किसान सम्मान निधि की 17वीं किश्त होगी जारी : 5 साल पहले गोरखपुर से शुरू हुई थी योजना, किसे मिलता है इसका फायदा?

5 साल पहले गोरखपुर से शुरू हुई थी योजना, किसे मिलता है इसका फायदा?
UPT | किसान सम्मान निधि की 17वीं किश्त होगी जारी

Jun 18, 2024 17:19

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान सम्मान निधि की 17वीं किश्त जारी करने के लिए वाराणसी पहुंच चुके हैं। इस योजना के तहत 9.6 करोड़ किसानों को किश्त जारी की जाएगी। इसके तहत किसानों के खाते में 20 हजार करोड़ रुपये डाले जाएंगे।

Jun 18, 2024 17:19

Short Highlights
  • किसान सम्मान निधि की 17वीं किश्त होगी जारी
  • 5 साल पहले गोरखपुर से शुरू हुई थी योजना
  • 6,000 रुपये की मिलती है आर्थिक सहायता
New Delhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान सम्मान निधि की 17वीं किश्त जारी करने के लिए वाराणसी पहुंच चुके हैं। थोड़ी देर में उनका संबोधन होगा। तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पीएम मोदी पहली बार वाराणसी पहुंच रहे हैं। इस योजना के तहत करोड़ों किसानों को किश्त जारी की जाएगी। इसके तहत किसानों के खाते में 20 हजार करोड़ रुपये डाले जाएंगे। लेकिन क्या आपको मालूम है कि 5 साल पहले शुरू हुई ये योजना इतनी खास क्यों हैं और इसका फायदा किन्हें मिलता है? अगर नहीं, तो हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं।

क्या है किसान सम्मान निधि योजना?
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का उद्देश्य गरीब और छोटे किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस केन्द्र प्रायोजित योजना के तहत देश के लगभग 14 करोड़ किसान परिवारों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह राशि तीन समान किश्तों में उनके बैंक खातों में सीधे भेजी जाती है। इस योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 फरवरी, 2019 को गोरखपुर, उत्तर प्रदेश से किया था। उन्होंने कहा था कि यह योजना किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी और उनके जीवन स्तर में सुधार लाएगी। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केन्द्र सरकार ने इस योजना के लिए 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।

कौन ले सकता है योजना का लाभ?
किसी भी योजना के लाभार्थी बनने के लिए, किसान परिवारों को कुछ पात्रता मानदंडों को पूरा करना होता है। इस योजना के तहत, केवल वे किसान परिवार लाभान्वित हो सकते हैं जिनके पास कम से कम एक एकड़ जमीन है। इसके अलावा, उन्हें अपने स्वामित्व में किसी भी अन्य गैर-कृषि आय का स्रोत नहीं होना चाहिए। हालांकि, कुछ श्रेणियों को इस योजना के दायरे से बाहर रखा गया है। इनमें शामिल हैं संस्थागत भूमि धारक, केंद्र/राज्य सरकारों के कर्मचारी, पेंशनभोगी (जिनकी मासिक पेंशन 10,000 रुपये से अधिक है), उच्च आयकर अदा करने वाले व्यक्ति, और प्रैक्टिसिंग प्रोफेशनल्स जैसे डॉक्टर, वकील और चार्टर्ड अकाउंटेंट। संवैधानिक पदों के पूर्व और वर्तमान धारक भी इस योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं।

योजना से कैसे जुड़ेंगे किसान?
इस योजना से जुड़ने के लिए, किसान परिवारों को सामुदायिक सेवा केंद्र (सीएससी) के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होता है। उन्हें अपना आधार कार्ड, भूमि स्वामित्व प्रमाण और बैंक खाता विवरण प्रस्तुत करना होता है। विलेज लेवल एंट्रप्रेन्योर (वीएलई) किसान के विवरण दर्ज करता है और सहायक दस्तावेज अपलोड करता है। आवेदन को सेव करने और शुल्क का भुगतान करने के बाद, किसान परिवार को लाभ प्राप्त करना शुरू हो जाता है। हालांकि, कुछ किसान संगठन इस योजना को पर्याप्त नहीं मानते हैं और किसानों की आमदनी को दोगुना करने की मांग करते रहे हैं।

Also Read

यूपी के पूर्व DGP और राज्यसभा सदस्य बृजलाल प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य बने, जानें...

22 Nov 2024 06:23 PM

नेशनल UP News : यूपी के पूर्व DGP और राज्यसभा सदस्य बृजलाल प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य बने, जानें...

उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी और राज्यसभा सांसद बृजलाल को लेकर नई खबर सामने आई है। बृजलाल को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया का सदस्य नियुक्त... और पढ़ें