पत्थर और मकराना के मार्बल का उपयोग किया गया है। जो इसकी भव्यता में चार चांद लगा रहा है। प्रोजेक्ट इंजीनियर इंचार्ज अभिनव कुमार सिंह ने बताया कि कॉरिडोर का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है और इसे फाइनल टच दिया जा रहा है।
सरस्वती कूप की साज-सज्जा भी जारी
अक्षयवट कॉरिडोर के साथ ही सरस्वती कूप को भी सजाया जा रहा है। कूप के चारों ओर सुंदर फाउंटेन लगाए जा रहे हैं, जो इसकी खूबसूरती को और बढ़ाएंगे। मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए तैयारियों को तेजी से अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्षयवट कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे और इसके साथ ही यह ऐतिहासिक स्थल श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन जाएगा।
450 वर्षों के इंतजार के बाद खुला था अक्षयवट
करीब 450 सालों तक सेना के संरक्षण में रहने वाला अक्षयवट 2019 में आम श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था। इससे पहले किले के अंदर स्थित अक्षयवट का दर्शन करना श्रद्धालुओं के लिए एक सपना जैसा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष प्रयासों से इसे श्रद्धालुओं के लिए खोला गया। 2019 में प्रधानमंत्री ने प्रयागराज में अक्षयवट के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की थी।
रक्षा मंत्रालय के साथ कई दौर की बैठकें
अक्षयवट को आम जनता के लिए खोलने की दिशा में प्रधानमंत्री मोदी ने तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को निर्देश दिए थे। रक्षा मंत्रालय और सैन्य अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकों के बाद यह संभव हुआ। 2019 में कुंभ के दौरान अक्षयवट को श्रद्धालुओं के लिए खोला गया। जिसे प्रधानमंत्री मोदी के दिव्य और भव्य कुंभ के सपने से जोड़कर देखा गया था।
पौराणिक महत्व और ऐतिहासिक धरोहर
अक्षयवट को भारतीय पौराणिक कथाओं में विशेष स्थान प्राप्त है। मान्यता है कि इस वटवृक्ष के दर्शन मात्र से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। अक्षयवट को लेकर कई कथाएं प्रसिद्ध हैं, जिनमें से एक के अनुसार भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण ने भी यहां आकर वटवृक्ष की पूजा की थी। यह स्थल श्रद्धालुओं के लिए गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर एक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में उभर रहा है।
श्रद्धालुओं के लिए ऐतिहासिक अवसर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 13 दिसंबर को अक्षयवट कॉरिडोर के उद्घाटन के साथ ही यह स्थल एक नई भव्यता के साथ खुल जाएगा। लंबे समय से प्रतीक्षित यह परियोजना महाकुंभ 2025 के दृष्टिगत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इससे न केवल श्रद्धालुओं को लाभ मिलेगा बल्कि प्रयागराज को एक नई पहचान भी मिलेगी।
Also Read
4 Dec 2024 07:24 PM
उन्होंने कहा कि असम में हमने फैसला किया है कि किसी भी रेस्तरां या होटल में गोमांस नहीं परोसा जाएगा और साथ ही इसे किसी सार्वजनिक समारोह या सार्वजनिक स्थान पर भी नहीं परोसा जाएगा, इसलिए आज से हमने होटलों, रेस्तरां और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस की खपत को पूरी तरह से बंद करने का ... और पढ़ें