टाटा ग्रुप के प्रमुख और भारतीय उद्योग जगत के प्रतिष्ठित नाम रतन टाटा की तबियत अचानक बिगड़ गई है। 86 वर्षीय रतन टाटा को सोमवार 7 अक्टूबर को सुबह ब्रीच कैंडी अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया...
रतन टाटा की बिगड़ी तबीयत : खुद पोस्ट कर भर्ती होने के दावों का किया खंडन, कहा- अफवाहों पर न दें ध्यान
Oct 07, 2024 13:26
Oct 07, 2024 13:26
Noida : देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति और टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन नवल टाटा को सोमवार तड़के मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल के ICU में भर्ती किया गया। हालांकि, कुछ ही देर बाद खुद रतन टाटा ने इन अफवाहों को निराधार करार दिया।#RatanNavalTata #TataGroup #RatantataHealth #RatanTata… pic.twitter.com/4qwg6p93Gz
— Uttar Pradesh Times (@UPTimesLive) October 7, 2024
देशभर में दुआओं का दौर शुरू
रतन टाटा का देश और उद्योग जगत में गहरा सम्मान है। उनकी तबियत बिगड़ने की खबर से परिवार और करीबी सहयोगियों के साथ-साथ उनके प्रशंसकों और देशभर के नागरिकों में भी चिंता बढ़ गई है। टाटा समूह के शीर्ष अधिकारी अस्पताल में लगातार संपर्क में बने हुए हैं और टाटा परिवार के सदस्य अस्पताल में मौजूद हैं। टाटा समूह के प्रवक्ता ने सार्वजनिक बयान में देशवासियों से उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करने की अपील की है। रतन टाटा के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हुए देशभर में उनके समर्थकों और प्रशंसकों ने प्रार्थना सभाएं आयोजित की हैं। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने उनकी सेहत को लेकर शुभकामनाएं व्यक्त की हैं।
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1962 से शुरू हुई रतन टाटा की कहानी
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ। वे भारतीय उद्योग के प्रणेता जमशेदजी टाटा के परपोते हैं और टाटा समूह की मजबूत नींव के कारण वे आज भी भारतीय कॉर्पोरेट दुनिया में आदर्श के रूप में देखे जाते हैं। रतन टाटा ने अपने करियर की शुरुआत 1962 में टाटा समूह में एक साधारण कर्मचारी के रूप में की थी।
1990 में बने समूह के अध्यक्ष
रतन टाटा 1990 में समूह के अध्यक्ष बने। जब भारतीय व्यापार क्षेत्र एक नए चरण में प्रवेश कर रहा था। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने अपने पारंपरिक क्षेत्रों से हटकर दूरसंचार, खुदरा और ऑटोमोबाइल जैसे नए क्षेत्रों में प्रवेश किया। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि 2008 में टाटा मोटर्स की ओर से निर्मित दुनिया की सबसे सस्ती कार "टाटा नैनो" रही। जो उनकी सादगी और नवाचार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक थी। उनके नेतृत्व में टाटा ने कई अंतरराष्ट्रीय अधिग्रहण किए। जिसमें टेटली, जैगुआर-लैंड रोवर और कोरस जैसी कंपनियां शामिल हैं।